
मन की बात की 106वीं कड़ी
नई दिल्ली । पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एशियाई खेलों (asian games) एवं पैरा एशियाई खेलोें ( Para Asian Games) में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी है और स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में भारत के लिए दो सौ से अधिक पदक जीतने वाले मानसिक रूप से दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए लोगों से अपील की है कि वे ऐसे प्रेरक खिलाड़ियों का भरपूर उत्साह वर्धन करें।
मोदी ने आज यहां आकाशवाणी (All india radio) पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 106वीं कड़ी में कहा कि त्योहारों के इस मौसम में, इस समय देश में खेलों का भी परचम लहरा रहा है। पिछले दिनों एशियाई खेलों के बाद पैरा एशियाई खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों (Indian players) ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। इन खेलों में भारत ने 111 मेडल जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। वह पैरा एशियाई खेलों (Asian games) में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आपका ध्यान स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स (Olympic World Summer Games) की ओर भी ले जाना चाहता हूँ। इसका आयोजन बर्लिन में हुआ था। ये प्रतियोगिता हमारे मानसिक दिव्यांग एथलीटों की अद्भुत क्षमता को सामने लाती है। इस प्रतियोगिता में भारतीय दल ने 75 स्वर्ण पदकों सहित 200 पदक जीते। रोलर स्केटिंग हो, बीच वॉलीबॉल हो, फुटबॉल हो, या टेनिस, भारतीय खिलाड़ियों ने पदकों की झड़ी लगा दी।”
पीएम मोदी ने इन पदक विजेताओं की जीवन यात्रा की प्रेरणाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हरियाणा के रणवीर सैनी ने गोल्फ में स्वर्ण पदक जीता है। बचपन से ही ऑटिज़्म से जूझ रहे रणवीर के लिए कोई भी चुनौती गोल्फ को लेकर उनके जुनून को कम नहीं कर पाई। उनकी माँ तो यहाँ तक कहती हैं कि परिवार में आज सब गोल्फर बन गए हैं। पुडुचेरी के 16 साल के टी-विशाल ने चार पदक जीते। गोवा की सिया सरोदे ने पावरलिफ्टिंग में 2 स्वर्ण पदक सहित चार पदक अपने नाम किये।
9 साल की उम्र में अपनी माँ को खोने के बाद भी उन्होंने खुद को निराश नहीं होने दिया। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रहने वाले अनुराग प्रसाद ने पावरलिफ्टिंग में तीन स्वर्ण और एक सिल्वर पदक जीता है। ऐसे ही प्रेरक गाथा झारखंड के इंदु प्रकाश की है, जिन्होंने साइकिलिंग में दो पदक जीते हैं। बहुत ही साधारण परिवार से आने के बावजूद, इंदु ने गरीबी को कभी अपनी सफलता के सामने दीवार नहीं बनने दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता मानसिक दिव्यांगता का मुकाबला कर रहे अन्य बच्चों और परिवारों को भी प्रेरित करेगी। मेरी आप सब से भी प्रार्थना है आपके गाँव में, आपके गाँव के अगल-बगल में, ऐसे बच्चे, जिन्होंने इस खेलकूद में हिस्सा लिया है या विजयी हुए हैं, आप सपरिवार उनके साथ जाइए। उनको बधाई दीजिये। और कुछ पल उन बच्चों के साथ बिताइए। आपको एक नया ही अनुभव होगा। परमात्मा ने उनके अन्दर एक ऐसी शक्ति भरी है आपको भी उसके दर्शन का मौका मिलेगा।”
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पीएम मोदी ने यह भी कहा, “देश में 31 अक्टूबर सरदार पटेल की जयंती, एकता के दिवस के रूप में मनायी जाती है, देश के अनेक स्थानों पर रन फॉर यूनिटी के कार्यक्रम होते है, आप भी 31 अक्टूबर को रन फॉर यूनिटी के कार्यक्रम को आयोजित करें। बहुत बड़ी मात्रा में आप भी जुडें, एकता के संकल्प को मजबूत करें।”
पीएम मोदी ने इसके अलावा गुजरात के तीर्थक्षेत्र अंबाजी मंदिर के समीप गब्बर पर्वत के रास्ते में विभिन्न प्रकार की योग मुद्राओं और आसनों की कबाड़ से बनी प्रतिमाएं तथा असम के कामरूप जिले में अक्षर फोरम नाम के एक स्कूल के बच्चों द्वारा प्लास्टिक कचरा जमा करके उसका उपयोग पर्यावरण अनुकूल ईटें और चाबी की चेन जैसे सामान बनाने में करने का उल्लेख किया तथा विद्यार्थियों को पुनर्चक्रण और प्लास्टिक कचरे से उत्पाद बनाने की शिक्षा देने की सराहना करते हुए कहा कि ये उदाहरण लाेगों को ‘कबाड़ से समृद्धि’ अभियान के लिए प्रेरित करेगा।
पीएम मोदी ने महान कृष्णभक्त संत मीराबाई की 525वीं जन्म-जयंती के अवसर पर उन्हें नमन किया।