
पीएम मोदी ने एलपीजी सिलेंडर सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि के कारण आमजनों की पीड़ा की कभी परवाह नहीं की
रांची। झारखंड (Jharkhand) प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) अमीरों को और अमीर एवं गरीबों को और गरीब बना रही है।
ठाकुर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) ने एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि के कारण आमजनों की पीड़ा की कभी परवाह नहीं की लेकिन वर्षों बाद चुनाव के नजदीक आने पर उन्हें जनता की दर्द का अहसास हुआ और रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 200 रूपये कम कर दी। रसोई गैस की कीमत 2014 से लगातार बढ़ी है और पिछले 09 वर्षाे में दोगुनी से ज्यादा हो गई है और 2020 से भाजपा सरकार ने सब्सिडी देना भी बंद कर दिया है।
पिछले 02 दशकों में एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) की मूल्य वृद्धि पर बारीकी से नजर डालने पर हर मतदाता की आँखें खुल जाएगी और एक साधारण व्यक्ति भी स्पष्ट रूप से समझ सकता है कि कीमतें केवल भाजपा शासन के दौरान ही बेरहमी से बढ़ाई गई है। पिछले साढ़े 9 वर्षों में मोदी सरकार (Modi government) ने रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ाकर 31.37 करोड़ लोगों को लूटा है, उन्होंने जनता की जेब से 8 लाख 33 हजार 640 करोड़ रूपयेसे ज्यादा की लूट की।
सिर्फ हमारे उज्जवला बहनों से ही 2017 से अब तक मोदी जी, ने रू. अड़सठ हजार सात सौ, दो करोड़ रूपये से अधिक की लूट लिए। एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) की कीमत में 200 रु0 की कटौती मोदी सरकार द्वारा आगामी दिनों में 05 राज्यों में होने वाले चुनाव तथा उसके बाद लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने का एक राजनीतिक स्टंट है। गैस सिलेंडर अब भी 960 रु है, मगर भाजपा यह ढोल पीट रही है कि गैस सिलेंडर सस्ता हो गया है। मोदी सरकार द्वारा गैस सिलेंडर सस्ता नहीं हुआ है बल्कि महंगाई का बेंचमार्क बदल दिया गया है। वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जनता की हालत ऐसी कर दी गई है कि ‘‘प्यास से गला सूख जाए फिर दो बूंद पानी पिला कर कहो कि सबको पानी मिल गया है, प्यास से राहत मिल गई है’’ ।
ठाकुर ने कहा कि पिछले साढ़े 09 वर्षों में ईंधन में टैक्स द्वारा मोदी सरकार ने 30 लाख करोड़ की मुनाफाखोरी की है। 2014 से अब तक मोदी सरकार द्वारा गैस सिलेंडर के दाम में 185 प्रतिशत की वृद्धि की गई, और अभी घटाया कितना गया मात्र 17.5 प्रतिशत। अर्थात 2014 की तुलना में अब भी गैस सिलेंडर 167.5 प्रतिशत महंगा है।
आम जनता के खरीदने की क्षमता के अनुसार हमारे देश में दुनिया में सबसे महंगा सिलेंडर बिक रहा है। कितनी दीवाली, होली, रक्षाबंधन बीत गए और गैस सिलेंडर का दाम बढ़ता ही गया। जिन्होंने रसोई गैस में जनता को लूटा उनके द्वारा रक्षा बंधन के नाम पर माता- बहनों को राहत देने का नाटक किया जा रहा है। जिनका रिकॉर्ड है चुनाव के बाद लगातार दाम बढ़ाने का वो चुनाव से पहले थोड़ा दाम घटा के बड़ी राहत देने की ढोल पीट रहे हैं। देश की जनता भाजपा की मोदी सरकार के रग-रग से वाकिफ हो चुकी है, अब इनके कोई भी झांसे में नहीं फँसने वाली है
प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता का विषय है। महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई आजादी के बाद सर्वाेच्च शिखर पर है। सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। पेट्रोल 100 के पार डीज़ल 95 पार, रसोई गैस 960 रूपये , खाने का तेल 200 रूपये के पार।
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2013 में कांग्रेस (Congress) की मनमोहन सरकार (Manmohan Sarkar) के समय राशन सामाग्री और पेट्रोल-डीजल के दाम और वर्तमान मोदी सरकार के समय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगभग दुगुनी हो गयी हैं। 2013 से 2023 तक वस्तुओं के दाम दोगुनी हो गए। आटा (10 किलो)210 रुपये से 440 रुपये हो गया चावल 30-36 रु. किलो. से 50-65 रु. किलो हो गया। फूल क्रीम दूध 39 रुपये से 66 रुपया हो गया। देसी घी 300 रुपये से 875 रुपये हो गया।
सरसों तेल 52 रुपये 260 रुपये हो गया ।अरहर दाल 70-80 रुपये से 160-170 रुपये, रसोई गैस 410 रुपये से 1177 रूपये अब 960 रुपये ,पेट्रोल 66 रुपये से 100.03 रुपये, डीजल 52 रुपये से 94.84 रुपये, रिफाइंड तेल 68 रुपये से 148 रुपये ,फल्लीदाना 60 रुपये से 135 रुपये, उड़द दाल 64 रुपये से 120 रुपये ,मूंग दाल 62 रुपये से 130 रुपये ,मसूर दाल 47 रुपये से 90 रुपये ,चना दाल 40 रुपये से 66 रुपये, जीरा 220 रुपये से बढ़ कर 450 रुपये हो गया । गेंहू 22 रुपये से 32-36 रुपये हो गया विभिन्न साबुनों मे 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुआ। दवाई में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 7.2 प्रतिशत हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है।
मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डालर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रुपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।