
Pritam Singh
मैं आज आपके सामने यही हूं, कांग्रेस में हूं और पार्टी को मजबूत करता रहूंगा
Report by- Mohd Shahnazar
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस (Congress) में सब कुछ ठीक-ठाक नही चल रहा है, आये दिन कांग्रेसियों की गुटबाजी की खबरे सामने आती रहती है। हर क्षत्रप एक दूसरे गुट को ठिकाने लगाने को आतुर दिखाई देता है। चुनाव हार जाए, हाथ से सत्ता चली जाए, मगर अपने विरोधी को पठखनी देने की कला कांग्रेसी कभी नही भूलते। उत्तराखण्ड में वर्ष 2016 में हुई बगावत के बाद से कांग्रेस प्रदेश में कोई भी चुनाव नही जीत सकी, उसके बाद भी पार्टी के दिग्गज एक-दूसरे को पछाड़ कर आगे बढ़ने में पारंगत बने हुए है।
मंगलवार को पूर्व नेता प्रतिपक्ष, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की ओर से चकराता से विधायक विक्रम सिंह ने बगैर किसी का नाम लिये कहा कि परिवार में मत भिन्नता हो जाती है, मैरे बारे में भी कहा गया कि ‘प्रीतम सिंह’ भाजपा(BJP) में जा रहें हैं। पार्टी के लोगों की और से कहा गया। मगर मैं आज आपके सामने यही हूं, कांग्रेस में हूं और पार्टी को मजबूत करता रहूंगा।
उल्लेखनीय है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रीतम सिंह प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाले हुए थे, तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा के निधन के कारण प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा कर नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था, उनके स्थान पर गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विधानसभा चुनाव से पहले हुए इस बदलाव से प्रीतम सिंह खुश नही थे, बाद में पूर्व सीएम की और से पार्टी के चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में जाने का ऐलान और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रीतम सिंह का सामुहिक पार्टी के सहारे मैदान में उतरे को लेकर खींचतान मची।
कांग्रेसियों की इसी खींचतान में कांग्रेस(Congress) विधानसभा का चुनाव हार गई, सबके सपने अधूरे रह गये। चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान ने गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटा दिया। अब पार्टी में नेता प्रतिपक्ष बनने को होड लगी तो बाजी यशपाल आर्य मार गये। तभी से प्रीतम सिंह पार्टी से नाराज चल रहे थे, बीच में प्रदेश प्रभारी को लेकर भी कई तरह के विवाद सामने आए, पार्टी हाईकमान को केंद्रीय पर्यवेक्षक तक उत्तराखण्ड भेजने पड़े, तब कही जा कर बयान बाजी रूकी, मगर मन भेद बने रहे, इसी दौरान यह चर्चा सुनाई दी की कांग्रेस के सबसे मजबूत स्थब कहे जाने वाले प्रीतम सिंह भी कांग्रेस को अलविदा कहने वाले है।
पार्टी के बाहर ही नही, पार्टी के अंदर भी यह बात कही जाने लगी कि प्रतिम सिंह शायद लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर टिहरी से लड़ेंगे। इस बीच प्रीतम सिंह एक-दो बार दिल्ली भी गये। प्रीतम सिंह की नाराजगी को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने उन्हे छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सीनियर ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी सौंपी है।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से बढ़ाए गये कद और हरीश खेमे को पछाड़ने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस ने जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन किया जाएगा और कांग्रेस को मजबूत किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब यह सवाल उठा कि लंबे समय से पार्टी में उपेक्षित चलने के कारण और भाजपा में जाने की बात सामने आने के चलते उन्हें जिम्मेदारी दी गई है, तो इस सवाल के जवाब में प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी ने मुझे हमेशा सम्मान दिया है।
मेरे बारे में बहुत सारी बातें कहीं गई है, मगर मैं आज आपके सामने यही हूं, कांग्रेस में हूं और पार्टी को मजबूत करने के लिए जो भी दायित्व मुझे दिया गया है उसका जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया जाएगा पार्टी को मजबूत किया जाएगा। तरह-तरह की बातें करने वालों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। प्रीतम सिंह के अंदाज़ और बयान से यह बात साबित हो रही है कि पार्टी के अंदर अभी भी कुछ न कुछ पक रहा है, जो अभी बताया नही जा सकता।