
Ballistic missile attack on Haifa port amid Iran-Israel conflict; Gautam Adani’s high-stake investments at risk — Shah Times Exclusive
ईरान ने इजरायल के हाइफा पोर्ट पर मिसाइल हमला किया, जिससे अडानी ग्रुप के अरबों डॉलर के निवेश पर खतरा मंडरा रहा है। जानें क्या है पूरी कहानी और कैसे इसका असर पड़ेगा भारत के निवेश पर।
⚔️ ईरान का हाइफा पर हमला: भू-राजनीतिक तनाव और कॉरपोरेट निवेश के टकराव की कहानी
शनिवार को एक बड़े घटनाक्रम में ईरान ने इजरायल के प्रमुख तटीय शहर हाइफा पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हाइफा, जो न केवल इजरायल का एक बड़ा बंदरगाह और नौसैनिक अड्डा है, बल्कि भारत के अडानी ग्रुप का अहम निवेश केंद्र भी है, अब युद्ध के लपेटे में आ चुका है। इस हमले के बाद जहां इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है, वहीं गौतम अडानी के अरबों डॉलर के निवेश पर भी सवालिया बादल मंडरा रहे हैं।
🇮🇳 भारत का हित: हाइफा पोर्ट में अडानी की 70% हिस्सेदारी
2023 में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने इजरायली गैडोट ग्रुप के साथ मिलकर हाइफा पोर्ट का 70% अधिग्रहण किया था। इस रणनीतिक पोर्ट की डील 1.2 बिलियन डॉलर में हुई थी। यह बंदरगाह न केवल इजरायल के आयात-निर्यात में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि अडानी पोर्ट्स के कुल कार्गो वॉल्यूम का 3% यहीं से आता है।
📌 Key Facts:
- हाइफा पोर्ट का संचालन 2054 तक अडानी JV के पास है
- 30% हिस्सेदारी इजरायली Gadot Group के पास
- हाइफा में तेल रिफाइनरी, रासायनिक फैक्ट्री और नौसैनिक अड्डे मौजूद
💣 अब हाइफा पर हमला क्यों चिंता की बात है?
अब तक उत्तरी इजरायल अपेक्षाकृत सुरक्षित समझा जाता था, लेकिन ईरान ने सीधे हाइफा को निशाना बनाकर एक स्पष्ट संदेश दे दिया है कि यह लड़ाई अब सीमित नहीं रहने वाली। इससे व्यापारिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ सकता है:
- डिलीवरी में देरी: कार्गो शिपिंग में बाधा आ सकती है
- रूट परिवर्तन: भूमध्यसागर के व्यापार मार्ग खतरे में
- बीमा और लॉजिस्टिक लागत: संभावित बढ़ोतरी
- शेयर बाजार में घबराहट: निवेशकों की अस्थिरता
📉 शेयर बाजार में असर: अडानी ग्रुप को झटका
ईरान-इजरायल संघर्ष की खबरों का असर अडानी ग्रुप के शेयरों पर साफ दिखा:
स्टॉक | गिरावट | बंद भाव |
---|---|---|
अडानी पोर्ट्स | -2.71% | ₹1405.25 |
अडानी एंटरप्राइजेज | -1.36% | ₹2505.65 |
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह संघर्ष लंबा चलता है, तो अडानी पोर्ट्स को लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल स्तर पर बड़ा झटका लग सकता है।
🛰️ डिफेंस सेक्टर में भी है अडानी का दांव
अडानी ग्रुप ने सिर्फ पोर्ट में ही नहीं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भी इजरायल के साथ साझेदारी की है।
2018 में अडानी एंटरप्राइजेज ने इजरायली कंपनी एल्बिट सिस्टम्स के साथ मिलकर Adani Elbit Advanced Systems India Ltd. की स्थापना की थी। हैदराबाद में स्थापित इस यूनिट में Hermes 900 UAV ड्रोन बनाए जाते हैं जिन्हें इजरायली सेना भी इस्तेमाल करती है।
➡️ इस JV को मिडिल ईस्ट के तनाव का अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है, लेकिन पोर्ट इन्वेस्टमेंट के लिए खतरा और अनिश्चितता बनी रहेगी।
🧭 क्यों है हाइफा पोर्ट स्ट्रैटजिकली अहम?
- यह इजरायल का एक प्रमुख समुद्री बंदरगाह है
- इजरायली नेवी का बेस है
- तेल रिफाइनरी और केमिकल इंडस्ट्री का केंद्र
- इंडियन व्यापारिक कनेक्टिविटी का अहम हिस्सा
👉 इस हमले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वैश्विक कॉर्पोरेट निवेश युद्धों से अछूते रह सकते हैं?
🔮 आगे क्या? रणनीतिक जोखिम या कॉर्पोरेट अवसर?
गौतम अडानी का इजरायल में निवेश अब केवल कॉमर्शियल नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिकल रिस्क मैनेजमेंट का विषय बन चुका है।
जहां एक ओर डिफेंस सेक्टर को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है, वहीं पोर्ट्स और लॉजिस्टिक इन्वेस्टमेंट पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
यह भारत के कॉरपोरेट हाउस के लिए एक चेतावनी है कि वैश्विक निवेश अब केवल आंकड़ों का खेल नहीं रहा, बल्कि भू-राजनीतिक समझदारी की भी मांग करता है।