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18वीं लोकसभा के पहले सत्र में डिजिटल इंडिया बिल पर भी लंबी चर्चा हो सकती है
~Asif Khan
नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। मोदी सरकार डीपफेक वीडियो,फोटो और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बनने वाले कंटेंट पर रोक लगाने के लिए 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में डिजिटल इंडिया बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में AI तकनीक के बेहतर इस्तेमाल और उसके तरीकों पर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस बिल के लिए विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल करने की कोशिश करेगी।
26 जून से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नए सांसदों का शपथ ग्रहण और राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। सरकार इस सत्र में पूर्ण बजट भी पेश करेगी।
सूत्रों के मुताबिक बजट के अलावा 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में डिजिटल इंडिया बिल पर भी लंबी चर्चा हो सकती है। इस बिल में सोशल मीडिया पर जारी वीडियो को नियंत्रित करने का प्रावधान भी हो सकता है।
पिछले साल तत्कालीन आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि सरकार फर्जी वीडियो और सोशल मीडिया वीडियो को विनियमित करने के लिए एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस डिजीफंड और सेफ्टी समिट में कहा था कि इस विधेयक पर लंबी चर्चा और बहस की जरूरत है, जिसमें समय लग सकता है। चुनाव से पहले इसे संसद के पटल पर लाना संभव नहीं लगता
डीपफेक रोकने के लिए सरकार ने जनवरी में बनाए थे नियम डीपफेक रोकने के लिए केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने चुनाव से पहले जनवरी में ही नए नियम तैयार कर लिए थे। इसके मुताबिक, नए नियमों का उल्लंघन करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत में कारोबार करने पर रोक लगा दी जाएगी।
आईटी मंत्रालय ने कहा था कि 17 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के बीच दो मीटिंग हुई थी। इसमें तय हुआ था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एआई के जरिए डीपफेक कंटेंट को फिल्टर करने का काम करेंगे।
डीपफेक कंटेंट पोस्ट करने वालों पर आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किए जाएंगे। डीपफेक कंटेंट मिलते ही कोई भी एफआईआर दर्ज करा सकता है। पीड़ित और उसके द्वारा नियुक्त व्यक्ति को भी केस दर्ज कराने का अधिकार होगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स से शपथ लेगा कि वे डीपफेक कंटेंट पोस्ट नहीं करेंगे। प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को इस संबंध में अलर्ट मैसेज देगा।
यूजर सहमति के बाद ही अकाउंट एक्सेस कर सकेगा। डीपफेक कंटेंट को 24 घंटे के अंदर हटाना होगा। जिस यूजर ने कंटेंट अपलोड किया है उसका अकाउंट बंद करना होगा और दूसरे प्लेटफॉर्म की जानकारी देनी होगी, ताकि आरोपी वहां अकाउंट न बना सके।