
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (EX RJD MP Prabhunath Singh) को 1995 में बिहार (Bihar) के छपरा (Chhapra) में एक मतदान केंद्र के पास दो लोगों की गोली मारकर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल (Sanjay Kishan Kaul), न्यायमूर्ति अभय एस ओका (S Oka) और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (Vikram Nath) की पीठ ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
सजा सुनाने के बाद बेंच ने कहा कि हमने पहले कभी ऐसा नहीं देखा। दोषी पूर्व सांसद सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी (A M Singhvi) और आर बसंत की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, “एकमात्र विकल्प आजीवन कारावास या मौत की सजा है।” सिंह के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि उन्होंने सजा की अवधि के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की है। इस पर पीठ ने कहा कि उनकी याचिका पर नियमानुसार उचित समय पर चैंबर में विचार किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह फैसला सुनाया। पीड़ित के परिवार के सदस्य हरेंद्र राय ने 02 दिसंबर 2021 के उच्च न्यायालय (High Court)) के फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिसने निचली अदालत के 24 अक्टूबर 2008 के फैसले को बरकरार रखा था। निचली अदालत ने सिंह और छह अन्य को 18 वर्षीय राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की हत्या से संबंधित सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।
गौरतलब है कि पूर्व सांसद सिंह पहले से ही हत्या के एक अन्य मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।