“रोटी, कपड़ा, और मकान – इन तीन चीज़ों को जीवनयापन की मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। हम अपनी कमाई से रोटी की व्यवस्था करते हैं, कपड़ों की भी व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक अपना मकान बनाना अधिक समय और लागत मांगता है क्योंकि भवन निर्माण की लागत बहुत अधिक होती है।” आधुनिक समय में होम लोन जैसी सुविधाओं के ज़रिए मकान बनाना या मकान ख़रीदना फिर भी आसान हो गया है। मगर क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष अनुसार, आपकी कुंडली (Horoscope) में कुछ ऐसे योग बनते हैं, जब आप मकान बनाने में सक्षम हो पाते हैं।
ज्योतिष सिद्धांतों का आधुनिक समय में उपयोग तथा प्रयोग कर हम व्यक्ति की जन्म कुंडली के माध्यम से किसी भी रूप में अथवा किसी भी प्रकार से मकान के योग, जमीन खरीदने के योग, संपत्ति की खरीद / हस्तांतरण / प्राप्ति तथा संपत्ति के लाभ को देख सकते है तथा जान सकते है कि मेरा घर कब बनेगा, किस तरह का होगा और किस प्रकार के क्षेत्र में होगा।
ज्योतिष (Astrology) अनुसार, जब कुंडली का चौथा भाव, चौथे भाव के स्वामी, मंगल देव और शनि देव प्रबल और शुभ ग्रहों के प्रभाव में होते हैं, तब भवन निर्माण और भवन ख़रीदने के योग बनते हैं।
कुंडली में भूमि और मकान प्राप्ति के योग:-
जब कुंडली के चौथे भाव या चौथे भाव के स्वामी पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि होती है या फिर चौथे भाव में किसी शुभ ग्रह की स्थिति होती है, तब मकान योग बनता है। अगर कुंडली में चौथे और ग्यारहवें भाव के बीच कोई विशेष संबंध बनता है तो एक से अधिक मकान होने की संभावना बनती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति प्रॉपर्टी डीलर भी बन सकते हैं।
जब कुंडली में चौथे, आठवें और ग्यारहवें भाव के बीच कोई विशेष संबंध होता है तो विरासत या ससुराल पक्ष की ओर से मकान मिलने के योग बनते हैं। जब चौथे भाव के स्वामी का विशेष संबंध बारहवें भाव से होता है तो इस बात की प्रबल संभावना रहती है कि व्यक्ति अपने मूल निवास से दूर या विदेश में घर बना सकता है।
जब चौथे भाव या चतुर्थेश पर बुध ग्रह का अनुकूल प्रभाव होता है तो मार्केट के बीच या व्यावसायिक प्रॉपर्टी बनने के योग बनते हैं। ऐसे में व्यक्ति घर में ही कोई बिज़नेस शुरू कर सकता है। कुंडली में चौथे भाव या चौथे भाव के स्वामी का संबंध नौवें भाव या नौवें भाव के स्वामी के साथ होता है तो पिता के सहयोग से मकान बनने के योग बनते हैं।
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मकान बनाने के योग में राहु केतु का होना छोटी, पुरानी वीरान या अर्द्ध-विकसित सम्पत्ति, बुध का होना व्यावसायिक सम्पत्ति, शुक्र का होना समस्त सुख सुविधाओं से युक्त संपत्ति, गुरु का होना बड़ी और पैतृक संपत्ति दर्शाता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल या शनि ग्रह से संबंधित कोई ग्रह दोष हो तो उसे अपने घर का सपना पूरा करने में बहुत सी समस्याओ का सामना करना पड़ता है। जन्मतिथि से जाने शेयर बाज़ार की सफलता का रहस्य
अपना घर बनाने के सरल ज्योतिष उपाय
- अपने घर के पूजा स्थल अथवा ईशान दिशा में एक मिट्टी का छोटा घर लाकर रखें और उसमें हर रविवार को सरसो तेल का दीपक जलाएं और दीपक जलने के बाद उसमें फिर से कपूर जलाएं। इस मिटटी के घर को भी अपने हाथ से खूबसूरत तरीके से सजाएं। इससे भी ग्रह निर्माण में आने वाली बाधाएं दूर होने लगती है ।
- पश्चिम दिशा को शनिदेव की दिशा मानी गई है इसलिए इस दिशा में हर रोज सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- पूजा स्थल में श्रीयंत्र की स्थापना करें और नियमित पूजा-पाठ करें।
- किसी भी मंदिर में एक नीम की लकड़ी का बना हुआ छोटा सजा-संवरा सा घर दान करें।
- मंगलवार को लाल मसूर की दाल का दान करने से भी अपना भवन बनाने के योग प्रबल होते हैं।
- अगर जमीन जायदाद के विवादों ने आपको परेशान कर रखा है तो रविवार के दिन गौशाला में जाकर लाल गाय को गुड़ खिलाएं, मंगलवार के दिन सफेद गाय और उसके बछड़े को लाल मसूर की दाल व गुड़ और घोड़े को चने की भीगी हुई दाल खिलाएं।
मकान, भूमि, फ्लैट लेने से पूर्व किसी ज्योतिष शास्त्री से कुंडली का विश्लेषण अवश्य कराएं।