
Saharanpur Chhadi Mela cultural inauguration with Mayor and MLA.
सहारनपुर: सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही भारत को 2047 तक ले जाएगा आगे
विकसित भारत की राह संस्कृति और एकता से होकर: महापौर अजय कुमार
सहारनपुर छड़ी मेले में महापौर ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना तभी साकार होगी जब सांस्कृतिक मूल्यों का पुनर्जीवन किया जाए।
~Zia Abbas Zaidi
Saharanpur ,(Shah Times)। सहारनपुर के ऐतिहासिक जनमंच में आयोजित छड़ी पूजन और मेला गुघाल का शुभारंभ महापौर डॉ. अजय कुमार और नगर विधायक राजीव गुंबर ने संयुक्त रूप से किया। छड़ी पूजन के मुख्य यजमान सिद्धार्थ जैन रहे, जबकि सीआईए अध्यक्ष रविंद्र मिगलानी ने रिबन काटा और समाजसेवी व निर्यातक मयंक अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन किया।
सांस्कृतिक और सामाजिक भागीदारी
छड़ी के मुख्य पुजारी विनोद प्रकाश ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ पूजा सम्पन्न कराई। इस अवसर पर नगरायुक्त शिपू गिरि, उपसभापति मयंक गर्ग, दल नेता दिग्विजय चौहान, मेला संयोजक नीरज शर्मा, कार्यक्रम संयोजक गौरव जैन, उपसंयोजक के.के. बत्रा और नूतन तोमर ने सामूहिक रूप से छड़ी परिधान अर्पित किया और शांति व खुशहाली की प्रार्थना की।
इस आयोजन में निवर्तमान महापौर संजेव वालिया, पूर्व मंत्री संजय गर्ग, समाजसेवी पाल्ली कालड़ा, संघ परिवार से कवीन्द्र जी और अशोक बंसल, भाजपा नेता अनेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष गोपाल मेहंदीरत्ता, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ललित कटारिया और सागर वर्मा सहित बड़ी संख्या में पार्षद उपस्थित रहे।
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आयोजन समिति और स्वागत
कार्यक्रम संयोजक गौरव जैन, सह संयोजक विजय वर्मा, उप संयोजक अहमद मलिक और पार्षद प्रतिनिधि विनोद सैनी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का पटका पहनाकर स्वागत किया।
संचालन की बागडोर डॉ. वीरेन्द्र आज़म और विजय वर्मा ने संभाली।
महापौर का संबोधन: संस्कृति और राष्ट्रवाद
महापौर डॉ. अजय कुमार ने कहा –
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का जो सपना देखा है, वह तभी संभव है जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं का पुनर्जीवन करें। मेला गुघाल जैसे आयोजन सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अभिव्यक्ति हैं।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि इस मेले में श्रीरामकथा, श्रीकृष्णलीला, कवि सम्मेलन, मुशायरा, स्पीक मैके संगीत कार्यक्रम और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएँगी, ताकि भारत की विविधता और सामाजिक सहयोग का संदेश सब तक पहुँचे।
विधायक का संदेश: एकता और सहयोग
नगर विधायक राजीव गुंबर ने कहा –
“मेला गुघाल केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एकता, सद्भाव और परस्पर सहयोग का सांस्कृतिक महापर्व है। हमें इस अवसर पर सभी मतभेदों को पीछे छोड़कर सामूहिक भागीदारी करनी चाहिए।”
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था
कार्यक्रम में अपर नगरायुक्त प्रदीप कुमार यादव, सहायक नगरायुक्त जेपी यादव, निगम के सम्पत्ति सुरक्षा अधिकारी हरि प्रकाश कसाना और प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल एच.बी. गुरूंग ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पूरे आयोजन से पहले डॉग स्क्वाड की एएस चेक टीम प्रभारी अमित भाटी के नेतृत्व में पहुँची। कुत्ता दस्ते के अहम सदस्य मारियो ने सभागार में रखे सभी सामान, विद्युत कंट्रोल रूम, हारमोनियम और सारंगी जैसे वाद्य यंत्रों की सूँघकर जाँच की, जिससे सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित हुई।
संस्कृति और राजनीति का संगम
यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं बल्कि राजनीति, समाज और संस्कृति का संगम भी है।
भाजपा, कांग्रेस और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी से स्पष्ट है कि सांस्कृतिक मंच राजनीतिक संवाद का भी माध्यम बनते हैं।
संजेव वालिया, संजय गर्ग, पाल्ली कालड़ा, अनेश शर्मा, गोपाल मेहंदीरत्ता, ललित कटारिया, सागर वर्मा जैसे नाम बतौर उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे विभिन्न विचारधाराओं के लोग एक मंच पर इकट्ठा हुए।
निष्कर्ष
सहारनपुर का छड़ी मेला केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब, राजनीतिक सहभागिता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का संगम है। महापौर डॉ. अजय कुमार और विधायक राजीव गुंबर का यह संदेश महत्वपूर्ण है कि 2047 तक विकसित भारत का सपना आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तीनों आधारों पर टिकेगा।