Forex Trading Scam: क्यूएफएक्स से वाईएफएक्स तक, लविश चौधरी का निवेशकों को फंसाने का खेल
मुजफ्फरनगर के लविश चौधरी ने क्यूएफएक्स, वाईएफएक्स और बोट ब्रो जैसी कंपनियों के जरिए 210 करोड़ की ठगी की। रिजर्व बैंक ने 13 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया। जानिए पूरा मामला।
लविश चौधरी: नाम बदलकर चलाता रहा ठगी का कारोबार, अब दुबई से ऑपरेट कर रहा फॉरेक्स ट्रेडिंग
मुजफ्फरनगर,(Shah Times)। मुजफ्फरनगर के छोटे से गांव से निकले लविश चौधरी ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 210 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया। पहले क्यूएफएक्स, फिर वाईएफएक्स और अब बोट ब्रो के नाम से अपना गोरखधंधा चला रहा है। जब भी उसकी कंपनी कानून की नजरों में आई, उसने नया नाम देकर कारोबार जारी रखा।
कैसे हुआ ठगी का खुलासा?
2023 में हिमाचल प्रदेश में दर्ज हुए एक मुकदमे से क्यूएफएक्स कंपनी की 210 करोड़ की ठगी सामने आई। इस कंपनी के डायरेक्टर का नाम भले ही कोई और था, लेकिन असली कर्ताधर्ता लविश चौधरी ही था।
कैसे करता था लोगों को गुमराह?
निवेशकों को 6-7% मासिक रिटर्न का लालच दिया जाता था।
नए निवेशक लाने पर 3% तक का कमीशन एजेंटों को दिया जाता था।
क्रिप्टो करेंसी (TLC सिक्के) देने का झांसा भी दिया जाता था।
नई-नई योजनाओं के नाम पर पैसे डबल करने का दावा किया जाता था।
रिजर्व बैंक की कार्रवाई और फॉरेक्स ट्रेडिंग पर बैन
भारतीय रिजर्व बैंक ने अनियमितताओं के चलते 13 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया। इसमें रेंजर कैपिटल, टीडीएफएक्स, यॉर्कर एफएक्स, ग्रो लाइन, थिंक मार्केट्स, स्मार्ट प्रॉप ट्रेडर समेत कई कंपनियां शामिल हैं।
लविश चौधरी अब दुबई से कर रहा ऑपरेशन
भारत में जब फॉरेक्स ट्रेडिंग पर शिकंजा कसने लगा, तो लविश चौधरी दुबई भाग गया और वहीं से अपना कारोबार चला रहा है। हजारों निवेशक अब भी इसकी नई कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं, जो भविष्य में और बड़े घोटाले का संकेत दे रहा है।
गरीबी से लेकर ठगी के मास्टरमाइंड बनने तक का सफर
लविश चौधरी का सफर बेहद साधारण रहा। शुरुआत में वह अपने गांव मंसूरपुर में प्रोविजन स्टोर चलाता था, लेकिन आमदनी कम थी। इसके बाद उसने फैक्ट्री में काम किया, लेकिन यहां भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद उसने फॉरेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा विनिमय) में किस्मत आजमाने का फैसला किया।
लविश चौधरी ने लोगों को तेज मुनाफे और गारंटीड रिटर्न का लालच देकर पहले क्यूएफएक्स नाम की कंपनी खोली। इसमें लोगों को हर महीने 6-7% का रिटर्न देने का वादा किया गया। इसके अलावा, जो कोई भी नए निवेशक लाता था, उसे 3% कमीशन दिया जाता था। इस स्कीम में हजारों लोग फंस गए और मोटा निवेश कर दिया।
क्यूएफएक्स कंपनी का पर्दाफाश
हिमाचल प्रदेश में नवंबर 2023 में इस घोटाले का भंडाफोड़ हुआ, जब वहां क्यूएफएक्स कंपनी पर 210 करोड़ की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ। हालांकि, कागजों में इस कंपनी का डायरेक्टर कोई और था, लेकिन असल में इसका पूरा नियंत्रण लविश चौधरी के हाथ में था।
जैसे ही जांच एजेंसियों की नजर इस पर पड़ी, लविश चौधरी ने भारत में कारोबार समेटकर दुबई में अपना ठिकाना बना लिया और वहां से नए नाम से ठगी जारी रखी।
एक कंपनी बंद, दूसरी चालू – ठगी का नया तरीका
भारत में जब क्यूएफएक्स कंपनी सवालों के घेरे में आई, तो लविश चौधरी ने इसे बंद कर दिया और नई कंपनी वाईएफएक्स और बोट ब्रो के नाम से कारोबार शुरू कर दिया।
नई स्कीम के तहत:
वाईएफएक्स में निवेश पर 9-10% मासिक रिटर्न देने का झांसा दिया गया।
बोट ब्रो में निवेश करने पर 6-7% मासिक ब्याज देने का दावा किया गया।
1.10 लाख रुपये के निवेश पर क्रिप्टो करेंसी TLC के 500 सिक्के देने का लालच दिया गया।
एजेंटों को 1.5% से 2.5% तक का कमीशन दिया गया, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस स्कीम में फंसाएं।
रिजर्व बैंक की चेतावनी और 13 ट्रेडिंग कंपनियों पर बैन
फॉरेक्स ट्रेडिंग के फर्जीवाड़े को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 13 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अनधिकृत घोषित कर दिया। इन प्लेटफॉर्म्स में शामिल कंपनियां हैं:
रेंजर कैपिटल
टीडीएफएक्स
यॉर्कर एफएक्स
ग्रो लाइन
थिंक मार्केट्स
स्मार्ट प्रॉप ट्रेडर
फंडेड नेक्स्ट
वेलट्रेड
एफएक्स रोड
डीबीजी मार्केट्स
प्लस वन ट्रेड
क्या निवेशकों का पैसा वापस मिलेगा?
अब जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियां लविश चौधरी के खिलाफ जांच में जुट गई हैं, तो संभावना है कि उसकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। लेकिन जो लोग इस स्कीम में पैसे लगा चुके हैं, उनके लिए पैसा वापस मिलना मुश्किल हो सकता है।
लविश चौधरी का यह फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाला उन लोगों के लिए एक सबक है, जो बिना जांच-पड़ताल किए किसी भी निवेश स्कीम में पैसा लगाते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी लोग अधिक मुनाफे के लालच में फंस जाते हैं।
अगर आप भी किसी स्कीम में निवेश करने जा रहे हैं, तो पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच जरूर करें।
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