
Kailash Mansarovar Yatra resumes in June 2025 after five years. Get details about dates, routes, selection process, and registration
पांच साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा जून 2025 से फिर शुरू हो रही है। जानिए यात्रा की तारीखें, मार्ग, चयन प्रक्रिया और पंजीकरण की जानकारी।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। पांच साल के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू होने जा रही है। यह पवित्र यात्रा विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाती है और इस बार यह यात्रा 30 जून 2025 से शुरू होकर 25 अगस्त 2025 तक चलेगी।
विदेश और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने इस बार यात्रा के लिए पंजीकृत यात्रियों के चयन हेतु कंप्यूटरीकृत ड्रा निकाला। यह चयन प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष, कंप्यूटर आधारित और लिंग-संतुलित रही।
यात्रा मार्ग और अवधि
इस बार यात्रा दो मार्गों से कराई जाएगी:
लिपुलेख दर्रा: इस मार्ग से यात्रा की अवधि 22 दिन होगी। इसमें 50 यात्रियों के 5 जत्थे भेजे जाएंगे।
नाथू ला दर्रा: इस मार्ग से यात्रा 21 दिन में पूरी होगी और इसमें 50 यात्रियों के 10 जत्थे शामिल होंगे।
दोनों मार्ग अब पूरी तरह से मोटर योग्य हो चुके हैं, जिससे ट्रैकिंग की आवश्यकता बेहद कम हो गई है। इससे यात्रियों के लिए यात्रा पहले की तुलना में अधिक सुलभ हो गई है।
पंजीकरण और चयन
इस वर्ष कुल 5561 यात्रियों ने सफलतापूर्वक ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जिनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं शामिल थीं। कुल 750 यात्रियों का चयन किया गया है। प्रत्येक बैच में दो लाइजन ऑफिसर (LO) भी शामिल होंगे।
चयनित यात्रियों को उनकी चयन स्थिति की सूचना SMS और ईमेल के माध्यम से दी जा रही है। इच्छुक यात्री यात्रा वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 पर संपर्क कर सकते हैं।
सरकार की पारदर्शिता और सुरक्षा पर जोर
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि सरकार ने यात्रा को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोपरि बताया। मंत्री ने यात्रियों से जिम्मेदारी, विनम्रता और सावधानी के साथ यात्रा करने का अनुरोध भी किया।
कैलाश मानसरोवर यात्रा, जो न केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि साहस और आत्मानुभूति की यात्रा भी है, अब फिर से हजारों श्रद्धालुओं के लिए आशा की किरण बनकर लौटी है। इस पवित्र यात्रा में भाग लेना अब पहले से ज्यादा सुरक्षित, सुविधाजनक और संगठित हो गया है।