
शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए वक़्फ़ अधिनियम संशोधन बिल को बड़ी साजिश करार दिया है।
Muzaffarnagar, (Shah Times) मुजफ्फरनगर के कस्बा मोरना के गांव तिस्सा में शिया समाज द्वारा अशरे सानी के जुलूस का आयोजन किया गया। साथ ही वक़्फ़ बोर्ड संपत्ति को लेकर सरकार द्वारा वक़्फ़ बिल के विरोध में एक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया जिसमें शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए इसे बड़ी साजिश करार दिया है।
मोरना इलाके के गांव तिस्सा में स्थित इमाम बारगाह हुसैनिया में शुक्रवार को मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा की जो वफ्फ़ बिल आया है।उसके विरोध में हम अनेक जगह जगह प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जनता में जागरूकता पैदा करेंगे। क्योंकि सरकार ये जो बिल लाई है इसमें ये प्लानिंग है। की वक़्फ़ की सम्पत्ति से हमारे सभी अधिकार ख़त्म कर दिए जाये। ये बहुत बड़ा षड्यंत्र है। ये वो संपत्ति है जो मुसलमानो ने अल्लाह के नाम पर दान दी है। अच्छे और नेक कार्यो के लिए धार्मिक कार्यो के लिए ये निहित है। ये मुस्लिम समाज की धार्मिक सम्पत्ति है।
सरकार किसी को वक्फ बोर्ड की संपत्ति का मालिक नहीं बना सकती और ना ही किसी को हटा सकती है। हमारे सभी उलेमाओं का यही मानना है की वक्फ बोर्ड शरीयत का मामला है लिहाजा जो शरीयत को मानते हैं।और शरीयत के जानकर हैं।वह ही इसे चला पाएंगे।सरकार धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। मात्र छ : माह में वक्फ सम्पत्ति दर्ज करने के दावे किये जा रहे हैं। लेकिन जो वक्फ सम्पत्ति की भाषाओं को भी जानता नहीं है तो कैसे वो दर्ज करेगा। अनुवाद भी इतनी जल्दी सम्भव नही है।यह एक समाज को बर्बाद करने की साजिश है।
वक़्फ़ अधिनियम संशोधन बिल को तुरंत वापस लिया जाये
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि अभी एक मंदिर से चार टन सोना चुराया गया है सोचिये की और कितना सोना उस मंदिर में होगा अगर भारत के सभी मंदिरो को देखा जाये तो कई लाख टन सोना वहां होगा। अगर इतना सोना रिजर्व बैंक को दे दिया जाये तो पुरे हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को शत प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। लेकिन सरकार की नजर केवल वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर है। मंदिरो में लाखो टन सोना है उस पर सरकार की नजर क्यूँ नहीं है। सरकार की मंशा है कि सन 1947 बोबरा दोहराया जाये।
हम ऐसा नहीं चाहते बल्कि हुकूमत की यह आशा है जब मंदिर मस्जिद,इमामबाडे, कब्रिस्तान सरकार की संपत्ति हो जाएगी तो सोचिये क्या हश्र होगा देश का । ये भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश है इसलिए इस बिल को वापस लिया जाये।
वक़्फ़ बोर्ड संपत्ति को लेकर सरकार द्वारा लाये गए बिल का जहा विपक्ष जमकर विरोध करता नजर आ रहा है वंही मुस्लिम धर्म गुरु भी इस बिल का खुलकर विरोध कर रह है। आज शुक्रवार दोपहर लखनऊ से मुज़फ्फरगर पहुंचे शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने वक्फ बिल के विरोध में मुखालिफ तहरीक चलाते हुए। केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा की ये सरकार की बड़ी साजिश है हिंदुस्तान में 1974 दोहराने की। सरकार की मंदिरो में रखे लाखो टन सोने पर नजर नहीं है बल्कि गरीब मुसलमानो के वक्फ संपत्ति पर है।
