
Zakir Rana joined Congress in the Congress Executive oath taking ceremony held in Muzaffarnagar-Shah Times
कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर ज़ाकिर राणा ने थामा हाथ, सलमान खुर्शीद ने साधा निशाना
सलमान खुर्शीद का कांग्रेसियों से आह्वान – ‘गांव-गांव लेकर जाएं प्रेम और भाईचारे का संदेश,ज़ाकिर राणा की एंट्री ने संगठन में भरी नई ऊर्जा
मुज़फ्फरनगर में ज़ाकिर राणा ने कांग्रेस का दामन थामा। सलमान खुर्शीद बोले– देश को नफरत की राजनीति से बचाना जरूरी है।
मुज़फ्फरनगर,(Shah Times) । रविवार को मुज़फ्फरनगर में राजनीतिक हलचल के केंद्र में एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और राणा ग्रुप के चेयरमैन ज़ाकिर राणा ने औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यह निर्णय उन्होंने जिला एवं नगर कांग्रेस कमेटी की नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लिया, जिसमें पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
ज़ाकिर राणा का कांग्रेस में शामिल होना न केवल एक औपचारिक राजनीतिक कदम था, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश भी। उनकी सामाजिक, आर्थिक और व्यापारिक पहुंच को देखते हुए इसे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीतिक बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है।
🔵 “धर्मनिरपेक्ष सोच और संविधान की रक्षा के लिए आया हूं कांग्रेस में” – ज़ाकिर राणा
कार्यक्रम में मंच से बोलते हुए ज़ाकिर राणा ने कहा –
“मैं कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष सोच और संविधान की रक्षा के संकल्प से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुआ हूं। समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए यह मेरा कर्तव्य है। अब मैं कांग्रेस की नीतियों के साथ मिलकर आमजन तक पहुंच बनाऊंगा।”
राणा के इस ऐलान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया। फूल मालाओं और नारों के बीच माहौल पूरी तरह जोशीला हो गया।



🔴 सलमान खुर्शीद का तीखा संदेश: “विभाजनकारी राजनीति से देश को बचाना अब जरूरी हो गया है”
इस कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जो कहा, वह केवल बयान नहीं बल्कि देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों की आलोचनात्मक समीक्षा थी। उन्होंने कहा कि आज का भारत आत्ममंथन की स्थिति में है और देश को नफ़रत, ध्रुवीकरण और असहिष्णुता से बचाना अब आवश्यक हो गया है।
“जब हम भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की ओर देखते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि आज चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन हमारा हौसला और जिम्मेदारी उससे कहीं अधिक है। कांग्रेस सिर्फ सत्ता की पार्टी नहीं, बल्कि संघर्ष और बलिदान की प्रतीक रही है।”
🟢 विविधता, भाईचारा और संविधान – यही हैं भारत की आत्मा
खुर्शीद ने साफ कहा –
“भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है। आज जिन ताकतों का मकसद समाज को बांटना है, उनका जवाब हमें प्रेम, एकता और संवाद से देना होगा।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं को गांधी, नेहरू और अब्दुल कलाम के विचारों पर लौटने की बात कही और देश को धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक समरसता और विज्ञान-युक्त राष्ट्र निर्माण की ओर ले जाने की अपील की।
विभाजनकारी सोच से भारत को बचाना जरूरी: सलमान खुर्शीद
🟠 आस्था का सम्मान और लोकतांत्रिक चेतना – सत्यपाल कटारिया का संदेश
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सत्यपाल कटारिया ने इस अवसर पर कहा –
“हर किसी की आस्था का सम्मान ही भारत की परंपरा है और कांग्रेस इसकी रक्षा के लिए हमेशा खड़ी रही है। कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे जनता के बीच जाएं, उनके सुख-दुख में सहभागी बनें।”
उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र को बचाने के लिए जन संवाद और संगठनात्मक मजबूती ज़रूरी है।
🟣 शक्ति प्रदर्शन और नेतृत्व का आह्वान
इस शपथ ग्रहण समारोह को कांग्रेस के लिए नेतृत्व और एकजुटता के प्रदर्शन के रूप में भी देखा गया। कार्यक्रम में शामिल रहे प्रमुख नेता –
- पूर्व सांसद सईदुज्जमा
- पूर्व मंत्री दीपक कुमार
- नगर अध्यक्ष रंजन मित्तल
- प्रदेश सचिव अब्दुल्ला आरिफ
- युवा नेता सलमान सईद
- रिजवान सिद्दीकी, हरेंद्र त्यागी, महफूज राणा, कफील अनवर, असद फारुकी, सगीर मलिक आदि।
सभी ने एक सुर में कहा कि अब वक्त है जनता के मुद्दों को लेकर जमीन पर उतरने का।
🟤 राजनीति में संवाद की वापसी ज़रूरी – सलमान खुर्शीद
पूर्व विदेश मंत्री ने यह भी कहा –
“आज जब सत्ता पक्ष संवाद से भाग रहा है, तब विपक्ष की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हमें आलोचना नहीं, समाधान और संवाद की राजनीति करनी है।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं को लोकतंत्र की रक्षा के लिए ईमानदारी, विचारधारा और परिपक्वता के साथ आगे बढ़ने को कहा।
✅ निष्कर्ष: एकता, संवैधानिक मूल्यों और संवाद ही हैं कांग्रेस की पूंजी
मुज़फ्फरनगर में हुआ यह आयोजन केवल एक संगठनात्मक कार्यक्रम नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा, रणनीतिक सोच और नेतृत्व को मजबूती देने वाला मंच साबित हुआ।
ज़ाकिर राणा जैसे सामाजिक-आर्थिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति की कांग्रेस में भागीदारी और सलमान खुर्शीद जैसे अनुभवी नेताओं की चेतावनी से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस अब विचारधारा आधारित राजनीति और संविधान के मूल्यों की रक्षा के एजेंडे को और भी आक्रामक रूप से सामने लाने जा रही है।






