
सोमांश प्रकाश ने अपने व्यक्तित्व से जिले और प्रदेश की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी
Muzaffarnagar,(Shah Times) । राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले वयोवृद्ध राजनेता पूर्व विधायक और टिकोला चीनी मिल के संस्थापकों में से एक उद्यमी सोमांश प्रकाश का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।वह 85 साल के थे । उन्हें इलाज के लिए नई दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जिले के वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश का दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया है। वह वर्तमान में एसडी कॉलेज एसोसिएशन और शुकदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट शुकतीर्थ के अध्यक्ष थे और कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए थे। वह करीब 86 साल के थे। पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश कभी देश की राजनीति में बड़ा नाम थे। वह करीब 10 साल तक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे और पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के बेहद करीबी राजनेता माने जाते थे।
नई मंडी वकील रोड स्थित सोमांश प्रकाश के घर पर बैठकर ही विश्वनाथ प्रताप सिंह ने राजीव गांधी सरकार से रक्षा मंत्री और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। जनता दल का गठन होने पर सोमांश प्रकाश को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया था। जम्मू-कश्मीर से यहां आकर 1989 में चुनाव लड़ने वाले मुफ्ती मोहम्मद सईद भी उनके करीबियों में शामिल थे। प्रधानमंत्री रहते हुए विश्वनाथ प्रताप सिंह उनके आवास पर भी आऐ थे।
भूदान आंदोलन में अपनी विरासत में मिली जमीन दान कर चर्चा में आए पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पश्चिमी यूपी के दौरे पर थे। बोफोर्स मामले ने तूल पकड़ा। तत्कालीन राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे वीपी सिंह नई मंडी स्थित पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश के आवास पर पहुंचे और यहीं से सरकार को अपना इस्तीफा भेजा। इसके बाद 1989 में मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और चुनाव लड़ाया।
लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति में शामिल रहे सोमांश प्रकाश को जनता दल का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया। वे पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के बेहद करीबी थे। पश्चिम में जनता दल को मजबूत करने और टिकट बंटवारे में उनकी अहम भूमिका रही।
सोमांश प्रकाश 1980 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर थाना भवन विधानसभा सीट से विधायक बने थे। 1989 में वह जनता दल के टिकट पर मुजफ्फरनगर सीट से विधायक बने। इसके बाद वह एक बार थाना भवन से विधानसभा पहुंचे। मूल रूप से शामली जिले के बाबरी गांव निवासी सोमांश प्रकाश दो दशक से अधिक समय तक मुजफ्फरनगर के सबसे बड़े शैक्षिक ट्रस्ट एसडी कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वह पिछले दो दशक से भागवत पीठ शुकतीर्थ का संचालन करने वाले श्री शुकदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट के भी अध्यक्ष थे। उनके परिवार ने मीरापुर रामराज के बीच टिकौला में शुगर मिल और डिस्टलरी भी लगाई है। उनके पोते कंदर्व स्वरूप वर्तमान में गांधी पॉलिटेक्निक में मैनेजर हैं।
सोमांश प्रकाश ने अपना पहला चुनाव इंदिरा कांग्रेस के टिकट पर 1980 में थाना भवन सीट से लड़ा था, जिसमें उन्होंने राव राफे खान को हराया था। 1985 में उन्हें अमीर आलम से हार का सामना करना पड़ा। 1989 में सोमांश प्रकाश ने जनता दल के टिकट पर शहर सीट से महेंद्र प्रकाश डागा को हराया। इसके बाद 1991 में उन्होंने फिर जनता दल के टिकट पर थाना भवन से भाजपा के ठाकुर जगत सिंह को हराया।
सोमांश प्रकाश ने अपने व्यक्तित्व से जिले और प्रदेश की राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी थी। उनके लंबे राजनीतिक जीवन में उनकी यादें और शब्द हमेशा हमारी स्मृति में रहेंगे। वर्ष 1978 में नगर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जनसभा हुई थी, जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन जिला अध्यक्ष सोमांश प्रकाश ने 1.31 लाख का चंदा एकत्रित किया था। शामली जिले का गांव बाबरी उनकी पैतृक भूमि है। उनके पिता लाला इंद्र प्रकाश ने मुजफ्फरनगर की नई मंडी में औद्योगिक क्षेत्र में नाम कमाया था। वीतराग स्वामी कल्याणदेव ने जब शुकतीर्थ का जीर्णोद्धार शुरू कराया तो लाला इंद्र प्रकाश भी उनके विशेष सहयोगी बन गए। सोमांश प्रकाश ने पिता के कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ किया। वे शिक्षा ऋषि के भी बड़े भक्त थे। उनकी बेटी अंशु की शादी में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी शामिल हुए थे। उनका सम्पूर्ण समाज के साथ घनिष्ठ संबंध था।
सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व विधायक शाहनवाज राना, मंत्री कपिल देव ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि सोमांश प्रकाश के निधन से जिले ने एक अनुभवी राजनेता खो दिया है।