
शिवभक्त कावड़ियों को ही बता दिया हादसे के जिम्मेदार, बिजली विभाग में नहीं दिखा जिम्मेदारी का अहसास
मेरठ । बड़े पद पर बैठे अधिकारियों ने अगर अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य से भागने का निर्णय ले लिया है तो फिर समझ जाइए आप खुद ही हर चीज के जिम्मेदार हैं बिजली विभाग में लगातार हो रहे बड़े बड़े हादसे जहां विभाग की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं वही बिजली विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भी मुंह मोड़ कर हादसों का जिम्मेदार खुद मृतकों को बता रहे हैं। हम बात कर रहे हैं पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) की एमडी चैत्रा वी. की. थाना भावनपुर क्षेत्र के ग्राम राली चौहान मे शनिवार की रात 11000 की लाइन से टकराकर लगभग 16 कावड़िया पूरी तरह झुलस गए जिनमें से कई की दर्दनाक मौत करंट लगने से मौके पर ही हो गई। गांव वालों के अनुसार कावड़ियों ने अपनी कावड़ निकालने के लिए विभाग के अधिकारियों से कुछ समय के लिए कट मांगा था लेकिन शिव भक्ति की आस्था में डूबे कावड़ियों को शायद यह मालूम नहीं था की जिस शिव की आराधना के लिए वह निकले हैं वह यात्रा उनकी अंतिम यात्रा होगी। सूत्रों के अनुसार बिजली विभाग के अधिकारियों ने अचानक सप्लाई जारी कर दी जिसकी वजह से शिव भक्तों की दर्दनाक मौत हुई। गांववासी शिव भक्तों की मौत का जिम्मेदार जहां प्रशासन को बता रहे हैं वही बिजली विभाग के अधिकारियों को भी उतना ही दोषी मान रहे हैं।
एमडी महोदया क्या आप की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती
शनिवार की रात हुए हादसे ने जहां पूरे प्रदेश को झकझोर दिया वही इतनी बड़ी घटना के बाद भी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम इस घटना पर कोई ठोस कदम उठाता हुआ दिखाई नहीं दिया. विभाग की एमडी चैत्रा वी घायल कांवड़ियों को देखने के लिए अस्पताल तो पहुंची लेकिन अपने विभाग के उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी जो इस हादसे के लिए कहीं ना कहीं जिम्मेदार हैं ।
बिजली विभाग के एमडी ने अपने कार्यालय में देर शाम प्रेस वार्ता की उस दौरान उन्होंने जो कहा वह भी हैरान करने वाला था उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 12 फुट की कावड़ के लिए अनुमति दे रखी थी उसके बावजूद कावड़ियों ने बहुत ऊंची कावड़ बना रखी थी जिसकी वजह से यह हादसा हुआ यानी एमडी महोदय ने हादसे का जिम्मेदार खुद कांवरियों को ही बता दिया। अब सवाल उठता है कि जब हादसे के जिम्मेदार खुद कावड़िया ही थे तो जगह-जगह बिजली विभाग के अधिकारी शिव भक्तों को एक से बढ़कर एक सुविधा मुहैया कराने के लिए क्यों भागे फिर रहे थे क्या उस समय 22 फुट की कावड़ बिजली विभाग के अधिकारियों की आंखों को नहीं दिखी।
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हादसे को 24 घंटे गुजरने के बाद भी विभाग सिर्फ खानापूर्ति करता हुआ दिखाई दिया. ना किसी पर कार्रवाई की और ना ही कोई आश्वासन। अगर मैडम ने कुछ कहा तो यही कि जहां पर भी करंट उतरने की संभावना हो वहां से लोगों को बचना चाहिए। एमडी महोदय के इस बयान पर हम कहना चाहते हैं कि कमाल है एमडी महोदया क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती जो यह तय कर सकें. की जहां भी खतरा बना हुआ है उस खतरे को खत्म किया जाएगा और जनता को करंट से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे वैसे यहां पर हमें यह भी कहना है कि योगी सरकार में जिस तरीके से कावड़ियों की मौत मुद्दा नहीं बन पाई उससे यह बात तो साफ हो गई कि सत्ता के चाहने वाले सिर्फ वही मुद्दा बनाते हैं जिससे सत्ता हासिल हो सके।