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आज हिमाचल बीजेपी को उस समय बड़ा झटका लगा जब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर का निधन हो गया है।
शिमला (Shah Times): आज हिमाचल बीजेपी को उस समय बड़ा झटका लगा जब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर का निधन हो गया है।
ब्रेन हेमरेज के चलते पीजीआई में थे उपचाराधीन
किशन कपूर ब्रेन हेमरेज के चलते पीजीआई में उपचाराधीन थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 73 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार रविवार को उनके पैतृक गांव धर्मशाला में होगा।
धर्मशाला के थे किशन कपूर
किशन कपूर का जन्म गांव खनियारा में 25 जून 1951 को पिता हरि राम और माता गुलाबो देवी के घर हुआ। उनकी विवाह रेखा कपूर के साथ हुआ जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर सेवारत हैं।
5 बार रहे हैं विधायक
उनके दो बच्चे हैं, बेटे का नाम शाश्वत कपूर और बेटी का नाम प्रगति कपूर है। किशन कपूर की शिक्षा खनियारा और धर्मशाला में हुई थी। किशन कपूर तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। एक बार लोकसभा सांसद रहे। धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और पांच बार विधायक रहे।
जयराम ठाकुर ने जताय शोक
किशन कपूर के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शोक जताया है। जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, एवं पूर्व मंत्री व सांसद किशन कपूर जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। भाजपा परिवार ने एक बड़े नेता को खोया है, इस क्षति की भरपाई असंभव है। किशन जी ने बतौर मंत्री प्रदेश के विकास एवं जनता के कल्याण हेतु अहम भूमिका निभाई है, उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ऊं शांति!’
बड़े नेता के रूप में किशन कपूर की पहचान
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता किशन कपूर का जन्म 25 जून 1951 को जिला कांगड़ा के खनियारा में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिराम और माता का नाम गुलाबो देवी था। 10 अगस्त, 1990 को रेखा कपूर के साथ उनका विवाह हुआ। किशन कपूर पांच बार विधायक बने।
साल 2017 में तत्कालीन जयराम सरकार में उन्हें नागरिक आपूर्ति एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया गया। इसके बाद साल 2019 में जब लोकसभा के चुनाव आए, तो उन्होंने लोक सभा का चुनाव लड़ा और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा वोट मार्जिन के साथ जीत हासिल की। वे देश भर में भी सबसे ज़्यादा वोट मार्जिन से जीतने वाले दूसरे सांसद थे। साल 1998 से लेकर साल 2003 तक वे परिवहन एवं जनजातीय विकास मंत्री भी रहे। साल 2007 से लेकर साल 2012 तक भी वे परिवहन, उद्योग और शहरी विकास मंत्री थे।