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मोदी के बिहार दौरे के हैं चुनावी मायन
आज मोदी बिहार के पूर्णिया से विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार का आगाज करने वाले हैं। भोपाल के बाद प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के पूर्णिया और भागलपुर दौरे का कार्यक्रम है, उसके बाद वो असम चले जाएंगे।
पटना (Shah Times): आज मोदी बिहार के पूर्णिया से विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रचार का आगाज करने वाले हैं। भोपाल के बाद प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के पूर्णिया और भागलपुर दौरे का कार्यक्रम है, उसके बाद वो असम चले जाएंगे।
भागलपुर में होगा बड़ा कार्यक्रम
भागलपुर में जहां महिलाएं ‘नमो मेहंदी’ के साथ मोदी का इंतजार कर रही हैं, पूर्णिया में सांसद पप्पू यादव ने बंद बुलाने और ट्रेन रोक देने की चेतावनी दी है। बिहार के प्रति केंद्र की केंद्र की बीजेपी सरकार का सॉफ्ट कॉर्नर तो आम बजट में ही देख लिया गया था, दिल्ली में सरकार बनाने के बाद तो जोश और भी ज्यादा हाई हो गया है। पप्पू यादव चाहते हैं कि बजट में प्रस्तावित मखाना बोर्ड पूर्णिया में ही बनाया जाये, और ऐसा न होने पर वो आंदोलन की धमकी दे रहे हैं।
बीजेपी बिहार में कर सकती है खेल
वो सब तो है ही, नीतीश कुमार के लिए मोदी का बिहार दौरा कैसा होनेवाला है, बड़ा सवाल ये है – और वो भी ऐसे माहौल में जब उनके बेटे निशांत कुमार के भी राजनीति में एंट्री की बिहार में जोरदार चर्चा है। अमित शाह के इस बयान को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री न बनाये जाने से जोड़कर देखा जाने लगा, और नीतीश कुमार अचानक खामोश होकर प्रेशर पॉलिटिक्स करने लगे। अमित शाह के बयान पर नीतीश कुमार की नाराजगी भांपते हुए बीजेपी का पूरा अमला डैमेज कंट्रोल में जुट गया, और बिहार बीजेपी की तरफ से सफाई देननी पड़ी की 2025 के चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता होंगे।
X पर नीतीश कुमार की पार्टी ने की पोस्ट
जेडीयू और बिहार बीजेपी के नेताओं के बीच बचाव के बाद सोशल साइट X पर नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से एक पोस्ट जारी कर तस्वीर साफ करने की कोशिश की गई, जिस पर लिखा था, ‘2025 फिर से नीतीश’। ये यथास्थिति है, लेकिन चुनाव तक परिवर्तन कभी भी संभव है। और कुछ भी संभव है। और यही वजह है कि नीतीश कुमार के लिए मोदी के बिहार दौरे से ज्यादा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रुख मायने रखता है। क्योंकि, बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के एनडीए का नेता होने पर जब तक बीजेपी संसदीय बोर्ड की मुहर नहीं लगती, किसी के भी बयान या सफाई का कोई मतलब नहीं रह जाता।