G-20 के प्रतिनिधि चखेंगे लजीज पकवान

G-20 सम्मेलन में जी-20 के राष्ट्रध्यक्षों की पत्नियां और महिला प्रतिनिधियों को भारतीय प्राचीन व्यंजनों के रसास्वादन के लिए आमंत्रित

नई दिल्ली। G-20 सम्मेलन (G-20 summit) में आने वाले प्रतिनिधि न केवल दुनिया के ज्वलंत मुद्दों और आर्थिक विषयों पर चर्चा करेंगे बल्कि वे लजीज भारतीय व्यंजनों (Indian Recipes) का भी लुत्फ उठायेंगे।

रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की अनुपस्थिति में हो रहे इस सम्मेलन में जी-20 के राष्ट्रध्यक्षों की पत्नियां और महिला प्रतिनिधियों को केन्द्र सरकार (central government) ने आधुनिक स्वरूप में बने भारतीय प्राचीन व्यंजनों के रसास्वादन के लिए आमंत्रित किया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , पूसा में मेहमानों को मोटे अनाजों (श्रीअन्न) के बने पकवानों को न केवल चखने के लिए बल्कि इसे बनाने और वैश्विक थाली में सजाकर परोसने के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए पूसा में “ लाइव कुकिंग एरिया’’ का निर्माण किया गया है। प्राचीन मोटे अनाज विशेषकर ज्वार, बाजरा , रागी आदि से पकवानों को तैयार करने के लिए विश्व के तीन प्रसिद्ध रसोइयों कुणाल कपूर (Kunal Kapoor), अजय चोपड़ा (Ajay Chopra) और अनहिता ढुंढी (Anahita Dhondy) को विशेष रूप से बुलाया गया है।

इसके अलावा आईटीसी समूह के दो शेफ कुश माथुर (kush mathur) और निकिता के साथ ही कुछ अन्य सहयोगियों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। जी-20 के प्रतिनिधियों का मुख्य भोजन मोटे अनाजों पर आधारित होगा। इसकी विशेषता यह है कि इनमें स्टार्टर , सलाद और मीठे पकवान मोटे अनाजों पर आधारित होंगे।

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अनहिता मोटे अनाजों से राव तथा बाजरा और कच्चे केले से टिक्की बनायेंगी। इसके साथ ही कुछ कचौड़ी बनायी जायेंगी जिसके अंदर मोटे अनाजों को भरा जायेगा। कुणाल ज्वार और मशरूम की खिचड़ी बनायेंगे। इस खानपान के दौरान बाजरे का ठेकुवा विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा । उल्लेखनीय है कि ठेकुआ बिहार का प्रसिद्ध मीठा पकवान है। इसके साथ ही मेहमानों को नींबू और श्रीखंड से बनी मिठाई परोसी जायेगी।

इस आयोजन के दौरान छह कृषि स्टार्टअप की एक खूबसूरत प्रदर्शनी का भी आयोजन जायेगा। यह स्टार्टअप अपने नवीनतम प्रौद्योगिकियों का डिजिटल प्रदर्शन करेंगे। लिंजा कार्ड जैसी विश्व प्रसिद्ध स्टार्टअप अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर किसानों के ऊपर वैल्यू चेन के असर को प्रदर्शित करेंगे।

इसी तरह से एग्रोनेट किसानों के लिए मृदा जांच की ढेर सारी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस आयोजन की थीम जलवायु स्मार्ट कृषि, कृषि मूल्य श्रृखंला का नवाचार, कृषि रसद आपूर्ति श्रृखंला में क्रांतिकारी बदलाव तथा कृषि को सशक्त बनाना रखा गया है।

इस आयोजन में देश के तीन कृषि उत्पादक संगठन (FPO) भी अपनी प्रदर्शनी लगायेंगे। इनमें आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh),पश्चिम बंगाल (West Bengal) के (FPO) भी शामिल होंगे।

सरकार के इस आयोजन के दौरान मोटे अनाजों का उत्पादन करने वाले 11 राज्यों की 22 महिला किसान उद्यमी भी अपने अनुभवों को साझा करेंगी। इन राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश , मध्यप्रदेश , तमिलनाडु, उत्तराखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ , बिहार और असम शामिल हैं।

इन महिलाओं ने मोटे अनाजों की खेती को अपने राज्यों में क्रांतिकारी ढंग से बढ़ावा दिया है। इन महिलाओं में मध्यप्रदेश की लहरी बाई, बिहार की शिवानी कुमारी और ओडिशा की सुबाषा माेहंता शामिल हैं।

इस दौरान मोटे अनाजों की रंगोली भी बनायी जायेगी जो अतिथियों को आकर्षित करेगी। यह रंगोली दो प्रकार की होगी जिसमें भारतीय सांस्कृतिक दर्शन के साथ ‘अनेकता में एकता ’ तथा हार्वेस्ट को दर्शाया जायेगा।

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