
नेपाल-मुंबई कनेक्शन उजागर, उत्तराखण्ड में ड्रग्स फैक्ट्री पर पुलिस का छापा
मुख्यमंत्री के ड्रग्स मुक्त अभियान को बड़ी कामयाबी, STF ने गिरोह को दबोचा
ड्रग्स फ्री देवभूमि: उत्तराखण्ड पुलिस की ऐतिहासिक कार्रवाई, करोड़ों की एमडीएमए फैक्ट्री का भंडाफोड़
उत्तराखण्ड में एसटीएफ और पुलिस की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की एमडीएमए फैक्ट्री का खुलासा। मुख्यमंत्री के “ड्रग्स फ्री देवभूमि” अभियान को मिली बड़ी सफलता। जानें कैसे महाराष्ट्र से नेपाल तक फैला था ड्रग्स नेटवर्क।
Dehradun,( Shah Times ) । उत्तराखण्ड राज्य में नशामुक्ति की दिशा में मुख्यमंत्री के “ड्रग्स फ्री देवभूमि” अभियान को बड़ा बल देते हुए एसटीएफ और पुलिस ने मिलकर एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस नेटवर्क का जाल उत्तराखण्ड से लेकर नेपाल और महाराष्ट्र के मुंबई तक फैला हुआ था। कार्रवाई के तहत करोड़ों रुपये मूल्य की एमडीएमए ड्रग्स बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का खुलासा हुआ है, जिसमें बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कैमिकल और तैयार एमडीएमए ड्रग्स जब्त की गई है।
संयुक्त कार्रवाई: STF और स्थानीय पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने थाना नानकमत्ता पुलिस के साथ मिलकर मुख्य आरोपी कुनाल राम कोहली को गिरफ़्तार किया। उसके कब्जे से 7.41 ग्राम एमडीएमए, 126 लीटर कैमिकल, और 28 किलो रासायनिक पाउडर बरामद हुआ। इस संपूर्ण मामले में थाना नानकमत्ता में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21/22/8 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस महानिदेशक की पुष्टि और बड़ी घोषणा
डीजीपी श्री दीपम सेठ ने प्रेस को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के ‘ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड’ अभियान के तहत की गई है। उन्होंने पुलिस टीम को ₹1 लाख का नकद पुरस्कार देने की भी घोषणा की। डीजीपी ने बताया कि NDPS एक्ट के अंतर्गत बरामद सभी प्रीकर्सर कैमिकल्स प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं और इनका बिना लाइसेंस उपयोग गैरकानूनी है।
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कैसे हुआ नेटवर्क का खुलासा?
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 31 मई 2025 को दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी सामने आई कि ड्रग्स की आपूर्ति उत्तराखण्ड-नेपाल सीमा से की जा रही थी। आरोपियों ने बताया कि पिथौरागढ़ के थल क्षेत्र में एमडीएमए की फैक्ट्री चलाई जा रही थी।



नेपाल बार्डर से गिरफ्तारी और विस्तृत नेटवर्क
मुंबई पुलिस ने नेपाल बार्डर से मोनू गुप्ता, भीम यादव और अमन कोहली को गिरफ्तार किया था। जबकि मुख्य आरोपी कुनाल कोहली अपने सहयोगियों राहुल और विक्रम के साथ नेपाल भाग गया था। 11 जुलाई 2025 को चम्पावत पुलिस ने राहुल की पत्नी ईशा को 5.688 किलो एमडीएमए के साथ गिरफ़्तार किया, जो इन्हीं अभियुक्तों द्वारा तैयार की गई थी।
गहन पूछताछ में मिले चौंकाने वाले तथ्य
पूछताछ में कुनाल कोहली ने बताया कि उसकी मुलाकात मुम्बई के नाला सुपारा क्षेत्र में मोनू गुप्ता, भीम यादव और बल्ली राम गुप्ता से हुई थी। फरारी के दौरान ये सभी लोग टनकपुर के गैंडाखाली में आकर ड्रग्स बनाने की योजना में शामिल हुए। पहली फैक्ट्री गैंडाखाली में स्थापित की गई थी, लेकिन छापेमारी के बाद वे लोग पिथौरागढ़ के सुवालेख क्षेत्र में एक पोल्ट्री फार्म की आड़ में नई फैक्ट्री संचालित करने लगे।
जब्ती का विस्तृत विवरण
बरामद मादक पदार्थ एवं कैमिकल:
एमडीएमए – 7.41 ग्राम
Dichloromethane – 57.5 लीटर
Acetone – 20 लीटर
Hydrochloric Acid – 47.5 लीटर
Methylamine Solution – 0.5 लीटर
Sodium Hydroxide (पेललेट फॉर्म) – 28 किलो
इन प्रीकर्सर कैमिकल्स से लगभग 6 किलो एमडीएमए तैयार किया जाना था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 12 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
मुख्यमंत्री के अभियान को मिला बल
डीजीपी सेठ ने बताया कि “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” अभियान के अंतर्गत न केवल सप्लाई चेन को तोड़ा जा रहा है, बल्कि नशे के कारोबार से अर्जित संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। NDPS और PIT-NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई कर अपराधियों को लंबी सजा दिलाई जा रही है।
4 प्रमुख रणनीतिक बिंदु:
वित्तीय नेटवर्क की जांच: गिरफ्तार आरोपियों की बैंकिंग, निवेश और संपत्ति की जांच की जा रही है।
प्रीकर्सर कैमिकल्स पर निगरानी: राज्य की 44 यूनिट्स चिन्हित कर उनकी गतिविधियों पर सख्त निगरानी की जा रही है।
फार्मा इकाइयों का सत्यापन: राज्य की 172 फार्मा कंपनियों की गहन जांच चल रही है, ताकि ‘शेड्यूल-H’ ड्रग्स का दुरुपयोग रोका जा सके।
ड्रग डिटेक्शन किट: सभी थानों को ड्रग टेस्टिंग किट मुहैया कराई गई है, जिससे तेजी से कार्रवाई हो सके।






