
घनी आबादी वाले सात गांवों की जनता को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है
छात्र स्कूल एवं किसान अपनी फसल को मंडी तक नहीं ले जा पा रहे
नैनीताल। उत्तराखंड (Uttarakhand) के रूड़की तहसील (Roorkee Tehsil) के लंढौरा (Landaura) में उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश के बावजूद रेलवे ओवर ब्रिज (railway over bridge) का निर्माण नहीं किये जाने से नाराज अदालत ने उत्तर रेलवे के मंडलीय प्रबंधक (DRM) को 26 सितंबर को अदालत में तलब किया है।
लंढौरा (Landaura) निवासी सुभाष चंद (Subhash Chand) की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी (Vipin Sanghi) और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी (Manoj Kumar Tiwari) की युगलपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उच्च न्यायालय (High Court) ने सात सितंबर 2018 को एक आदेश जारी कर रेलवे को रूड़की-लक्सर रेलवे लाइन (Roorkee-Luxar Railway Line) पर स्थित लंढौरा में नया ओवर ब्रिज बनाने के निर्देश दिये थे। पांच साल बीतने के बावजूद इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई।
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याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि रेलवे ने ओवर ब्रिज को जीर्ण क्षीर्ण के नाम पर बंद कर दिया है। इससे लंढौरा से सटे घनी आबादी वाले सात गांवों की जनता को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं एवं किसान अपनी फसल को मंडी तक नहीं ले जा पा रहे हैं।
यह भी कहा गया कि आपात स्थिति में अग्निशमन बल के वाहन और अन्य वाहन भी गांवों में नहीं जा पा रहे हैं। रेलवे और प्रदेश सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर रही है। ग्रामीण इस मामले में रेलवे के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से भी मिले लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि रेलवे और प्रदेश सरकार (state government) इस मामले में हीला हवाली कर रहे हैं। रेलवे की ओर से अभी तक जवाब नहीं दिया गया है। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि उसने इस मामले में रेलवे को पत्र लिखा है। इसके बाद अदालत ने रेलवे को दो सप्ताह में ठोस जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही नादर्न रेलवे के डीआरएम को भी अदालत में वर्चुअल पेश होने के निर्देश दिए हैं।