
बागपत में लगातार कमजोर हो रही जयंत की रालोद
शाहवेज खान
सांसद सतपाल सिंह से प्रभावित हो रही सिवाल की जनता
लोकसभा जीतनी है तो सिवाल को बनाना होगा खास
सिवाल में घर घर दस्तक दे रही भाजपा
मेरठ। जब जब पश्चिम की सियासत का जिक्र होता है तो यहां पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का जिक्र भी जरूर होता है पश्चिम उत्तर प्रदेश के अंदर राष्ट्रीय लोकदल भले ही अपने वजूद की तलाश में भटकती हुई दिखाई दे रही हो लेकिन उसका वजूद वेस्ट की राजनीति में नकारा नहीं जा सकता राष्ट्रीय लोकदल (RLD) हमेशा जाट मुस्लिम समीकरण (Jat Muslim equation) के नाम पर अपना सियासी मैदान जीतती रही है लेकिन फिलहाल की स्थिति बेहद नाजुक है ।
फिलहाल राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बड़े चौधरी अजीत सिंह (Chaudhary Ajit Singh) के देहांत के बाद जयंत चौधरी खुद को मैदान में बनाए रखने के लिए बड़ी जद्दोजहद कर रहे है, बीते लोकसभा चुनाव में भी जहा राष्ट्रीय लोक दल खुद अपना वजूद बचाने में नाकाम रही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट (Muzaffarnagar Lok Sabha Seat) पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ( Sanjeev Balyan) से हारे, तो वहीं पार्टी के केंद्र के रूप में बागपत सीट भी राष्ट्रीय लोक दल नहीं बचा पाई यहां पर खुद भाजपा से सतपाल सिंह दूसरी बार जीत हासिल करने में कामयाब हुए।
बीते विधानसभा चुनाव में जयंत चौधरी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सहारे राज्यसभा पहुंचे और वह गठबंधन के सहारे ही अपनी पार्टी के आठ विधायक जीतने में कामयाब रहे ।
खतौली में हुए उपचुनाव में भी भाजपा के विक्रम सैनी को हराकर राष्ट्रीय लोकदल के मदन भैया जीत हासिल करने में कामयाब रहे। ऐसे में यह कहना भी गलत नही होगा कि सियासत के इस खेल में जयंत चौधरी फिलहाल गठबंधन के सहारे जिंदा है।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) पूरी तरह सर पर आ चुके हैं किसी वक्त भी चुनाव आयोग अपनी तैयारी का ऐलान कर सकता है ऐसे में मुजफ्फरनगर और बागपत सीट राष्ट्रीय लोकदल के लिए सबसे अहम है अगर राष्ट्रीय लोकदल बागपत में अपनी सीट नहीं बचा पाई तो राष्ट्रीय लोकदल का वजूद खत्म होना भी तय है और अगर जयंत चौधरी को अपनी राजधानी के रूप में बागपत सीट को जीतना है तो उन्हें अपनी लोकसभा क्षेत्र की सिवाल खास सीट को बहुत खास बनाना होगा ।
व्हाट्सएप पर शाह टाइम्स चैनल को फॉलो करें
यह वही सिवाल खास सीट है जो विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोकदल के लिए चुनौती बन गई थी जहां भारी तादाद में इस सीट को लेकर जाट समाज ने हंगामा किया था और जयंत चौधरी पर दबाव बनाया था लेकिन जयंत चौधरी अपने फैसले पर अटल रहे और उन्होंने इस सीट पर समाजवादी पार्टी के चेहरे गुलाम मोहम्मद को मैदान में उतारा और सीट जीतकर राष्ट्रीय लोकदल ने बागपत लोकसभा के गणित को बिगाड़ कर दिखाया और भाजपा के सामने नई चुनौती भी पेश की थी लेकिन फिलहाल सिवाल खास में राष्ट्रीय लोकदल बेहद कमजोर दिखाई दे रही है यहां पर जाट और मुस्लिम एक बार फिर राष्ट्रीय लोकदल से खफा दिख रहा है क्योंकि चुनाव जीतने के बाद जनता का धन्यवाद कहने वाला भी कोई नहीं है।
खुद सिवाल की जनता अपने काम के लिए भटकती हुई दिखाई दे रही है और मजबूरन उसे भाजपा के द्वारा तक जाना पड़ रहा है ऐसे में सिवाल खास एक बार फिर भाजपा की जीत का आधार बन सकता है। अगर राष्ट्रीय लोकदल को बागपत के सांसद सतपाल सिंह को हराना है तो एक बार फिर नल को जनता के बीच तेजी से चलाना होगा और अगर ऐसा न हुआ तो भाजपा यहां पर अपनी हैट्रिक भी मार सकती है ।
भाजपा कार्यकर्ता जिस तरीके से काम कर रहे हैं और जिस तरीके से जनता के द्वारा तक पहुंच रहे हैं उससे खुद विपक्ष का वोटर प्रभावित हो रहा है।ऐसे में अगर भाजपा को हराने का ख्वाब जयंत चौधरी देख रहे हैं तो उन्हें अपनी जमीनी हकीकत को भी देखना होगा । लेकिन फिलहाल बागपत की सिवाल सीट पर भाजपा बेहद मजबूत है और सांसद सतपाल चुनाव जीतने की हर स्तिथी में लग रहे है।