मुज़फ्फरनगर के भोपा क्षेत्र के गांव तिस्सा के एक इमामबाड़े में पहुंचे शिया धर्म गुरु मौला कल्बे जव्वाद ने एक पत्रकारवार्ता में कहा की देखिये अभी जो वफ्फ़ बिल आया है ये पत्रकारवार्ता उसी सिलसिले में है हम जगह जगह इसी तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। ताकि आवाम ,जनता में जागरूकता पैदा हो क्योंकि सरकार ये जो बिल लाई है इसमें ये प्लानिंग है की हमारे सभी अधिकार ख़त्म कर दिए जाये। ये बहुत बड़ा षड्यंत्र है हमारे खिलाफ। आज पार्लियामेंट में सबसे बड़ा झूट ये बोला जा रहा है वक्फ बोर्ड की संपत्ति ,,में अपने सभी हिन्दू ,मुस्लिम ,सिख और ईसाई भाइयो को ये बता देना चाहता हूँ की वक्फ बोर्ड की एक इंच भी संपत्ति नहीं है बल्कि ये वो संपत्ति है जो मुसलमानो ने अल्लाह के नाम पर दान दी है सभी ने अपनी संपत्ति अल्लाह के नाम पर दान दी है अच्छे और नेक कार्यो के लिए धार्मिक कार्यो के लिए ये है वक्फ। वक्फ बोर्ड में चौकीदार है कोई मालिक नहीं है। जैसे की मोदी जी कहते है की में हिंदुस्तान का चौकीदार हूँ वो कोई हिंदुस्तान के ऑनर नहीं है। वक्फ बोर्ड की सभी संपत्ति धार्मिक संपत्ति है। हमारी शरीयत भी यही कहती है। अंग्रेजो ने हम पर जबरदस्ती वक्फ बोर्ड लादा है वर्ना जो शरीयत का हाकिम है वो ही वक्फ बोर्ड को चला सकता है। हुकूमत वक्फ बोर्ड की संपत्ति में किसी को मालिक नहीं बना सकती और ना ही किसी को हटा सकती है। हमारे सभी उलेमाओं का यही मानना है की वक्फ बोर्ड शरीयत का मामला है लिहाजा जो शरीयत को मानते है और शरीयत के एक्सपर्ट है वो ही इसे चला पाएंगे। लेकिन अंग्रेजो ने इसे हम पर थोप दिया जो आज तक चल रहा है। लेकिन सरकार की ये साजिश है की वक्फ बोर्ड ही ख़त्म हो जाये। सुप्रीम कोर्ट का भी यही फैसला ख़त्म कर दिया। ये हमारी शरीयत में टांग अड़ा रहे है। आप कह रहे है की 6 महीने में वक्फ दर्ज हो जाये लेकिन जो वक्फ को जानता नहीं है तो कैसे वो दर्ज करेगा। क्योंकि बहुत से वक्फ में डीड नहीं है बल्कि केवल यूजर है। और लगभग एक लाख डीड होगी वक्फ में तो क्या कोई कलेक्टर एक महीने में एक लाख डीड को पढ़ पाएंगे। तीन महीने में नोटिस दिया जायेगा और तीन माह में फैसला आयेगा। तो क्या कोई कलेक्टर फ़ारसी और अरबी उर्दू के शब्द पढ़ लेंगे।3 महीने में कोई नहीं पढ़ पायेगा तीन साल लग जायँगे उनको। इस लिए सरकार की ये टोटल साजिश है हमें बर्बाद करने की सबसे बड़ी धांदली ये है की जो कलेक्टर ये कह देगा की ये संपत्ति वक्फ की नहीं है वो ही बात मानी जाएगी। हम उसके खिलाफ कोर्ट में भी नहीं जा सकते कोई भी अधिकारी अपने खिलाफ हमें आज्ञा नहीं देगा की तुम मेरे खिलाफ कोर्ट में चले जाओ। सरकार ने जो कमैटी बनाई है उसमे सब अपने आदमी रखे हुए है। अपने चमचे उसमे रखे हुए है। हम तो यही चाहते है की जो वक्फ बिल लागु किया गया है उसे वापस लिया जाये। अभी एक मंदिर से चार टन सोना चुराया गया है ये सोचिये की और कितना सोना उस मंदिर में होगा अगर भारत के सभी मंदिरो को देखा जाये तो कई लाख टन सोना वहा होगा। अगर इतना सोना रिजर्व बैंक को दे दिया जाये तो पुरे हिंदुस्तान की इकोनॉमी सो गुना मजबूत हो जाएगी। लेकिन सरकार की नजर हमारे सभी वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर है जो कई वर्षो से मंदिरो में लाखो टन सोना है उस पर तुम्हारी नजर नहीं है। अगर वो सोना हिंदुस्तान के सभी गरीबो में बाट दो तो भारत का हर एक आदमी धनवान हो जायेगा। इस लिए में सरकार से कहना चाहता हूँ की आपकी मंदिरो में रखे सोने पर नजर क्यों नहीं है बस हम गरीबो पर नजर क्यों है। भगवान को सोने की जरुरत नहीं है गरीबो को जरुरत है इस लिए जितने भी मंदिर उनके खजाने में रखे सोने को सभी गरीब और निर्धन लोगो में बाट दिया जाये। लेकिन सरकार चुनाव में हिन्दुओ की वोट लेने के लिए गरीब मुसलमानो पर नजर लगाए हुए है। जब मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ने देंगे कब्रिस्तान में दफ़न नहीं होएं देंगे तो सोचिये क्या हश्र होगा इंडिया का इनकी ख्वाहिस ये है की सन 1947 बोबरा दोहराया जाये। हम ऐसा नहीं चाहते बल्कि हुकूमत की ये ख्वाहिस है जब मंदिर मस्जिद ,इम्मामबाडे कब्रिस्तान सरकार की संपत्ति हो जाएगी तो सोचिये क्या हश्र होगा इंडिया का में तो समझता हूँ की वही हाल होगा तो 1974 में बवाल हुआ था। ये भारत के खिलाफ बड़ी साजिश है इस लिए हम चाहते है की ये बिल वापस लिया जाये।