देश में बुजुर्ग हो रहे हैं लगातार ग्रैंडपेरेंट स्कैम का शिकार

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साइबर ठग ग्रैंडपेरेंट स्कैम को अपना रहे है। इस स्कैम में साइबर ठग बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं।

~Nelaam Saini

New Delhi ,(Shah Times) । देश में लगातार साइबर ठगी मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठग कोई न कोई नए उपाय खोजते रहते हैं और फिर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। अब कुछ महीनों से साइबर ठग ग्रैंडपेरेंट स्कैम को अपना रहे है। इस स्कैम में साइबर ठग बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं। वह पहले बुजुर्गों को पोता या पोती बनकर फोन करते हैं और किसी मुसीबत में होने का दावा करके उनसे पैसों की मांग करते हैं। इतना ही नहीं, साइबर ठग कई बार बुजुर्गों को अपनी बातों में उलझाकर उनसे बैंकिंग डिटेल जैसी पर्सनल जानकारी भी हासिल कर लेते हैं।

हालांकि भारत में ग्रैंडपेरेंट स्कैम की घटनाएं अभी बेहद कम हैं। लेकिन फिर भी हमें इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। तो चलिए आज हम बात करते हैं ग्रैंडपेरेंट स्कैम की। आखिर ये स्कैम क्या है और साइबर ठग इससे कैसे अंजाम देते हैं।

दरअसल देश में साइबर ठगी के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़े हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस साल जनवरी से लेकर अप्रैल तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गई हैं। साइबर क्रिमिनल्स ने इन्हीं चार महीनों में भारतीयों से 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है।

साइबर ठग हर रोज ठगी के नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल ही में साइबर ठगों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया है। इसे ग्रैंडपेरेंट्स स्कैम का नाम दिया गया है। इसमें बुजुर्गों को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में यूरोप और अमेरिकी महाद्वीप में ग्रैंडपेरेंट्स स्कैम के मामले में तेजी आई है। क्योंकि वहां ग्रैंडपेरेंट्स और बच्चें एक दूसरे से कनेक्ट नहीं होते हैं। इससे उसके बीच कम्युनिकेशन गैप होता है।

इस स्कैम के जरिए साइबर ठग बुजुर्गों को अपना निशाना बनाते हैं। वह पहले बुजुर्गों को पोता या पोती बनकर फोन करते हैं और किसी मुसीबत में होने का दावा करके उनसे पैसों की मांग करते हैं। इतना ही नहीं, साइबर ठग कई बार बुजुर्गों को अपनी बातों में उलझाकर उनसे बैंकिंग डिटेल जैसी पर्सनल जानकारी भी ले लेते हैं।
चूंकि स्कैम का यह तरीका नया है और अधिकांश बुजुर्गों को टेक्नोलॉजी की ज्यादा समझ नहीं होती। इसलिए बुजुर्गों को इस स्कैम का शिकार बनाना आसान है।

साइबर ठग कैसे देते हैं ग्रैंडपेरेंट स्कैम को अंजाम

साइबर ठग पोता या पोती बनकर बुजुर्गों से बात करते हैं। ज्यादातर ठग ‘एक्सीडेंट हो गया है या वे किसी बड़ी मुसीबत में हैं।’ या फिर किसी यात्रा के दौरान फोन या पर्स चोरी होने की बात कहते हैं और तत्काल पैसे भेजने की मांग करते हैं। इस दौरान साइबर ठग बुजुर्गों से अपील करते हैं कि परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी न दें। अकसर पोता-पोती बनकर बोलते हैं कि वह ये बात मम्मी या पापा को इन बारे में मत बताना। वे नाराज हो जाएंगे।

देर रात को फ़ोन करना

साइबर ठग अक्सर बुजुर्गों को देर रात को फोन करते है। क्योंकि देर रात नींद में किसी कॉल के आने पर वृद्ध व्यक्तियों को आसानी से अपनी बातों में किया जा सकता है। इसी के साथ ठग अपनी कहानी को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए कई बार किसी तीसरे पक्ष को भी शामिल करते हैं।

जिसमें फर्जी पुलिसकर्मी या वकील बनकर पोते के किसी केस में फंसने की बात कही जाती है। इससे बुजुर्ग जल्दी झांसे में आ जाते हैं।

कैसे करे ग्रैंडपेरेंट्स स्कैम की पहचान

एक बार जब साइबर स्कैमर्स ने किसी बुजुर्ग को विश्वास दिला दिया की वह उनके पोता या पोती का ही फोन है तो स्कैम करना आसान है। ऐसे में इस स्कैम को पहचानने के लिए कुछ पॉइंट्स शायद आपको ठगी का शिकार होने से बचा सकते हैं।

•साइबर ठग कॉल के बाद तुरंत अपनी पहचान नहीं बताता

•साइबर ठग आपको ऐसी जानकारी देने के लिए अपने झांसे में लेते हैं, जिसके बारे में वे खुद नहीं जानते।

उदाहरण के लिए वे यह कहकर शुरुआत कर सकते हैं। ‘दादी, यह मैं हूं’ या ‘मैं आपका पोता बोल रहा हूं’। जिससे आप रिप्लाई में अपने पोते के नाम जरूर लेगें। इसके बाद वह आपके द्वारा बताए गए नाम को ही अपनी पहचान बताने लगते हैं।

अगर एक बार आप साइबर ठग को पैसे ट्रांसफर कर देते हैं तो पैसे वापस आना बहुत मुश्किल है। इसलिए सतर्क रहने की बहुत जरूरत है। ताकि पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी सुरक्षित रहे।

ग्रैंडपेरेंट स्कैम का शिकार होने पर एक क्या करे

साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि इसकी शिकायत कहीं भी दर्ज करवाई जा सकती है।

•पीड़ित व्यक्ति जिले की साइबर सेल या फिर नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत कर सकता है।

•साइबर क्राइम के पोर्टल पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं।

•साइबर ठगी का शिकार होने वाले लोग हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

•डिटेल के साथ साइबर क्राइम संबंधी जो भी सुबूत पास हों, उसे तुरंत उपलब्‍ध कराएं।

•शिकायत दर्ज करवाने के बाद कंप्लेन नंबर जरूर ले लें।

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