
इस्तांबुल तक महसूस हुए झटके, तुर्किये में 6.1 तीव्रता का भूंकप
पश्चिमी तुर्किये के बालिकेसिर प्रांत में सोमवार रात 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। तीन इमारतें ढहीं, कोई जनहानि नहीं हुई। झटके इस्तांबुल, इजमिर, बर्सा और मनीसा तक महसूस हुए।
📍 Balikesir, Turkiye
🗓️ 28 अक्टूबर 2025
✍️ असिफ़ ख़ान
पश्चिमी तुर्किये में 6.1 तीव्रता का भूकंप, तीन इमारतें ढहीं
तुर्किये की ज़मीन एक बार फिर काँपी। सोमवार की रात जब अधिकतर लोग अपने घरों में आराम कर रहे थे, उसी वक़्त पश्चिमी तुर्किये के बालिकेसिर प्रांत के सिंदिरगी शहर के नीचे ज़मीन हलचल करने लगी। स्थानीय समयानुसार रात 10 बजकर 48 मिनट पर आया यह भूकंप 6.1 तीव्रता का था।
आपदा और आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (AFAD) के अनुसार, इसका केंद्र ज़मीन से लगभग 5.99 किलोमीटर की गहराई पर था। यह झटका इतना तेज़ था कि इसकी कंपन इस्तांबुल, बर्सा, मनीसा और इजमिर तक महसूस की गई।
भूकंप का वैज्ञानिक विवरण
AFAD और तुर्किये के भूकंपीय निगरानी केंद्रों के मुताबिक यह भूकंप अनातोलियन प्लेट के उत्तर-पश्चिम हिस्से में आया। यह इलाका भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है क्योंकि यह North Anatolian Fault Line के निकट है — वही भू-संरचना जिसने पिछले कई दशकों में तुर्किये को कई बार हिलाया है।
इस फॉल्ट लाइन की जटिलता यह है कि यह भूमध्यसागर से लेकर काला सागर तक फैली हुई है और हर दशक में कुछ हिस्से में हलचल करती रहती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में 5 से 7 तीव्रता के भूकंप आम बात हैं।
क्षति का आकलन
तुर्किये के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि सिंदिरगी में कम से कम तीन खाली इमारतें और दो मंज़िला एक दुकान ढह गईं। राहत की बात यह रही कि ये सभी इमारतें पहले से ही खाली थीं। अधिकारियों ने बताया कि ये संरचनाएँ अगस्त 2025 में आए पिछले भूकंप के दौरान ही क्षतिग्रस्त हो गई थीं और इनके पुनर्निर्माण का काम चल रहा था।
AFAD ने तुरंत राहत दलों को तैनात किया और ड्रोन सर्विलांस के ज़रिए क्षति का आकलन शुरू किया। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस भूकंप में किसी के मारे जाने या घायल होने की सूचना नहीं है।
क्षेत्रीय प्रभाव
बालिकेसिर, मनीसा और बर्सा के स्थानीय प्रशासन ने बताया कि कुछ इलाक़ों में बिजली और संचार सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित हुईं। कई लोगों ने अपने घरों से निकलकर खुले मैदानों में रात बिताई।
इस्तांबुल और इजमिर जैसे बड़े शहरों में हल्के झटके महसूस किए गए लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। तुर्किये के पश्चिमी हिस्से में यह दूसरा बड़ा भूकंप है जो पिछले तीन महीनों में दर्ज हुआ है।
भूकंप का भूगर्भीय परिप्रेक्ष्य
तुर्किये तीन प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों — अफ्रीकन, यूरेशियन और अनातोलियन प्लेट्स — के संगम पर स्थित है। यही वजह है कि यह देश यूरोप और एशिया के उन चंद हिस्सों में शामिल है जहाँ धरती लगातार ‘तनाव’ में रहती है।
भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि जब इन प्लेटों के बीच का दबाव बढ़ता है, तो यह अचानक रिलीज़ होता है और धरती हिलने लगती है। यही प्रक्रिया भूकंप कहलाती है।
तुर्किये के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में 2023 में जो 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, उसी के कारण आज भी भूमिगत दबाव असंतुलित बना हुआ है। उस आपदा में 53,000 से अधिक लोगों की जान गई थी और 11 प्रांतों में लाखों इमारतें तबाह हो गई थीं।
बालिकेसिर क्षेत्र की स्थिति
