वक्फ अमेंडमेंट बिल पर JPC ने मंजूरी देते हुए 14 संशोधनों को स्वीकार किया। इसके तहत वक्फ बोर्ड में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का प्रावधान और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव शामिल हैं। बिल को बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर बड़ा फैसला
नई दिल्ली, (Shah Times) । वक्फ अमेंडमेंट बिल को संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने अपनी मंजूरी दे दी है। सोमवार को JPC के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति की अंतिम बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा हुई, जिनमें से 14 संशोधनों को मंजूरी दी गई।
JPC ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं। संशोधन के तहत, वक्फ बोर्ड में अब 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा। साथ ही, वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों का निर्णय राज्य सरकार के नामित अधिकारी द्वारा किया जाएगा।वोटिंग के दौरान विपक्ष के प्रस्ताव खारिज हो गए। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के समाधान के लिए यह संशोधन लाया गया है। JPC अपनी रिपोर्ट बजट सत्र में पेश करेगी।
वक्फ बिल में बड़े बदलाव
वक्फ संशोधन बिल में निम्नलिखित बड़े प्रावधान किए गए हैं:
गैर-मुस्लिम सदस्य: वक्फ बोर्ड में अब 2 गैर-मुस्लिम सदस्य अनिवार्य होंगे।
जमीन का प्रबंधन: वक्फ संपत्ति की पहचान अब जिला कलेक्टर के बजाय राज्य सरकार के नामित अधिकारी करेंगे।
पिछले नियमों का प्रभाव: नए कानून को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जाएगा।
दान की प्रक्रिया: जो लोग वक्फ के लिए संपत्ति दान करेंगे, उन्हें यह साबित करना होगा कि वे कम से कम 5 वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहे हैं।
विपक्ष और सरकार आमने-सामने
संसद में विपक्ष ने इस बिल का विरोध किया और इसे मुस्लिम विरोधी बताया। TMC, DMK और कांग्रेस जैसे दलों ने JPC पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया। DMK ने कहा कि वे इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
वक्फ की संपत्ति और विवाद
भारत में लगभग 9.4 लाख एकड़ वक्फ संपत्ति है, जिसकी कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वक्फ बोर्डों को अक्सर भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोपों का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में वक्फ संपत्ति से जुड़े 566 शिकायतें दर्ज की गईं।
बजट सत्र में पेश होगा बिल
अब JPC की रिपोर्ट संसद के बजट सत्र में पेश की जाएगी। इस सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से हो रही है और यह 4 अप्रैल तक चलेगा।
बिल में प्रमुख बदलाव
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य: राज्य और केंद्रीय वक्फ बोर्ड में अब 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
संपत्ति का निर्णय: वक्फ संपत्ति की पहचान अब जिला कलेक्टर के बजाय राज्य सरकार द्वारा नामित अधिकारी करेगा।
पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं: यह कानून केवल उन संपत्तियों पर लागू होगा जो पहले से वक्फ के रूप में रजिस्टर्ड हैं।
जमीन दान के नियम: संपत्ति दान करने वाले को यह साबित करना होगा कि वह पिछले 5 वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा है।
विपक्ष और विवाद
विपक्षी दलों ने बिल को मुस्लिम विरोधी बताते हुए विरोध किया। DMK सांसद ए राजा ने इसे असंवैधानिक बताया और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की। वहीं, BJP ने इसे मुस्लिम समाज के गरीब वर्गों को न्याय दिलाने वाला कदम बताया।
वक्फ की स्थिति और महत्व
वक्फ का अर्थ है किसी संपत्ति को अल्लाह के लिए समर्पित करना।
भारत में वक्फ की संपत्ति: लगभग 9.4 लाख एकड़
कीमत: लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये
उपयोग: मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, स्कूल, और अस्पताल
JPC की संरचना
लोकसभा से सदस्य: 21
राज्यसभा से सदस्य: 10
अध्यक्ष: जगदंबिका पाल (BJP)
आगे का रास्ता
बजट सत्र (31 जनवरी – 4 अप्रैल) के दौरान JPC की रिपोर्ट संसद में पेश होगी। संशोधन पास होने के बाद इसे कानून का रूप दिया जाएगा।
The Joint Committee of Parliament (JPC) approved the Wakf Amendment Bill