
दिल्ली-NCR में फिर हिली धरती, झज्जर बना भूकंप का केंद्र, जानें पूरा अपडेट
4.4 के बाद अब 3.7 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-NCR पर मंडरा रहा है खतरा?
दिल्ली-NCR और झज्जर में लगातार दूसरे दिन भूकंप (Earthquake) के झटके, 3.7 तीव्रता से दहशत का माहौल, जानें एक्सपर्ट्स की राय और सुरक्षा उपाय।
दिल्ली-NCR और झज्जर-रोहतक में फिर हिली धरती: लगातार दूसरे दिन भूकंप से दहशत, जानें कारण और एक्सपर्ट्स की राय
🧭 भूकंप की ताजा जानकारी
New Delhi (Shah Times)। दिल्ली-NCR समेत हरियाणा के झज्जर और रोहतक जिलों में शुक्रवार शाम को भूकंप (Earthquake) के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई, जबकि केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में स्थित था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह झटका शाम 7:49 बजे दर्ज हुआ और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
इससे ठीक एक दिन पहले गुरुवार सुबह 9:04 बजे भी इसी क्षेत्र में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था। लगातार दो दिनों में धरती के हिलने से लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल बन गया है।
🏠 लोगों में दहशत, जानमाल का नुकसान नहीं
दिल्ली और हरियाणा के कई हिस्सों में जैसे ही झटके महसूस हुए, लोग घरों और इमारतों से बाहर निकल आए। झज्जर, रोहतक, बहादुरगढ़ और पश्चिमी दिल्ली के क्षेत्रों में सोशल मीडिया पर भी लोगों ने भूकंप महसूस होने की पुष्टि की।
हालांकि कोई बड़ा जानमाल का नुकसान या इमारतों को क्षति की खबर नहीं है, फिर भी आपात स्थिति में सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।
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🌍 भूकंप क्यों आ रहे हैं दिल्ली-NCR में?
दिल्ली-NCR और इसके आसपास का क्षेत्र भूकंप संभावित क्षेत्र (Seismic Zone IV) में आता है। यह क्षेत्र कई भूगर्भीय फॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जो धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की सक्रियता से जुड़ी हैं। इनमें शामिल हैं:
- महेन्द्रगढ़-देहरादून फॉल्ट (MDF)
- दिल्ली-हरिद्वार रिज (DHR)
- दिल्ली-सरगोधा रिज (DSR)
- सोहना फॉल्ट
- मथुरा फॉल्ट
इनमें MDF (महेन्द्रगढ़-देहरादून फॉल्ट) सबसे सक्रिय मानी जाती है। यही फॉल्ट लाइन हरियाणा के झज्जर और महेन्द्रगढ़ से लेकर उत्तराखंड के देहरादून तक फैली हुई है, जो दिल्ली-NCR जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरती है।
📈 गुरुवार और शुक्रवार के झटकों में क्या फर्क था?
दिन | समय | तीव्रता | केंद्र | प्रभाव |
---|---|---|---|---|
10 जुलाई | सुबह 9:04 | 4.4 | झज्जर | तेज झटका, लोग बाहर निकले |
11 जुलाई | शाम 7:49 | 3.7 | झज्जर | हल्का झटका, दहशत बरकरार |
🧠 एक्सपर्ट्स की राय: आफ्टरशॉक्स और बढ़ती टेंशन
भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुवार को आए 4.4 तीव्रता के भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) आने की आशंका पहले से ही थी। शुक्रवार का 3.7 तीव्रता वाला भूकंप उसी का हिस्सा हो सकता है।
आईआईटी रूड़की के भूगर्भ विज्ञानी प्रो. एम.के. शर्मा के अनुसार:
“दिल्ली-NCR का इलाका हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट और इंडियन प्लेट के टकराव से लगातार तनाव में रहता है। जब ये तनाव बाहर आता है, तो हल्के से मध्यम तीव्रता वाले भूकंप आते हैं।”
⚠️ क्या खतरा टला नहीं है?
हालांकि अभी तक कोई बड़ी क्षति नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार झटके एक बड़े भूकंप के संकेत भी हो सकते हैं।
विशेष रूप से:
- बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों को भूकंप सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।
- स्कूल, अस्पताल और भीड़भाड़ वाले स्थानों में भूकंप ड्रिल अनिवार्य की जानी चाहिए।
🧯 भूकंप सुरक्षा के जरूरी उपाय
✅ भूकंप आने पर क्या करें?
- किसी मजबूत टेबल के नीचे छिपें
- सिर और गर्दन को हाथ से ढकें
- खिड़कियों और भारी अलमारियों से दूर रहें
- लिफ्ट का प्रयोग न करें
- बाहर जाने की जल्दी न करें जब तक झटके थम न जाएं
🚫 भूकंप के बाद क्या न करें?
- गैस या बिजली चालू न करें जब तक लीकेज चेक न कर लें
- अफवाहें न फैलाएं
- भीड़ में न घुसें, धैर्य रखें
📊 दिल्ली-NCR: भविष्य में क्या खतरे?
दिल्ली-NCR की हिमालय से निकटता और घनी आबादी इसे विशेष रूप से संवेदनशील बनाती है। भूवैज्ञानिक आंकड़ों के अनुसार:
- 2001 से अब तक इस क्षेत्र में 20 से अधिक भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं
- 3.0 से 5.0 तीव्रता के झटके सबसे आम
- भविष्य में 6.0 या उससे ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता
📣 सरकार और प्रशासन को क्या करना चाहिए?
- भूकंप आपात योजना (Earthquake Emergency Plan) को अपग्रेड किया जाए
- भूकंपीय मैपिंग और सेंसिंग सिस्टम को और आधुनिक बनाया जाए
- जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं
- पुरानी इमारतों की स्ट्रक्चरल सेफ्टी जांच जरूरी हो
📌 निष्कर्ष
दिल्ली, झज्जर और रोहतक में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटकों ने यह दिखा दिया है कि NCR क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से कितनी संवेदनशील स्थिति में है। भले ही अभी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह चेतावनी है कि हम भविष्य की तैयारियों में कहीं पीछे न रह जाएं।