
Bhargavastra Drone
नई दिल्ली (Shah Times): पाकिस्तान (Bhargavastra Drone) के साथ बिगड़ते संबंधों को देखते हुए भारत अपनी सैन्य तकनीक को लगातार मजबूत करने में लगा हुआ है। ऐसे में आज भारत इस कड़ी में एक और कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने मंगलवार को ओडिशा के गोपालपुर में सीवार्ड फायरिंग रेंज में हार्ड किल मोड में स्वदेशी कम लागत वाली काउंटर ड्रोन प्रणाली ‘भार्गवस्त्र’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण 4 दिनों के गहन संघर्ष के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौते के कुछ दिनों बाद किया गया।
भार्गवस्त्र को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो ड्रोन झुंड के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस काउंटर-ड्रोन सिस्टम में इस्तेमाल किए गए माइक्रो रॉकेट का गोपालपुर में कठोर परीक्षण किया गया।
13 मई को गोपालपुर में आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के लिए तीन परीक्षण किए गए। समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि दो परीक्षण एक-एक रॉकेट दागकर किए गए।
एक परीक्षण दो सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी चार रॉकेटों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और आवश्यक लॉन्च पैरामीटर हासिल किए, जो बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को कम करने में इसकी अग्रणी तकनीक को रेखांकित करता है।
भार्गवस्त्र का उद्देश्य ड्रोन को तुरंत रोकना है, ताकि झुंड में हमला करने की क्षमता वाली छोटी, निर्देशित मिसाइलों का उपयोग करके उन्हें निश्चित रूप से मार गिराया जा सके। यह समाधान कई ड्रोनों के लगभग एक साथ हमले के साथ ड्रोन हमलों के खिलाफ मोबाइल सुरक्षा प्रदान करता है।
‘भार्गवस्त्र’ की मुख्य विशेषताएं:
परत 1: 20 मीटर की घातक त्रिज्या वाले बिना निर्देशित माइक्रो रॉकेट, जो 2.5 किमी तक के ड्रोन झुंड को बेअसर कर सकते हैं।
परत 2: सटीक निशाना लगाने के लिए निर्देशित माइक्रो-मिसाइल, जिनका पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
वैकल्पिक परत: एकीकृत सुरक्षा के लिए जैमिंग और स्पूफिंग जैसी सॉफ्ट-किल विधियाँ।
उन्नत पहचान और लक्ष्यीकरण:
छोटे हवाई खतरों का पता लगाने के लिए 6 से 10 किमी की रडार रेंज।
कम रडार क्रॉस-सेक्शन ड्रोन की पहचान करने के लिए EO/IR सेंसर से लैस।
एकल या कई खतरों से निपटने के लिए पूरी स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करता है।
भूभाग अनुकूलनशीलता और मॉड्यूलरिटी:
उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित विविध इलाकों में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया।
मॉड्यूलर सिस्टम मिशन की आवश्यकता के अनुसार सेंसर और लॉन्चर के कॉन्फ़िगरेशन की अनुमति देता है।
स्वदेशी डिजाइन:
मौजूदा नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणालियों के साथ पूरी तरह से संगत।
स्वदेशी रूप से विकसित, मेक इन इंडिया और रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।