मुंबई । बॉलीवुड (Bollywood) की जानीमानी अभिनेत्री माला सिन्हा (Mala Sinha) आज 87 वर्ष की हो गयी। माला सिन्हा (Mala Sinha) का जन्म 11 नवम्बर 1936 को हुआ था और वह अभिनेत्री नर्गिस से प्रभावित थीं और बचपन से ही उन्हीं की तरह अभिनेत्री बनने का ख्वाब देखा करती थीं। उनका बचपन का नाम आल्डा था और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उन्हें “डालडा” कहकर पुकारा करते थे। बाद में उन्होंने अपना नाम अल्बर्ट सिन्हा (Albert Sinha) की जगह माला सिन्हा रख लिया। स्कूल के एक नाटक में माला सिन्हा के अभिनय को देखकर बंगला फिल्मों के जाने-माने निर्देशक अर्धेन्दु बोस उनसे काफी प्रभावित हुए और उनसे अपनी फिल्म “रोशनआरा” में काम करने की पेशकश की। उस दौरान माला सिन्हा ने कई बंगला फिल्मों में काम किया। एक बार बंगला फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में उन्हें मुम्बई जाने का अवसर मिला।
मुम्बई में माला सिन्हा की मुलाकात केदार शर्मा से हुई जो उन दिनों रंगीन रातें के निर्माण में व्यस्त थे। उन्हें माला सिन्हा (Mala Sinha) को अपनी फिल्म के लिए चुन लिया।
1954 में माला सिन्हा (Mala Sinha) को प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar) के बादशाह और हेमलेट जैसी फिल्मों में करने का मौका मिला लेकिन दुर्भाग्य से उनकी दोनों फिल्में टिकट खिड़की पर विफल साबित हुई। माला सिन्हा (Mala Sinha) के अभिनय का सितारा निर्माता-निर्देशक गुरूदत्त की 1957 में प्रदर्शित क्लासिक फिल्म ‘प्यासा’ से चमका। इस फिल्म की कामयाबी ने माला सिन्हा (Mala Sinha) को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। इस बीच माला सिन्हा ने राजकपूर के साथ परवरिश, फिर सुबह होगी, देवानंद के साथ लव मैरिज और शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) के साथ फिल्म उजाला में हल्के-फुल्के रोल कर अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया।
1959 में प्रदर्शित बी.आर.चोपड़ा निर्मित फिल्म धूल का फूल के हिट होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में माला सिन्हा (Mala Sinha) के नाम के डंके बजने लगे और बाद में एक के बाद एक कठिन भूमिकाओं को निभाकर वह फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गई। धूल का फूल निर्देशक के रूप में यश चोपड़ा की पहली फिल्म थी।
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1961 में माला सिन्हा (Mala Sinha) को एक बार फिर से बीआर चोपड़ा (BR Chopra) की ही फिल्म धर्मपुत्र में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद 1963 में माला सिन्हा (Mala Sinha) ने बीआर चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म गुमराह में भी काम किया।
माला सिन्हा (Mala Sinha) ने अपने सिने करियर में उस दौर के सभी दिग्गज अभिनेताओं के साथ अभिनय किया। राजकपूर के साथ फिल्म परवरिश में भोला -भाला प्यार हो या फिर शम्मी कपूर के साथ फिल्म दिल तेरा दीवाना में मस्त अंदाज या फिर गुरूदत्त के साथ फिल्म प्यासा में संजीदा अभिनय या फिर में विश्वजीत के साथ दो कलियां में छैल.. छबीला रोमांस हो। माला सिन्हा (Mala Sinha) हर अभिनेता के साथ उसी के रंग में रंग जाती थीं। दिलीप कुमार के साथ अभिनय करना किसी भी अभिनेत्री का सपना हो सकता है लेकिन माला सिन्हा (Mala Sinha) ने उनके साथ फिल्म राम और श्याम में काम करने के लिए इसलिये इन्कार कर दिया कि वह फिल्म में अभिनय को प्राथमिकता देती थीं न कि शोपीस के रूप में काम करने को।
माला सिन्हा (Mala Sinha) के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता धमेन्द्र (Dharmendra) के साथ खूब जमी। सबसे पहले यह जोड़ी 1962 में प्रदर्शित फिल्म अनपढ़ में पसंद की गई। इसके बाद इस जोड़ी ने पूजा के फूल, जब याद किसी की आती है, नीला आकाश, बहारे फिर भी आएगी और आंखे 1968 जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। धर्मेन्द्र के अलावा उनकी जोड़ी विश्वजीत, प्रदीप कुमार और मनोज कुमार के साथ भी पसंद की गई। हिन्दी फिल्मों के अलावा माला सिन्हा (Mala Sinha) ने बांगला फिल्मों में भी अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
1958 में प्रदर्शित बांग्ला फिल्म लुकोचुरी माला सिन्हा के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में उन्हें किशोर कुमार के साथ काम करने का मौका मिला। बंगला फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में यह फिल्म सर्वाधिक हास्य से परिपूर्ण सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। आज भी जब कभी कोलकाता में छोटे पर्दे पर यह फिल्म दिखाई जाती है दर्शक इसे देखने का मौका नहीं छोड़ते।
1966 में माला सिन्हा (Mala Sinha) को नेपाली फिल्म माटिघर में काम करने का मौका मिला। फिल्म के निर्माण के दौरान उनकी मुलाकात फिल्म के अभिनेता सीपी लोहानी से हुई जो इस फिल्म के अभिनेता थे। फिल्म में काम करने के दौरान माला सिन्हा को उनसे प्रेम हो गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली। माला सिन्हा (Mala Sinha) ने लगभग 100 फिल्मों मे काम किया है। माला सिन्हा (Mala Sinha) इन दिनों बॉलीवुड में सक्रिय नहीं है।