
मणिपुर पुलिस ने उस दल के सदस्यों के खिलाफ हिंसा की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाते हुए दो प्राथमिक की दर्ज की थीं
दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मणिपुर हिंसा (Manipur violence) की स्थिति और बिगड़ने के आरोप में दर्ज दो प्राथमिकियों के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) की याचिका पर सुनवाई करने को बुधवार को सहमत हो गया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (J B Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) की पीठ ने दो प्राथमिकियों को रद्द करने की मांग वाली ईजीआई की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार स्वीकार की।
पीठ के समक्ष विशेष उल्लेख कर वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने मामले को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी। इस पर पीठ ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वह (दीवान) संबंधित कागजात तैयार रखें। इस पर वह सुनवाई करेगी।
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ईजीआई ने मणिपुर (Manipur) के हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों की सच्चाई का पता लगाने के लिए एक दल वहां भेजा था। मणिपुर पुलिस (Manipur Police) ने उस दल के सदस्यों के खिलाफ हिंसा की स्थिति बिगड़ने का आरोप लगाते हुए दो प्राथमिक की दर्ज की थीं। प्राथमिक दर्ज होने के बाद से उस दल के सदस्यों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
ईजीआई के इस दल ने रिपोर्ट दी थी कि स्थानीय समाचारों में हिंसा से संबंधित पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग की जा रही है। इससे स्थिति बिगर रही है।
गौरतलब है कि मणिपुर (Manipur) में मैतेई (Meitei) और कुकी समुदायों (cookie communities) के बीच आरक्षण के मुद्दे पर इस साल अप्रैल में विवाद चल रहा था, जो बाद बड़ी हिंसक घटनाओं के तौर पर सामने आया।