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चित्रकूट जेल से रात 10.30 बजे रिहा हुई निखत, एक साल के बेटे को सीने से लगाकर रोई
चित्रकूट। मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास की पत्नी निखत बानो 187 दिन बाद चित्रकूट जेल से रिहा हो गई। गुरुवार देर रात लगभग 10.30 पर निखत जेल से बाहर आई। जेल के बाहर उसका एक साल का बेटा और भाभी खड़ी थी। इतने दिनों बाद मां को देखते ही बेटा रोने लगा। निखत ने भी दौड़कर बेटे को सीने से लगा लिया। इसके बाद खूब रोई। फिर कार में बैठकर रवाना हो गई। दरअसल, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से निखत को जमानत मिली थी। जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा था कि निखत बानो का एक साल का बच्चा है। उनको मानवीय आधार पर जमानत दी जा रही है।
इसी साल, 11 फरवरी को निखत बिना परमिशन के चित्रकूट जेल में बंद पति अब्बास अंसारी से मिलने गई थी। तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद थी। निखत अपने पति अब्बास से अक्सर मिलने जाती है, इस बात का इनपुट चित्रकूट डीएम और एसपी को गोपनीय तरीके से मिला। 11 फरवरी को भी यही जानकारी पुलिस तक पहुंची। इसके बाद जेल में रेड की गई। यहां एक कमरे में निखत बानो मिली। जिस कमरे में निखत थी, उसके बाहर ताला बंद था।
पुलिस के मुताबिक, अफसरों के पहुंचने से थोड़ी देर पहले ही अब्बास को जेल कर्मियों ने निकाल दिया था। चेकिंग में निखत के पास से विदेशी करेंसी और मोबाइल बरामद हुआ। इसके बाद पूछताछ के बाद निखत को अरेस्ट कर लिया गया। जेल में निखत की गिरफ्तारी के 2 दिन बाद यानी 12 फरवरी, 2023 को एसपी वृंदा शुक्ला और डीएम अभिषेक ने प्रेस कांफ्रेंस की। दोनों ने मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डन जगमोहन ने निखत और अब्बास को मिलाने के नाम पर पैसे और कई तरह के गिफ्ट लिए।
निखत-अब्बास की मुलाकात कराने में डिप्टी जेलर चंद्रकला का भी हाथ था। इनके पास घूस के 5 लाख 80 हजार रुपए, 2 मोबाइल फोन, एक गाड़ी बरामद हुई। सभी इस वक्त जेल में हैं। जेल की कैंटीन के ठेकेदार नवनीत सचान ने निखत की साठगांठ जेल अधिकारियों से करवाई। मामले का पर्दाफाश होने के बाद 15 फरवरी को अब्बास अंसारी को चित्रकूट जिला जेल से कासगंज जेल ट्रांसफर कर दिया गया था।