
अपराधी कानून में वक्त के मुताबिक बदलाव जरूरी
नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में सदस्यों ने बुधवार को कहा कि अपराधी कानून में समय के अनुसार बदलाव आवश्यक है और ऐसा कर मोदी सरकार अहम कदम उठा रही है।
भाजपा के निशिकांत दुबे ने भारतीय साक्ष्य (Second) विधेयक 2023, भारतीय न्याय (Second) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (Second) संहिता 2023 पर चर्चा को आगे बढ़ते हुए आज कहा कि सारे कानून पुराने हो चुके हैं और नागरिकों के साथ इन कानूनो के कारण न्याय नहीं होता है इसलिए सरकार ने देश के नागरिकों के हित में इन क़ानूनों में बदलाव करने का कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों ने इस मुद्दे पर हिंदी के शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जाताई है, लेकिन वे भूल जाते हैं कि हमारी मानसिकता गुलामी की है और गुलामी के शब्द हमें अच्छे लगते हैं। उनका कहना था कि उन्हें देखना चाहिए कि पुराने संसद भवन में सारे श्लोक संस्कृत में लिखे है तब किसी ने इसका विरोध नहीं किया था तो अब हिंदी के इस्तेमाल का विरोध क्यों किया जा रहा है।
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एआईएमआईएम (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने विधायकों का विरोध करते हुए इन्हें देश की जनता के लिए खतरनाक बताया और कहा कि यदि इन कानून में बदलाव करना ही था तो हमें उन बिंदुओं को हटाना चाहिए था जिसमें हुकूमत और पुलिस मनमानी कर आम आदमी को ताकत दिखती है। इन कानूनों में बदलाव कर भी ताकतवरों को ही ताकत दिखाने का मौका दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आज जो लोग जेल में है उनमें बड़ी संख्या में गरीब मुसलमान शामिल है। दलित और आदिवासियों को बड़ी संख्या में जेल में रखा गया है। केरल में बड़ी संख्या में मुसलमान जेलों में है। उनका कहना था कि देश के गरीब, आदिवासी, दलित और मुसलमान का इस कानून में ख्याल रखा जाना बहुत जरूरी है।
भाजपा के कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चौहान (Pushpendra Singh Chauhan) ने आपराधिक कानून में बदलाव को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे उन लोगों को चोट पहुंचेगी जो लोगों को पुलिस के माध्यम से प्रताड़ित कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। उनका कहना था कि इन कानून की क्रियान्वयन की बात न्यायालयों में लंबित मामलों को निपटने में मदद मिलेगी।