
धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कश्मीरी लीडर्स ने मायूसी का इजहार किया
श्रीनगर । जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme court) की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 को निरस्त करने को बरकरार रखने पर बड़ी मायूसी का इजहार किया
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘संघर्ष’ जारी रहेगा और वह ‘लंबी लड़ाई’ के लिए तैयार हैं।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,“निराश हूं लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा. यहां तक पहुंचने में भारतीय जनता पार्टी को दशकों लग गए. हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं। हम अनुच्छेद 370 पर काबू पा लेंगे।”
एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लोग फैसले से खुश नहीं हैं।
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आजाद ने संवाददाताओं से कहा,“जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लोग आशान्वित थे। शीर्ष अदालत की पीठ अच्छी थी। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाना एक गलती थी। यह जल्दबाजी में किया गया था। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से भी पूछा जाना चाहिए था। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के लोग इस फैसले से निराश हैं।”
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन (Sajjad Loan) ने कहा कि अनुच्छेद 370 (Article 370) भले ही कानूनी रूप से खत्म हो गया हो, लेकिन यह हमेशा ‘हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा’ बना रहेगा।
उन्होंने कहा,“अनुच्छेद 370 (Article 370) पर शीर्ष अदालत का फैसला निराशाजनक है। न्याय एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के लोगों से दूर है। अनुच्छेद 370 (Article 370) भले ही कानूनी रूप से खत्म कर दिया गया हो, लेकिन यह हमेशा हमारी राजनीतिक आकांक्षाओं का हिस्सा बना रहेगा।
लोन ने एक्स पर पोस्ट में कहा,“राज्य के दर्जे के मामले में, शीर्ष अदालत ने इस पर टिप्पणी करने से भी परहेज किया, इस प्रकार पूर्वता का हवाला देकर पूरे देश को भविष्य में किसी भी दुरुपयोग से बचाया। फिर भी उसी दुरुपयोग को जम्मू-कश्मीर में सूक्ष्मता से समर्थन दिया गया। हमें उम्मीद है कि भविष्य की तारीख में न्याय मिलेगा।”