
अदावतें हुई दूर, साथ आए टिकैत और योगराज --
रिपोर्ट :नदीम सिद्दीकी
करवाड़ा पंचायत में लगी समाजिक मोहर
मुजफ्फरनगर। पिछले 35 वर्षों से चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत (Chaudhary Mahendra Singh Tikait) के परिवार से चली आ रही चौधरी जगबीर सिंह (Chaudhary Jagbir Singh) के परिवार की अदावतें और आपसी मनमुटाव रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के प्रयास और समाज के गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप से पारिवारिक मिलन में बदल गए।
करवाड़ा गांव में हुई पंचायत में टिकैत परिवार से राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और गौरव टिकैत (Gaurav Tikait) तथा जगबीर सिंह (Jagbir Singh) परिवार से पूर्व मंत्री योगराज सिंह (Yograj Singh) और उनके बड़े भाई लेखराज सिंह शामिल हुए। पूर्व मंत्री योगराज सिंह (Yograj Singh) ने कहा कि यह फैसले का ऐतिहासिक दिन है। यह दोनों परिवारों के मनमुटाव दूर होकर आत्मिक मिलन का दिन है। जो भी अराजनैतिक स्तर पर किसान आंदोलन होगा उसमें वह बढ़ चढ़कर भागीदारी करेंगे।
गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन (BKU) और चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत (Chaudhary Mahendra Singh Tikait) से अलग विचारधारा रखने वाले किसान नेता गांव अलावलपुर निवासी चौधरी जगबीर सिंह (Chaudhary Jagbir Singh) की छह सितंबर 2003 को भौराकलां थाना क्षेत्र के अलावलपुर माजरा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी इस मामले में पिछले वर्ष जुलाई में आरोपी चौधरी नरेश टिकैत को सेशंन कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। सेशंस कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ हाईकोर्ट में फिलहाल अपील लंबित है।
सिसौली पहुंचे योगराज को नरेश टिकैत ने लगाया गले
करवाड़ा गांव में आपसी मनमुटाव दूर होकर दोनों परिवारों में समझौता होने के बाद स्वर्गीय चौधरी जगबीर सिंह के दोनों पुत्र पूर्व मंत्री योगराज सिंह व उनके बड़े भाई लेखराज सिंह सिसौली पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत ने योगराज सिंह व लेखराज सिंह को गले लगाकर उन्हें आशीर्वाद दिया। इस दौरान योगराज सिंह में लेखराज सिंह किसान भवन भी गए। चौधरी टिकट के घर पर उन्हें हलवा भी खिलाया गया। दो दशक से भी अधिक समय बाद योगराज सिंह और लेखराज सिंह सिसौली में चौधरी नरेश टिकैत से मिले हैं।
योगराज सिंह के घर पहुंचे राकेश टिकैत ने खुशी जताई
पंचायत में मनमुटाव दूर होने के बाद शाम के समय योगराज सिंह के आवास पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे। इस दौरान योगराज सिंह के घर पर रालोद विधायक अनिल कुमार, पूर्व विधायक नूर सलीम राना, पूर्व विधायक नवाजिश आलम खान, रालोद के मंडल प्रभारी प्रभात तोमर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक, पुष्पेंद्र उर्फ पप्पू ठेकेदार समेत बड़ी संख्या में समाज के लोगों के बीच राकेश टिकैत ने कहां कि फैसला जब भी हो किसी भी परिस्थिति में हो सही होता है।
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उन्होंने कहा कि फैसला तो कोर्ट कर चुका था लेकिन इस पर सामाजिक मोहर आज लगी है। योगराज सिंह ने भी फैसला किया जाने के पीछे रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) और समाज के गणमान्य लोगों का दबाव बताया। उन्होंने कहा कि चौधरी नरेश टिकैत खाप के चौधरी है। उनका आशीर्वाद आज प्राप्त हुआ है। उपस्थित सभी लोगों ने फैसले पर खुशी जताई।
योगराज ने 2007 के चुनाव में राकेश दी थी पटखनी
जिस खतौली विधानसभा सीट (Khatauli assembly seat) के 1989 में हुए चुनाव के दौरान टिकैत परिवार और जगबीर सिंह परिवार के बीच मनमुटाव शुरू हुआ था उसी खतौली विधानसभा सीट (Khatauli assembly seat) पर 2007 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े योगराज सिंह (Yograj Singh) ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को बुरी तरह हरा दिया था।
उस समय भारतीय किसान यूनियन (BKU) अपने राजनीतिक विंग बीकेडी (बहुजन किसान दल) को बनाकर चुनाव में उतरी थी। खतौली सीट से राकेश टिकैत खुद चुनाव में उतरे थे और उनके पिता चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत (Chaudhary Mahendra Singh Tikait) ने भी अराजनैतिक होने के बावजूद राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का प्रचार भी किया था। चुनाव में राकेश टिकट मुख्य मुकाबले में भी नहीं आ सके थे और चौथे स्थान पर रहे थे।