
शाह इस्लामिक एकेडमी में सौहार्द बैठक की अध्यक्षता क़ारी मोहम्मद खालिद बशीर क़ासमी ने की
समाज में अमन और भाईचारा बनाए रखने के लिए एकेडमी ने की अपील
बैठक में प्रस्तावित सुझाव: जुमे की नमाज़ और होली को लेकर दिशानिर्देश जारी
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में एकता और शांति का संदेश
मुज़फ्फरनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शाह इस्लामिक एकेडमी द्वारा शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बैठक हुई। जुमे की नमाज़ और होली को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
मुज़फ्फरनगर: जामा मस्जिद में शांति और सौहार्द बनाए रखने को लेकर बैठक आयोजित
Muzaffarnagar,(Shah Times) । मुज़फ्फरनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में स्थित शाह इस्लामिक एकेडमी में आगामी नमाज़-ए-जुमा और होली एक ही दिन होने के कारण समाज में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता एकेडमी के संस्थापक क़ारी मोहम्मद खालिद बशीर क़ासमी ने की। उन्होंने कहा कि भारत की महान परंपरा रही है कि सभी धर्मों के त्योहार आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ मनाए जाते हैं। हर नागरिक को दूसरे धर्मों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
इस्लाम धर्म की शिक्षा – अमन और शांति का संदेश
क़ारी मोहम्मद खालिद बशीर क़ासमी ने बैठक में कहा कि इस्लाम धर्म अमन और शांति को सर्वोपरि रखता है। इसी कारण एकेडमी के ज़िम्मेदार लोग शहर में शांति बनाए रखने के लिए हमेशा सक्रिय रहते हैं।
बैठक में जारी की गई महत्वपूर्ण अपील:
बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने निम्नलिखित अपील जारी की—
14 मार्च को जुमे की नमाज़ का समय मिश्रित आबादी वाली मस्जिदों में दोपहर 2 बजे निर्धारित किया जाए।
13 और 14 मार्च को मस्जिदों में ख़त्म-ए-तरावीह की दुआ करने से परहेज किया जाए।
हर व्यक्ति अपने मोहल्ले की मस्जिद में ही जुमे की नमाज़ अदा करे।
मुस्लिम महिलाएं होली के दिनों में बाज़ारों में खरीदारी करने से बचें।
इफ्तार और तरावीह के दौरान नौजवान बाइक सवार ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
यदि कोई अप्रिय घटना घटती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें और कानूनी कार्रवाई करें।
अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी भड़काऊ संदेश को शेयर करने से बचें।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस बैठक में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद रहे, जिनमें महबूब आलम एडवोकेट, दिलशाद पहलवान, नौशाद कुरैशी, नवाब दिलशाद इलाही, परवेज़ रसूल, अंकित जैन, अब्दुल्ला कुरैशी आदि शामिल थे।
शाह इस्लामिक एकेडमी द्वारा की गई यह पहल समाज में आपसी सौहार्द, शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक सराहनीय कदम है। सभी नागरिकों को एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
Muzaffarnagar: Important Meeting Held at Jama Masjid to Maintain Peace and Harmony on Jumma Namaz and Holi