
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में कई लाख कर्मचारियों का दुख दहलाने वाला हैं किस तरह से अपने हक के लिए सरकार के सामने झुके पड़े हैं।
लेकिन सरकार उनके हक को देने में अभी तक फैसला नही ले रही है जिस तरह से सभी अधिकारी अपनी ईमानदारी से ड्यूटी का कर्तव्य निभाते उसको देखते हुए भी सरकार कोई फैसला नहीं ले रही है।
क्या देश के प्रधान सेवक कहलाने वाले देश की जनता की धड़कन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को कर्मचारियों की आवाज और उनकी हक की लड़ाई नही नजर आ रही हैं इतने समय से कर रहे संघर्ष डॉक्टर्स मंजीत सिंह पटेल और भारत के सभी राज्यों के कर्मचारियों का संघर्ष प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी जी को कब नजर आएगा देश के प्रधान सेवक से अपने हक को मांग रहे लेकिन सरकार कोई फैसला लेने को तैयार नही है आखिर कब आएगा।
वो दिन जो देश को अपनी सेवा देने वालो के हक में फैसला आएगा। सभी कर्मचारियों को उम्मीद हैं देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी पर जरूर कर्मचारियों के दुख को अपना समझेंगै और उनके हक में ऐतिहासिक फैसला लेंगे।
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर आज जंतर मंतर पर नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के बैनर तले हजारों कर्मचारियों ने धरना दिया। धरने में केंद्र सरकार के सीएजी, ऑडिट, एम्स, रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, नर्सेज, पैरामिलिट्री, डिफेंस, बीएमएचआरसी, दिल्ली विश्व विद्यालय, इग्नू आदि से सैकड़ों कर्मचारियों के साथ साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पंजाब से हजारों कर्मचारियों ने शिरकत की। आंदोलन को नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के बैनर तले किया गया और इसे पेंशन जयघोष महारैली का नाम दिया गया।
पेंशन जयघोष महारैली का नेतृत्व ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉयज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मंजीत सिंह पटेल ने की।
रैली को संबोधित करते हुए पटेल ने कहा कि अगर कर्मचारियों को सरकार ने लोकसभा चुनाव तक गारंटीड पेंशन बहाल नहीं की तो अगले वर्ष नई सरकार के शपथ ग्रहण पर संसद का घेराव किया जाएगा। रैली में उत्तर प्रदेश से कई बड़े नेता रामलाल यादव, क्रांति सिंह, क्रांति सिंह, प्रदीप सरल, डा. प्रदीप, जेपी पांडे, बसंतलाल गौतम, पद्मनाभ, सैयद शारिक आदि शामिल हुए। रामलाल यादव ने कहा कि जल्दी ही पुरानी पेंशन बहाली के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी में बड़ा आंदोलन करेंगे।
फ़ेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव सुधीर रूप के साथ महाराष्ट्र से मोहम्मद जुल्फिकार अहमद इग्नू से संजीव वर्मा एम्स से बंटी कुमार चंडीगढ़ पीजीआई नेता सत्यवीर ठाकुर और मजनिक मध्य प्रदेश से जनक रावत भोपाल से शशिकांत शर्मा पंजाब से अमरदीप कौर नागालैंड से महुआ हिमाचल से लड चौहान आदि शामिल हुए फेडरेशन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि ऑल इंडिया एनपीएस एम्पलाइज फेडरेशन पूरे भारत के एनपीएस कर्मचारियों की संस्था है जो एनपीएस कर्मचारियों के हितों के लिए तत्पर है और वह जब तक एक देश एक संविधान की तर्ज पर एक देश एक पेंशन की अवधारणा को पूरा नहीं कर लेती तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
फेडरेशन की दिल्ली टीम से अमित पांडे, राजेश भाटी, चाणिका, टीकम यादव, सुधीर शर्मा दिलीप, बसंत पुरण, श्याम, प्रदीप, समरेंद्र, अलका राणा, दिनेश प्रजापति, अतुल पांडे, विजय तिवारी, श्याम सुंदर, इकबाल कासिम, तरुणा शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह, विष्णु गुप्ता, लोकेश वर्मा, मनीष सांखला, डॉक्टर संजीव कुमार, रविंद्र कठेरिया, गौरव वट्स, अनीश गुप्ता, राजेंद्र ओला, मिथिलेश, मनीष कुमार, इरफान अली खान, आदि मौजूद रहे।
डिफेंस के नेता और संस्था के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद जुल्फिकार अहमद ने कहा कि भारत सरकार ने एक तरफ तो आर्म्ड फोर्सज को पुरानी पेंशन में रखा है और दूसरी तरफ इसी मंत्रालय के पैरामिलिट्री और ऑर्डिनेंस के कर्मचारियों को एनपीएस में रखकर उनका शोषण कर रही है।
आखिर एक देश में एक ही मंत्रालय में दो अलग-अलग प्रावधान को डिफेंस कर्मचारी कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। कर्मचारियों का कहना था कि जंतर मंतर पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर यह साल की अंतिम रैली है। यदि सरकार ने गारंटीड पुरानी पेंशन बहाली का जल्द फैसला नहीं लिया तो फेडरेशन 2024 में सरकार का स्वागत संसद घेराव से करेगी।
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