
JPC की रिपोर्ट लोकसभा में पेश होगी, विपक्ष ने बताया ‘संवैधानिक अधिकारों पर हमला’
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर JPC ने रिपोर्ट 15-11 बहुमत से स्वीकार की। विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया। जानें पूरी खबर।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट बहुमत से स्वीकृत
वक्फ (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट तीन फरवरी को लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय के अनुसार, समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सोमवार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
जेपीसी ने बहुमत से रिपोर्ट को दी मंजूरी
गुरुवार को समिति ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह रिपोर्ट सौंपी। समिति ने बुधवार को रिपोर्ट को 15-11 के बहुमत से स्वीकार किया। इसमें भाजपा सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को शामिल किया गया, जिससे विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया। विपक्ष ने इस विधेयक को वक्फ बोर्डों के अधिकारों पर आघात बताया।
विपक्ष ने जताई असहमति
विपक्षी दलों ने विधेयक को मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने और समुदाय की स्वायत्तता खत्म करने की कोशिश है।
विधेयक में क्या है खास?
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है। प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:
डिजिटलाइजेशन: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
पारदर्शिता: संपत्तियों के प्रबंधन की निगरानी को मजबूत किया जाएगा।
अवैध कब्जा हटाने के प्रावधान: सरकार अवैध रूप से कब्जाई गई वक्फ संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र को मजबूत करेगी।
हाशिए के लोगों को लाभ: वक्फ से मिलने वाले लाभ गरीबों, महिलाओं और अनाथों तक पहुंचाने का प्रावधान जोड़ा गया है।
भविष्य की दिशा
लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने के बाद इस पर विस्तृत चर्चा होगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें विधेयक पारित होने की संभावना है।