
Maulana Syed Kalbe Jawad Naqvi to address a religious gathering at Chhota Imambara, Saharanpur on 6 August during his significant spiritual visit – Shah Times
6 अगस्त को सहारनपुर पहुंचेगे मौलाना कल्बे जवाद, अज़ादारी को देंगे नया रुख
वक़्फ़ सम्पत्तियों पर करेंगे समीक्षा, मौलाना कल्बे जवाद सहारनपुर में
मौलाना कल्बे जवाद साहब 6 अगस्त को सहारनपुर के छोटा इमामबाड़ा में मजलिस-ए-शब्बेदारी को करेंगे खिताब, वक्फ़ सम्पत्तियों का लेंगे जायज़ा।
भारत के सबसे बड़े शिया आलिम मौलाना कल्बे जवाद साहब का सहारनपुर दौरा: अज़ादारी को मिलेगा नया रूहानी जौहर
Saharanpur ,(Shah Times)। उत्तर भारत के शिया समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक और रूहानी लम्हा दस्तक देने जा रहा है। भारत के प्रमुख शिया आलिम, आफ़ताब-ए-शरीअत, हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलमीन मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी साहब 6 अगस्त 2025 को सहारनपुर पधारने वाले हैं। यह दौरा केवल एक धार्मिक तकरीर तक सीमित नहीं, बल्कि अज़ादारी की ताज़गी, दीनी चेतना और वक्फ़ सम्पत्तियों के सुधार जैसे बहुआयामी पहलुओं को छूता हुआ नजर आएगा।
छोटा इमामबाड़ा में ऐतिहासिक मजलिस-ए-शब्बेदारी
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी साहब का यह दौरा 11 सफ़र को आयोजित होने वाली मजलिस-ए-शब्बेदारी के अवसर पर हो रहा है। यह मजलिस सहारनपुर के ऐतिहासिक छोटा इमामबाड़ा में आयोजित की जा रही है, जहाँ वह इमाम हुसैन (अ) की शहादत की याद में दीनी खिताब देंगे।
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मौलाना साहब की तक़रीरें न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक चेतना को भी जागृत करने के लिए जानी जाती हैं। उनकी मौजूदगी सहारनपुर की अज़ादारी को एक नई दिशा और मजबूती प्रदान करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह मजलिस शिया समाज के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होगी।
वक़्फ़ सम्पत्तियों का मुआयना – संरक्षण और सुधार की पहल
मौलाना कल्बे जवाद साहब का यह दौरा सिर्फ मजलिस तक सीमित नहीं रहेगा। वह सहारनपुर की वक्फ़ सम्पत्तियों का भी निरीक्षण करेंगे और उनकी वर्तमान स्थिति का जायज़ा लेंगे। मौलाना साहब वक्फ़ संपत्तियों की रक्षा और उपयोगिता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव देंगे। यह पहल विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में वक्फ़ सम्पत्तियों की स्थिति पर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने में सहायक होगी।
इस काम में उनके साथ वक्फ़ बचाओ आंदोलन की राष्ट्रीय टीम भी शामिल होगी, जो देशभर में वक्फ़ संपत्तियों की रक्षा के लिए काम कर रही है। मौलाना साहब खुद वक्फ़ सुधारों और पारदर्शिता के लिए मुखर रहे हैं और उनके प्रयासों से कई इलाकों में सकारात्मक बदलाव आए हैं।
प्रमुख आयोजक और मेज़बान शख्सियतें
इस दौरे को सफल बनाने में कई समाजसेवी और धार्मिक कार्यकर्ता अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। इन प्रमुख शख्सियतों में शामिल हैं:
शादाब आबदी – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, वक़्फ़ बचाओ आंदोलन एवं वरिष्ठ पत्रकार, जो इस पूरे दौरे के समन्वयक की भूमिका में हैं।
मोहसिन अब्बास आबदी – प्रदेश सचिव, हुसैनी टाइगर, जो मजलिस के आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
दानिश आबदी – प्रबंधक, छोटा इमामबाड़ा, जिनकी देखरेख में मजलिस का आयोजन हो रहा है।
रजबी हैदर मानू आबदी – इंतेज़ामिया टीम के प्रमुख सदस्य, जो शब्बेदारी की व्यवस्थाओं को संभाल रहे हैं।
सहारनपुर की अज़ादारी को मिलेगी नई पहचान
सहारनपुर पहले से ही अपनी अज़ादारी के लिए मशहूर रहा है, लेकिन मौलाना कल्बे जवाद साहब की आमद इस शहर के लिए एक नई इंकलाबी पहचान बनने जा रही है। उनके खिताब से नई पीढ़ी को न सिर्फ कर्बला की रूहानी सीख मिलेगी, बल्कि समाज में इंसाफ, ईमानदारी और सेवा भावना की अलख भी जगेगी।
यह मजलिस न केवल सहारनपुर के अज़ादारों के लिए बल्कि पूरे उत्तर भारत के शिया समुदाय के लिए एक प्रेरणास्रोत साबित होगी।
मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी साहब का सहारनपुर दौरा एक ऐतिहासिक क्षण है, जो दीनी, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यात्रा मजलिस-ए-शब्बेदारी के आयोजन से लेकर वक्फ़ सम्पत्तियों की बहाली तक, एक व्यापक रूहानी और सुधारवादी एजेंडे को अपने भीतर समेटे हुए है।
सहारनपुरवासियों के लिए यह एक अनमोल अवसर है कि वे न केवल इमाम हुसैन (अ) की याद में मजलिस में शरीक हों, बल्कि मौलाना साहब की बातें सुनकर अपने जीवन में अमल करने की प्रेरणा भी प्राप्त करें।