
मशहूर चौसा आम का स्वाद चखने से अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, जापान एवं खाड़ी के मुल्कों के लोग महरूम रह जाएंगे।
सहारनपुर, (Shah Times) । हवाई जहाज के किराए में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के चलते सहारनपुर के मशहूर चौसा आम का स्वाद चखने से अमेरिका, रूस, आस्ट्रेलिया, जापान एवं खाड़ी के मुल्कों के लोग महरूम रह जाएंगे।निर्यातकों को डील करने वाले एक बड़े अफसर ने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान हवाई जहाज का आम का भाड़ा 80 रूपए प्रति किलोग्राम था जो अब बढ़कर 300 से 340 रूपया प्रति किलोग्राम हो गया है। इससे निर्यातकों को होने वाला लाभ खत्म हो गया है। सहारनपुर के आम उत्पादकों को भी निर्यात ठप्प होने से भारी धक्का लगा है।
इस बार सहारनपुर के निर्यातक तफजील अहमद रामकेला प्रजाति के आम की आपूर्ति लंदन की फर्म स्वप्लन ढीलन को कर रहे है। रामकेला आम से आचार बनता है।
लंदन की यह फर्म आचार के लिए इस आम को खरीदती है। नए जिलाधिकारी मनीष बंसल ने नई पहल करते हुए सहारनपुर के मशहूर चौसा आम को आईजी टैग श्रेणी में रखने के लिए गंभीर प्रयास शुरू किए हैं।सहारनपुर में 26500 हैक्टेयर में आम के बाग हैं जहां चार लाख 77 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है।
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह के मुताबिक प्रति हैक्टेयर 18 क्विंटल आम की पैदावार होती है। मार्केटिंग विभाग के सुनील कुमार सोम और मंड़ी परिषद के जगपाल सिंह पुंडीर ने बताया कि पिछले वर्ष चौसा प्रजाति का 30 हजार किलोग्राम आम आस्ट्रेलिया, रूस और कतर को निर्यात हुआ था।
मुंबई के निर्यातक नितिन पांडे सहारनपुर से लीची और आम के बड़े निर्यातक हैं लेकिन इस बार वह भी यहां से ना लीची और ना ही आम निर्यात कर पाए हैं। वजह है कि हवाई यात्रा का बढ़ा हुआ किराया। यहां के निर्यात से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि विश्व में भारत के आम को पसंद करने वाले और बड़े चाव के साथ उसका स्वाद लेने वाले देशों ने पाकिस्तान से आम की आपूर्ति शुरू कर दी है। इस मामले में पाकिस्तान से भारत पूरी तरह से पिछड़ गया है।निर्यातकों और आम उत्पादकों की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई किराए को कम करें अथवा सब्सिड़ी देने का काम करें। जिससे सहारनपुर के आम की खपत और मांग भी विदेशों में बदस्तूर शुरू हो जाए।
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