
Interstate child thief gang busted Shah Times
मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाला ये गैंग अभी तक 6 नवजात बच्चों को बेच चुका है। गैंग ने आगरा, कलकत्ता और मुंबई में बच्चे बेचे जाने की बात कबूली है।
मुरादाबाद। मुरादाबाद पुलिस ने अंतर्राज्यीय बच्चा चोर गैंग का भंडाफोड़(Interstate child thief gang busted)करते हुए चार महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से सात दिन की एक नवजात बच्ची बरामद की गई है। जिसे दिल्ली के दंपति को 3 लाख रुपये में बेचा जाना था। बच्चों को चोरी कर निःसंतान दंपतियों को मोटी रकममुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाला ये गैंग अभी तक 6 नवजात बच्चों को बेच चुका है। गैंग ने आगरा, कलकत्ता और मुंबई में बच्चे बेचे जाने की बात कबूली है। में बेचा जाता था।

मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाला ये गैंग अभी तक 6 नवजात बच्चों को बेच चुका है। गैंग ने आगरा, कलकत्ता और मुंबई में बच्चे बेचे जाने की बात कबूली है। इन सभी की छानबीन की जा रही है। गैंग सिर्फ नवजात बच्चों को ही चोरी करता था। ऐसा इसलिए क्योंकि, नवजात बच्चों की शक्ल तेजी से बदलती है और कुछ दिन बाद ही उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। बच्चों के खरीदार निःसंतान दंपति भी नवजात की ही डिमांड करते थे। गैंग की लीडर दीपमाला मुंबई में रहती है। गैंग उसी की डिमांड पर काम करता था। गैंग लीडर निःसंतान दंपतियों को सर्च करती थी। वहां डील डन होने पर गैंग को नवजात बच्चा चोरी करने का टास्क देती थी। नवजात बच्चों की डिमांड बढ़ने पर गैंग ने ऐसे गरीब दंपतियों को भी चिन्हित करना शुरू कर दिया था, जिन पर पहले से कई बच्चे हों और वो बच्चों को पालने पोसने में असमर्थ हों। ऐसे गरीब मां-बाप को छोटा-मोटा लालच देकर उनसे गोद लेने के बहाने बच्चे ले लिए जाते थे, बाद में गैंग इन बच्चों को दूर-दराज ले जाकर बेच देता था।
एसएसपी हेमराज मीणा ने रिजर्व पुलिस लाइन में पत्रकारों को बच्चा तस्कर गैंग के पकड़े जाने का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया एक नवजात बच्चे को बिलारी क्षेत्र से चोरी किए जाने की सूचना के बाद पुलिस टीम को सक्रिय किया गया था। मुरादाबाद के बिलारी कस्बे में नई सड़क महादेव मंदिर निवासी बहादुर पर पहले से 3 बेटियां हैं। 2 सितंबर की रात को बहादुर की पत्नी ने चौथी बेटी को जन्म दिया। ये बात पोते की आस लगाए बैठी बहादुर की मां रुकमो को नागवार गुजरी। उसने 2 सितंबर की रात को ही नवजात बच्ची को बच्चा तस्कर गैंग की सदस्य गीता रानी को सौंप दिया। हालांकि रुकमो को नहीं पता था कि गीता रानी बच्चा तस्कर गैंग से जुड़ी है और उसकी नवजात पोती को बेच देगी। गीता रानी ने बच्ची गोद लेने के बहाने रुकमो से ली थी। नवजात बेटी के गायब होते ही बहादुर ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब छानबीन में जुटी तो गीता देवी से होते हुए उसके हाथ गैंग सरगना तक जा पहुंचे। शुरू में पुलिस को भी अंदाजा नहीं था कि बच्चा चोरी की इस घटना के पीछे इतना बड़ा ह्यूमन ट्रैफीकिंग गैंग काम कर रहा है। पुलिस ने गीता को गिरफ्तार किया तो उसने अपने बाकी साथियों के नाम उगल दिए। पुलिस की एक टीम गैंग सरगना दीपमाला की गिरफ्तारी के लिए मुंबई भी रवाना की गई है।
