
नई दिल्ली । बसपा नेता दानिश अली (Danish Ali) ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) की उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर लगे आरोप के मामलों में अलग-अलग मापदंड अपनाए गए हैं जो संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।
अमरोहा के सांसद अली ने आज बिरला को एक पत्र लिखकर संसदीय परंपराओं के उल्लंघन का मामला उठाते हुए अपने विशेषाधिकारों की सुरक्षा के लिए आग्रह किया। उन्होंने यह दावा भी किया कि आचार समिति के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर ने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सांसद महुआ मोइत्रा के मामले में सार्वजनिक रूप से बयान देकर नियम 275 का उल्लंघन किया है।
अली ने पत्र में कहा, ‘‘पूरे सम्मान के साथ मैं आपका ध्यान विशेषाधिकार हनन और नैतिक कदाचार से संबंधित मामलों में संसदीय प्रक्रियाओं के घोर उल्लंघन की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। आप इस तथ्य से अवगत होंगे कि मैंने 22 सितंबर को विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस दिया था, जिसमें सांसद रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) द्वारा मेरे खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था।’’
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इसमें कहा गया है, ‘‘स्थापित प्रक्रिया के अनुसार शिकायतकर्ता सदस्य को सबसे पहले विशेषाधिकार समिति के समक्ष बुलाया जाता है और उसके बाद ही आरोपी व्यक्ति को साक्ष्य के लिए बुलाया जाता है। हालांकि, सभी निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए, जिस सदस्य पर मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है, उसे बुलाया गया प्रतीत होता है और यह इस तथ्य से साबित होता है कि मुझे अब तक समिति में अपना पक्ष रखने के लिए नहीं बुलाया गया है। दूसरी ओर ऐसा दिखाई देता कि आचार समिति ने महुआ मोइत्रा के मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया है।’’
उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) से संबंधित मामले में भी मीडिया से यह जानना बहुत दुखद है कि समिति के अध्यक्ष ने खुले तौर पर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उन्हें तृणमूल की सांसद के खिलाफ कथित नैतिक कदाचार की शिकायत के संबंध में एक हलफनामा मिला है।
अली ने दावा किया, ‘‘ मैं इसे किसी और के द्वारा नहीं, बल्कि आचार समिति के प्रमुख द्वारा नियम 275 के उल्लंघन के रूप में देखता हूं।’’







