
महाकुंभ 2025 में तुलसी मार्ग पर एक शिविर में आग लग गई, जिससे कई शिविर जलकर खाक हो गए। दमकल की दर्जनों गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
महाकुंभ मेले में शिविर में आग, कई शिविर जलकर हुए खाक
महाकुंभनगर,(Shah Times)। महाकुंभ 2025 में एक बार फिर आग लगने की घटना सामने आई है। शुक्रवार को तुलसी मार्ग और शंकराचार्य मार्ग पर एक शिविर में भीषण आग लग गई, जिससे कई शिविर जलकर खाक हो गए। दमकल की एक दर्जन से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
कल्पवासी थाना प्रभारी निरीक्षक अजब सिंह ने बताया कि आग जीटी रोड पर तुलसी चौराहे के पास स्थित स्कॉन मंदिर शिविर के बाद देवी संपदा मठ के शिविर में लगी। दोनों शिविर पास-पास स्थित थे, जिससे आग तेजी से फैल गई। आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई
आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग को फैलने से रोकने के लिए अभियान चलाया। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी।
पहले भी हो चुकी हैं आग की घटनाएं
महाकुंभ में आग लगने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले सेक्टर 19 और सेक्टर 22 में भी शिविरों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, राहत की बात यह रही कि तीनों घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई है।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा
इस घटना के बाद प्रशासन ने सभी शिविर संचालकों को फायर सेफ्टी गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, दमकल और आपातकालीन सेवाओं की तैनाती को और मजबूत किया गया है।
संतों और श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ी
महाकुंभ में लगातार हो रही आग की घटनाओं ने श्रद्धालुओं और संतों की चिंता बढ़ा दी है। शिविरों में बड़ी संख्या में लोग ठहरे हुए हैं, ऐसे में आग जैसी घटनाएं उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं और शिविर संचालकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की ज्वलनशील वस्तुओं का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें और आग से बचाव के लिए सतर्क रहें।
महाकुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल ?
महाकुंभ मेले में तुलसी मार्ग पर शिविर में लगी आग एक गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना न केवल सुरक्षा प्रबंधन की कमियों को उजागर करती है, बल्कि महाकुंभ में लगातार हो रही आग की घटनाओं को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है। पिछले 20 दिनों में यह तीसरी घटना है, जो यह दर्शाता है कि आग से निपटने के लिए किए गए इंतजाम अभी भी पर्याप्त नहीं हैं।
दमकल विभाग की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई, यह राहत की बात है। लेकिन शिविरों का जलकर खाक हो जाना तीर्थयात्रियों और संतों के लिए बड़ी क्षति है। खासकर, जब लाखों श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन में भाग ले रहे हों, तो इस तरह की घटनाएं उनके लिए चिंता का कारण बन सकती हैं।
प्रशासन की जिम्मेदारी और सुधार की आवश्यकता
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- फायर सेफ्टी ऑडिट: सभी शिविरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए और आग से बचाव के इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।
- इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम: दमकल और सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत किया जाए, ताकि आग जैसी घटनाओं पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सके।
- जन जागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं और शिविर संचालकों को आग से बचाव और प्राथमिक उपचार के बारे में जागरूक किया जाए।
- शिविरों की संरचना पर ध्यान: शिविरों को इस प्रकार बनाया जाए कि आग लगने की स्थिति में तेजी से फैलने से रोका जा सके।
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक भी है। ऐसे में प्रशासन को इन घटनाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए और हरसंभव उपाय करने चाहिए ताकि श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे।
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