
दिल्ली हेरिटेज साइट पर क़यामत, हुमायूं के मकबरे की दरगाह पत्ते शाह में छत गिरी
निजामुद्दीन में हुमायूं का मकबरा बना हादसे का मरकज़ – मलबे में दबकर 6 ने दम तोड़ा
दिल्ली के निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे की दरगाह पत्ते शाह में कमरे की छत गिरने से 6 की मौत, 11 लोग ज़ख्मी। इंवेस्टिगेशन जारी।
नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाक़े में वाक़े हुमायूं का मकबरा कैंपस के अंदर मौजूद दरगाह शरीफ़ पत्ते शाह में जुमे की शाम एक दर्दनाक वाक़िया पेश आया। दरगाह के एक कमरे की छत अचानक फर्श पर ढह गई, जिसके मलबे में कई लोग फँस गए।
साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीएम डॉक्टर श्रवण बागड़िया के मुताबिक़, इस हादसे में अब तक 6 अफ़राद की मौत हो चुकी है, जिनमें एक 5 साल का बच्चा भी शामिल है। हादसे में ज़ख्मी 11 लोगों को एम्स ट्रॉमा सेंटर और एलएनजेपी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
हादसा कैसे हुआ
गवाहों के मुताबिक़, जुमे की शाम तक़रीबन 4 बजे ये हादसा हुआ। उस वक़्त कमरे में तक़रीबन 15 लोग मौजूद थे — कोई दरगाह में आराम कर रहा था, तो कोई मौलवी साहब से ताबीज़ बनवाने आया था। अचानक पुरानी छत का बड़ा हिस्सा गिर पड़ा और अफ़राद मलबे में दब गए।
मक़ामी लोगों ने फ़ौरन पुलिस और फायर ब्रिगेड को इत्तिला दी। चंद मिनटों में दमकल की गाड़ियां, पुलिस और रेस्क्यू टीम मौक़े पर पहुँच गई। मलबे में फँसे लोगों को निकालने के लिए स्निफ़र डॉग्स और मशीनरी का इस्तेमाल किया गया।
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अवैध क़ब्ज़े का मामला
डीएम श्रवण बागड़िया ने बताया कि प्रिलिमिनरी इन्वेस्टिगेशन में ये बात सामने आई है कि यहां कुछ लोग एएसआई साइट पर ग़ैर-क़ानूनी तौर पर रह रहे थे। उनका कहना था — ये तहक़ीक़ का मामला है कि इतनी पुरानी प्रोटेक्टेड साइट पर लोग कैसे रह रहे थे, अगर ये सच हुआ तो सख़्त एक्शन लिया जाएगा।
दरगाह और मकबरे का ऐतिहासिक महत्व
दरगाह शरीफ़ पत्ते शाह का ताऐख़ी बैकग्राउंड तक़रीबन 700 साल पुराना है। ये हुमायूं के मकबरे के अंदर स्थित है, जो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। हादसे में गिरी छत वाला कमरा क़रीब 60 साल पुराना बताया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतनी पुरानी स्ट्रक्चर्स में रेगुलर मैंटेनेंस न होने से ऐसे हादसों का ख़तरा बढ़ जाता है।
पुलिस और इंतज़ामी कार्रवाई
पुलिस ने पूरे इलाक़े को सील कर दिया है और आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। दरगाह को तात्कालिक तौर पर बंद कर दिया गया है और हुमायूं के मकबरे से टूरिस्ट्स को भी बाहर निकाला गया है।
हादसे की वजह मालूम करने के लिए फ़ॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। मलबे के सैंपल लैब भेजे जाएंगे ताकि ये पता लगाया जा सके कि स्ट्रक्चर की कमज़ोरी या किसी और वजह से छत गिरी।
लोगों का रद्द-ए-अमल
हादसे से मक़ामी आबादी सदमे में है। एक रहवासी ने कहा — हम यहां रोज़ आते हैं, कभी तसव्वुर भी नहीं किया था कि इतना बड़ा हादसा हो जाएगा। लोग डिमांड कर रहे हैं कि हेरिटेज साइट्स की सिक्योरिटी और मैंटेनेंस पर ख़ास तवज्जो दी जाए।
मृतक और ज़ख़्मी
पुलिस कनफ़र्मेशन के बाद ही नाम जारी होंगे। मौजूदा मालूमात के मुताबिक़, मृतकों में एक पांच साल का बच्चा और बाक़ी बाहर से आए ज़ायरीन शामिल हैं।
हुकूमत और सियासी रद्द-ए-अमल
दिल्ली के एलजी और सीएम ने हादसे पर गहरा अफ़सोस ज़ाहिर किया और मुतास्सिरा ख़ानदानों को माली मदद देने का एलान किया। सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर ने एएसआई और दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन से रिपोर्ट तलब की है।
सिक्योरिटी पर सवाल
ये हादसा एक बार फिर ये सवाल उठाता है कि क्या हेरिटेज साइट्स की हिफ़ाज़त के लिए माक़ूल इक़दामात हो रहे हैं। एएसआई की ज़िम्मेदारी है कि प्रोटेक्टेड मॉन्युमेंट्स का रेगुलर रिपेयर और सिक्योरिटी चेक हो, लेकिन इस वाक़िए ने उनके कामकाज पर सवालिया निशान लगा दिया है।
नतीजा
दिल्ली के निजामुद्दीन में हुमायूं के मकबरे के अंदर वाक़े इस हादसे ने न सिर्फ़ एक इंसानी त्रासदी को जन्म दिया है बल्कि हमारी ताऐख़ी धरोहरों की हिफ़ाज़त और मैंटेनेंस की कमी को भी उजागर कर दिया है। उम्मीद है कि इंतज़ामिया इससे सबक लेकर सख़्त कदम उठाएगा ताकि आइंदा ऐसे हादसों से बचा जा सके।







