
यदि मानसून में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो,ये जगह आपके लिए परफेक्ट है?
घूमना किसे पसंद नहीं होता, हर कोई घूमने की चाह रखता है। हर मौसम में घूमने का अपना एक अलग ही आनंद होता है। चाहे वह गर्मी हो सर्दी हो या फिर बरसात, लेकिन ज्यादातर लोग बरसात के मौसम में घूमने से कतराते हैं।क्योंकि बरसात में लैंडस्लाइड, बादल फटना, बाढ़ आना आदि समस्याएं देखने को मिलती है। जिससे कई बार जन-धन दोनों हानि होती है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी जगह बताने वाले हैं जहां बरसात में घूम जा सकता है। तो चलिए हम बिना देरी किया आपको बताते हैं की बरसात के दिनों में आपको कहां घूमना चाहिए, जो आपके मन को भा जाए। आइए जानते हैं।
भारत में मानसून सिर्फ एक मौसम नहीं होता, ये एक अहसास होता है। जब पहली बारिश की बूंदें गिरती हैं, तो पहाड़ और जंगल कोहरे की चादर में लिपट जाते हैं। जिसके बाद तपती जमीन भी हरियाली से ढक जाती है। हालांकि कहीं-कहीं लैंडस्लाइड और पानी भरने की वजह से सफर मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां बारिश हर चीज को और भी सुंदर बना देती है। इस मौसम में अगर आपको नेचर, फोटोग्राफी या बारिश की रिमझिम पसंद है, तो ये कुछ जगहें आपके लिए बेस्ट हैं। जो खूबसूरत भी हैं और यहां पहुंचना भी आसान है।
मानसून में घूमने वाली जगहें?
अलेप्पी (केरल)
अलेप्पी को ‘पूरब का वेनिस’ भी कहा जाता है। बारिश में यहां की बैकवॉटर, हाउसबोट और नारियल के पेड़ों से घिरा गांव बहुत ही शांत और सुकून भरा लगता है।
घूमने की जगहें – अलेप्पी बैकवॉटर, अलेप्पी बीच, कृष्णपुरम पैलेस और अम्बालापुझा श्रीकृष्ण मंदिर।
कैसे पहुंचे
सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट करीब 75–85 किमी है। वहां से टैक्सी, बस या ट्रेन से अलेप्पी पहुंचा जा सकता है।
कुर्ग (कर्नाटक)
बारिश के मौसम में कूर्ग का नजारा ही अलग होता है। कॉफी के बागान, झरने और हरियाली से ढकी पहाड़ियां मन मोह लेती हैं। यहां जाने के लिए आप नजदीकी एयरपोर्ट मैंगलोर, मैसूर और बेंगलुरु हैं। कूर्ग में रेलवे स्टेशन नहीं है लेकिन रोड के जरिए यहां अच्छे से पहुंचा जा सकता है।
घूमने की जगहें- एबी फॉल्स, राजा की सीट, मदिकेरी किला, गोल्डन टेम्पल (नामड्रोलिंग मठ), डुबारे एलिफेंट कैंप।
मुन्नार (केरल)
बारिश में मुन्नार जैसे जादुई हो जाता है. चाय के बागान, पहाड़ और बादलों से ढके आसमान का नजारा देखने लायक होता है। यहां पर घूमने की जगहें मट्टुपेट्टी डैम और झील, कुंडाला झील, एराविकुलम नेशनल पार्क, टॉप स्टेशन, अट्टुकल वॉटरफॉल्स है। ये जगहें बेहद खूबसूरत हैं।
चेरापूंजी (मेघालय)
दुनिया की सबसे ज्यादा बारिश वाली जगहों में शामिल चेरापूंजी मानसून में एक हरा-भरा स्वर्ग ही बना नजर आता है। यहां घूमने के लिए नोहकालीकाई फॉल्स, मास्माई गुफा, डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज, सेवन सिस्टर्स वॉटरफॉल आदि है। यहां आप गुवाहाटी एयरपोर्ट से टैक्सी या बस से चेरापूंजी पहुंच सकते हैं।
शिलॉन्ग (मेघालय)
स्कॉटलैंड ऑफ द ईस्ट’ कहा जाने वाला शिलॉन्ग बारिश में और भी खूबसूरत दिखता है। यहां पर घूमने की जगहें उमियम झील, एलीफैंट फॉल्स, शिलॉन्ग पीक, वॉर्ड्स लेक है। जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। यहां पर जाने के लिए शिलॉन्ग एयरपोर्ट नजदीक है लेकिन कम उड़ानें हैं। बेहतर विकल्प है गुवाहाटी एयरपोर्ट (करीब 120 किमी दूर)।
स्पीति वैली (हिमाचल प्रदेश)
स्पीति एक ड्राय रीजन है, यानी यहां मानसून में ज्यादा बारिश नहीं होती, इसलिए ये एक सेफ ऑप्शन है। एडवेंचर और पहाड़ों का शौक रखने वालों के लिए ये एक परफेक्ट जगह है। यहां पर मोनेस्ट्री, टाबो मोनेस्ट्री, धनकर मोनेस्ट्री, चंद्रताल झील, पिन वैली नेशनल पार्क, काजा, किब्बर गांव और कुंजुम पास आदि घूमनें वाली जगहें हैं। यहां पहुंचने के लिए आपको शिमला या मनाली से टैक्सी या बस लेकर जाना होगा।
लद्दाख
उत्तर भारत में स्थित लद्दाख भी बारिश से ज्यादा प्रभावित नहीं होता क्योंकि ये भी रेन शैडो जोन में आता है। गर्मियों में जब बाकी जगहों पर तेज बारिश होती है। तब लद्दाख एक पीसफुल और सुंदर ऑप्शन बन जाता है। यहां पर घूमने की जगहें पैंगोंग झील, नुब्रा वैली, लेह पैलेस, थिकसे मोनेस्ट्री, शांति स्तूप और खारदुंग ला पास जो दुनिया की सबसे ऊंची ड्राइविंग रोड में से एक है।यहां जाने के लिए आप लेह एयरपोर्ट तक फ्लाइट लें. आप श्रीनगर या मनाली से रोड ट्रिप भी कर सकते हैं।