बालिकेसिर प्रांत की खासियत यह है कि यहाँ शहरीकरण और ग्रामीण इलाक़े दोनों का मिश्रण है। पुराने समय की पत्थर और ईंट की इमारतें अब भी कई जगह मौजूद हैं। हालांकि, सरकार ने 2023 के बाद से इमारतों की संरचना संबंधी नियमों को सख़्त किया है।
AFAD और स्थानीय प्रशासन ने बताया कि सिंदिरगी में ढही इमारतें पुरानी थीं और इनके निर्माण को ‘असुरक्षित’ घोषित किया जा चुका था। इनका ध्वस्त होना, किसी हद तक, एक नियंत्रित स्थिति में हुआ क्योंकि इन्हें पहले ही ख़ाली करा लिया गया था।
राहत और बचाव कार्य
भूकंप के तुरंत बाद AFAD, स्थानीय पुलिस, रेड क्रिसेंट और स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमें सक्रिय हो गईं। रात के अंधेरे में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इमरजेंसी लाइट्स और ड्रोन की मदद से हर इमारत का जायज़ा लिया गया।
तुर्किये में भूकंप प्रबंधन व्यवस्था अब पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा संगठित है। 2023 की त्रासदी के बाद से देश में “Earthquake Preparedness Program” लागू किया गया, जिसके तहत हर प्रांत में एग्ज़िट रूट मैपिंग, रेस्क्यू ड्रिल्स, और क्विक रेस्पॉन्स यूनिट्स को प्रशिक्षित किया गया।
निर्माण और जोखिम प्रबंधन
तुर्किये सरकार ने 2023 के बाद “Urban Transformation Project” शुरू किया था, जिसमें पुराने मकानों को भूकंपरोधी ढांचे में बदलने का लक्ष्य रखा गया। बालिकेसिर और बर्सा में कई इमारतों को तोड़ा गया, लेकिन प्रक्रिया अभी अधूरी है।
भूकंप के ताज़ा झटके ने यह याद दिलाया है कि संरचनात्मक मज़बूती और भवन सुरक्षा केवल कागज़ी नियम नहीं बल्कि ज़रूरी जीवन रक्षा उपाय हैं।
भूकंप से सबक
इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हुआ कि भले ही आधुनिक टेक्नोलॉजी और सिस्टम मौजूद हों, प्रकृति के सामने इंसान अब भी असहाय है।
तुर्किये जैसे देशों ने अपने अनुभवों से यह सीखा है कि भूकंप को रोका नहीं जा सकता, लेकिन उसके नुकसान को कम किया जा सकता है।
इसी सोच के तहत तुर्किये ने “AFAD Risk Reduction Strategy 2024–2028” शुरू की है, जिसका उद्देश्य हर शहर में भूकंपीय जोखिम मानचित्र तैयार करना, सुरक्षा ड्रिल आयोजित करना, और भवन कोड को अद्यतन करना है।
मानवीय पहलू
रात के झटकों के बाद लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में कई लोग मस्जिदों और पार्कों में शरण लिए हुए दिखे।
हालांकि सरकार ने बाद में स्थिति सामान्य घोषित कर दी, लेकिन यह डर अब भी लोगों के मन में है कि “कहीं अगला झटका और बड़ा न हो।”
भूकंपीय निगरानी और चेतावनी प्रणाली
तुर्किये अब अपने Early Warning System को और मज़बूत कर रहा है। हाल ही में जापान के सहयोग से एक नई डिजिटल नेटवर्क प्रणाली बनाई जा रही है जो झटके से पहले कुछ सेकंड की चेतावनी दे सकेगी।
इस सिस्टम का परीक्षण इस्तांबुल और अंकारा में चल रहा है। अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो भविष्य में हजारों ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
तुर्किये का भूकंपीय अनुसंधान संस्थान “Kandilli Observatory” लगातार ज़मीन की हलचल रिकॉर्ड कर रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी तुर्किये में छोटे-छोटे झटके यह संकेत देते हैं कि भूमिगत दबाव धीरे-धीरे निकल रहा है, जिससे बड़े भूकंप की संभावना फिलहाल कम है।
निष्कर्ष
तुर्किये का यह भूकंप भले ही जानलेवा न रहा हो, लेकिन यह एक चेतावनी है कि प्रकृति हमें बार-बार अपनी ताक़त का एहसास कराती है।
सिंदिरगी और बालिकेसिर में राहत दलों की तेज़ कार्रवाई, नागरिकों की सतर्कता, और प्रशासन की तैयारी ने इस आपदा को एक “प्रभावी प्रबंधन केस” बना दिया है।
तुर्किये के अनुभव से दुनिया के बाकी देशों को यह सीख मिलती है कि आपदा आने के बाद नहीं, उससे पहले तैयारी करना ज़रूरी है।