पुलिस ने गैंग में शामिल शबनम पत्नी यूनुस निवासी हिमगिरी कालोनी मुरादाबाद, गीता रानी सैनी पुत्री स्व. रामगोपाल निवासी मोहल्ला चंद्र नगर मुरादाबाद, नीतू पत्नी अश्वनी निवासी हरथला कालोनी मुरादाबाद, साजिया पुत्री लाडले पठान निवासी कांशीराम कालोनी मुरादाबाद को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मौ. यूनूस बढ़ई पुत्र शहजाद हुसैन निवासी हिमगिरी मुरादाबाद और गौरव कुमार आदर्श कालोनी मुरादाबाद भी पकड़ा गया है। गैंग में शामिल गीता रानी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो लोग मुंबई से अपनी लीडर दीपमाला की डिमांड आने पर ही नवजात को चोरी करते थे। उसकी डिमांड बढ़ती जा रही थी इसलिए हमने ऐसे दंपतियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया था जिन पर पहले से कई बच्चे हों। ऐसी गर्भवती महिलाओं को हम सरकारी अस्पतालों से ही ट्रेस कर लेते थे। फिर उनसे हमदर्दी बढ़ाकर और उनकी छोटी मोटी मदद करके उनसे नजदीकी बढ़ा लेते थे। ताजा मामले में भी उन्हें पता चल गया था कि बहादुर की मां चैथी पोती नहीं चाहती है। इसलिए उन्होंने उससे नजदीकी बढ़ाई तो उसे मना लिया था कि उसकी बहू ने चौथी बार भी पोती को जन्म दिया तो वो हमें गोद दे देगी।
दिल्ली के दंपति से 30 हजार ले लिए थे एडवांस
एसएसपी ने बताया कि गैंग के कब्जे से पुलिस ने 7 दिन की जिस बच्ची को बरामद किया है, उसका सौदा दिल्ली के दंपति से 3 लाख रुपये में हुआ था। गैंग शुक्रवार को इस नवजात बच्ची को डिलीवर करने दिल्ली जाने की फिराक में था। समय पर पुलिस ने इसे धर दबोचा। पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने बताया कि उन्हें बच्ची लाकर देने की एवज में 30 हजार रुपये एडवांस मिल चुके थे। बाकी की रकम बच्चे की डिलीवरी देने के बाद मिलनी थी। गैंग की महिला सदस्यों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मुंबई में बैठी गैंगलीडर के साफ निर्देश थे कि सिर्फ नवजात बच्चों को ही चोरी या अरेंज किया जाए। जिनकी उम्र 5 दिन से अधिक न हो। तुरंत जन्मा कुछ घंटों का बच्चा हाई डिमांड में था। इसके अलावा अगर नवजात लड़का हो तो रकम तुरंत डबल हो जाती थी। गैंग ने बताया कि बच्चा लेने वाले इसलिए नवजात की डिमांड करते हैं कि नवजात होने की वजह से वो अपने रिलेशन और सर्कल में भी यही बात कह पाते हैं कि उन्होंने खुद बच्चे को जन्म दिया है।
आगरा, कलकत्ता और मुंबई गईं पुलिस टीमें
गैंग ने आगरा, कलकत्ता और मुंबई में अभी तक 6 नवजात बच्चों को बेचे जाने की बात कबूल की है। ये नवजात अलग-अलग स्थानों से चोरी किए गए थे। इन बच्चों को रिकवर करने के लिए पुलिस टीमें रवाना कर दी गई हैं। पुलिस गैंग से पूछताछ करके ये पता लगाने की भी कोशिश कर रही है कि गैंग और कितने बच्चों को चोरी कर चुका है।