
सियासी पिच के 'विराट' बल्लेबाज हैं चौधरी अजीत सिंह जयंत चौधरी!
रिपोर्ट :नदीम सिद्दीकी
मिशन 2024 के लिए खींची लक्ष्मण रेखा
मुजफ्फरनगर। भले ही वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) चौधरी जगबीर सिंह टिकैत परिवार के बीच चल रही आडवातों को खत्म करने में चाह कर भी कामयाब नहीं हुए हो, लेकिन उनके बाद राजनीतिक विरासत संभाल रहे उनके पुत्र रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने अपने पिता के सपनों को साकार करने के साथ ही मुजफ्फरनगर के लोकसभा चुनाव 2024 (Muzaffarnagar Lok Sabha elections 2024 ) के लिए एक ऐसी लक्ष्मण रेखा खींच दी है जिसे पार करना विरोधियों के लिए किसी चुनौती से काम नहीं है।
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2019 लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha elections) का शंखनाद बजने के बाद रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) ने यहां रुकने के दौरान जाति विशेष के वोटो के ध्रुवीकरण पर समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करते हुए जिले के किसान चिंतक कमल मित्तल की उसे सलाह की सराहना की थी जिसमें कमल मित्तल ने कहा था कि चौधरी नरेश टिकैत (Chaudhary Naresh Tikait) और योगराज सिंह (Yograj Singh) के बीच में चल रहे जगबीर सिंह हत्याकांड के मामले में सुलह करा दें तो निश्चित ही आपको लाभ होगा और आप आसानी से मुजफ्फरनगर लोकसभा का चुनाव (Muzaffarnagar Lok Sabha elections) जीत जाएंगे।
इस मुलाकात में चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) ने कमल मित्तल के सुझाव को अच्छा बताया था, लेकिन वह इस सुझाव को अमली जामा नहीं पहना पाए थे। चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) का स्वर्गवास होने के बाद परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने वाले चौधरी जयंत सिंह ने आगामी लोकसभा चुनाव में सियासी नैया पार लगाने के लिए बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत (Naresh Tikait) एवं पूर्व मंत्री योगराज सिंह (Yograj Singh) के बीच फैसला कराकर फिलहाल विरोधियों की नींद उड़ा दी है।