
शाह टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश काग्रेस कमेटी पूर्व सैनिक विभाग के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला/शहर अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक विभाग के चेयरमैन एयरमार्शल रिटा अशोक कुमार गोयल (Rita Ashok Kumar Goyal) की अध्यक्षता में आगामी लोकसभा चुनाव (Upcoming Lok Sabha Elections) की तैयारियों को लेकर सम्पन्न हुई। बैठक में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारियों द्वारा यह मांग की गई कि प्रदेश के सैनिक/पूर्व सैनिक बाहूल्य 34 जिलों में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारी, पूर्व सैनिक, वीर नारियां सभी जातियों एवं धर्मों से हो को आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया जाये जिन्होंने विगत विधानसभा चुनाव की तैयारी की थी लेकिन चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला तथा वर्तमान में जो जमीनी स्तर पर चुनाव हेतु तैयारी कर रहे हैं उन्हें लोकसभा के चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने पर विचार किया जाये जिसे पूर्व सैनिक विभाग अपना मान, सम्मान, प्रतिष्ठा दांव पर लगाते हुए उन प्रत्याशियों को विजयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
अपने संबोधन में एयर मार्शल रिटा अशोक कुमार गोयल (Rita Ashok Kumar Goyal) चेयरमैन पूर्व सैनिक विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने वर्तमान भाजपा सरकार (BJP government) को देश की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही यहां तक सैन्य ढांचा को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर 1989 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिका अपहरण के रिहाई के बदले में कुख्यात अपराधी जिन्हें सुरक्षा बलों ने शहादत देकर पकड़ा था उसे 13 दिसंबर 1989 को 5 कुख्यात अपराधियों सहित छोड़ा गया। 19 जनवरी 1990 से 300 कश्मीरी ब्राहम्णों की हत्या/बलात्कार कर सरकार के नियंत्रण में कश्मीर से निष्कासन होने को मजबूर किया गया जो अभी तक निष्कासित हैं। 24 दिसंबर 1999 को 40 सुरक्षा बलों की शहादत का गुनहगार मसूद अजहर को आइसी-814 इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण नाटक के बदले देश की मर्यादा को तार-तार कर छोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि 3 मई 1999 को भारतीय सीमा (Indian border) में कारगिल पर पाकिस्तानी सेना (pakistan army) का कब्जा जिसे वापिस छुड़ाने में सेना के 562 जवान शहीद और 1363 विकलांग हुए थे। यही नहीं 24 सितंबर 2002 को आतकवादियों का अक्षरधाम पर हमला जिसमें सेना के 32 जवान शहीद 79 गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। 2 जनवरी 2016 को पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर भारी मात्रा में गोला बारूद, असलहा, से लैस आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 7 जवान शहीद और 28 जवान घायल हुए थे। यही नहीं 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के हेड र्क्वाटर पर सुबह 5ः30 बजे आतंकी हमला हुआ जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हुए थे। 14 फरवरी 2019 का केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर पुलवामा में हमला हुआ जिसमें 45 केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए जिस पर भाजपा सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव में इस शहादत को चुनावी लाभ लिया जिस पर प्रश्न चिन्ह सर्वविदित है।
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एयर मार्शल रिटा अशोक कुमार गोयल (Rita Ashok Kumar Goyal) ने कहा कि स्वाधीनता के उपरान्त प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा अंग्रेजों की नीति जो संभावित युद्ध को ध्यान में रखकर भारतीय जनता को सेना में कुछ अवधि के लिए भर्ती कर युद्ध उपरान्त रिजर्व में भेज दिया जाता था के स्थान पर नियमित सेना तथा सभी पेंशनरी लाभों को प्रदान किया गया था। यहां तक कि किसी कारणवश एक भी दिन की सैन्य सेवा में यदि कोई सैनिक अपंग हो जाता था को सरकार द्वारा आजीवन विकलांगता पेंशन लागू करने की नीति प्रदान की गई थी जिसको वर्तमान भाजपा ने अग्निपथ ( अग्निवीर ) योजना 16 जून 2022 को सैन्य ऑफिसर से नीचे सैनिकों के लिए लागू किया गया जिसकी सैन्य सेवा अवधि मात्र 4 वर्ष है जिसमें से 25 प्रतिशत को नियमित सैनिक शेष 75 प्रतिशत को सेना से बाहर कर बेरोजगारी के साथ ही सशस्त्र बल जो अभी तक विश्व में भारतीय सेना अजेय थी को कमजोर कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि एक और अभूतपूर्व परिवर्तन विकलांगता पेंशन में भाजपा सरकार द्वारा 21 सितंबर 2023 से लागू किया गया है जो सेना के जवानों पर प्रतिकूल प्रभाव अपेक्षित है। सैनिक युद्ध हो शांति हों स्वयं तथा परिवार की चिन्ता न करते हुए जान की बाजी लगाते हुए विश्व की जो अजेय सेना बनी थी में एक कील और ठोकने का काम किया गया। यह सर्वविदित है कि हिंदुस्तान में जहां एक तरफ माइनस 40 डिग्री की गलवान, सियाचिन, ग्लेशियर, लेह लद्दाख की सीमा हैं वहीं दूसरी तरफ 45 डिग्री से ऊपर राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर तथा गुजरात का कक्ष भुज शामिल है के कारण सैनिकों में विकलांग होना भी संभावित था जो अब 21 सितंबर 2023 से लागू स्कीम प्रभावित करती है। जिसमें सैनिकों के मनोबल पर वज्राघात साबित होगा।
बैठक में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारियों में प्रमुख रूप से विभाग के वाइस चेयरमैन/कोऑर्डिनेटर सुभाष मिश्र, दीपक भट्ट, जिला चेयरमैन जयप्रकाश सिंह, जय शंकर ओझा, मेजर राणा शिवम सिंह, आदि भारी संख्या में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे।