
‘चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी कर ली है और अब वह चंद्रमा की ओर बढ़ गया है
नई दिल्ली । भारत चांद पर फतह पाने की कोशिश में एक कदम और आगे बढ़ कर इतिहास लिखने के बेहद करीब है,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यान चंद्रयान- 3 (Chandrayaan 3) को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में कामयाबी से इंस्टॉल कर दिया है. इसके साथ ही चंद्रमा पर जाने वाले गिने-चुने मुल्कों में शामिल होने वाले मुल्कों की कतार में शुमार होने के लिए भारत एक कदम और आगे बढ़ गया।
चंद्रयान- 3 (Chandrayaan 3) के चंद्रमा (ISRO India Moon Mission 2023) की ऑर्बिट में प्रवेश करने पर इसरो ने ट्वीट किया, ‘चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी कर ली है और अब वह चंद्रमा की ओर बढ़ गया है. ISTRAC में एक कामयाब पेरिगी-फायरिंग की गई, इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में इंस्टॉल कर दिया है।
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ट्रांसलूनर ऑर्बिट इंजेक्शन वह अमल है, जिसके तहत चंद्रमा की ओर जाने वाले अंतरिक्ष यान को एक खास रास्ते पर डाल दिया जाता है, जिससे वह आराम से चंद्रमा तक पहुंच सके. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह 5 अगस्त, 2023 को एलओआई अमल को अंजाम देगी. चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान (Chandrayaan 3) को भारत के हेवी लिफ्ट रॉकेट एलवीएम3 द्वारा कॉपीबुक शैली में 14 जुलाई, 2023 को ऑर्बिट में इंस्टॉल किया गया था।
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान (Chandrayaan 3) में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है. इस मिशन का खास मकसद लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है. चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के कुछ दिनों बाद लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा. लैंडर के 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है. लैंडर चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा।