
Collapsed buildings and rescue teams working in the aftermath of the devastating earthquake in Myanmar and Thailand.
“म्यांमार और थाईलैंड में आए भीषण भूकंप से 1000 से अधिक लोगों की मौत, 10,000 तक पहुंच सकती है संख्या। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत राहत सामग्री भेजी, बचाव कार्य जारी। पूरी जानकारी पढ़ें।”
1000 से अधिक मौतें, 10 हजार तक पहुंच सकता है आंकड़ा
म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने इन देशों में भारी तबाही मचाई है। अब तक दोनों देशों में कुल 1000 से अधिक मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अमेरिकी भूगर्भ एजेंसी (USGS) ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या 10,000 से भी अधिक हो सकती है।
म्यांमार और थाईलैंड में तबाही का मंजर
म्यांमार में अब तक 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2300 से ज्यादा लोग घायल हैं। दूसरी ओर, थाईलैंड में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 22 लोग घायल और 101 लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप का सबसे अधिक प्रभाव बैंकॉक और म्यांमार के मांडले क्षेत्र में देखा गया है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया गया है, जबकि म्यांमार की सैन्य सरकार ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल लागू कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई चिंता, भारत ने भेजी राहत सामग्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप पर गहरी चिंता व्यक्त की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार को राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130 जे विमान 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच चुका है। इसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाद्य सामग्री, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत ने बचाव कार्यों के लिए प्रशिक्षित दल भी भेजे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए तत्पर है। हमारी पहली राहत खेप यांगून पहुंच चुकी है और आगे भी सहायता भेजी जाएगी।”
चश्मदीदों ने सुनाई भूकंप की भयावह दास्तां
बैंकॉक और म्यांमार के चश्मदीदों ने बताया कि भूकंप के झटके बेहद तीव्र थे। इमारतें हिलने लगीं, लोग अफरा-तफरी में सड़कों पर निकल आए। बैंकॉक में एक स्कॉटिश पर्यटक ने कहा, “अचानक पूरी इमारत हिलने लगी। लोग चीख-पुकार कर रहे थे और इधर-उधर भाग रहे थे।”
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में म्यांमार के मांडले शहर में बड़े पैमाने पर तबाही देखी जा सकती है। कई घर और इमारतें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। म्यांमार में गृहयुद्ध के कारण राहत-बचाव कार्यों में भी दिक्कत आ रही है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
आंग सान सू की सुरक्षित, चीन ने भेजी बचाव टीम
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जेल में बंद म्यांमार की नेता आंग सान सू की पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि, भूकंप के कारण जेलों में भी हलचल देखी गई है। चीन ने 37 लोगों की एक आपदा प्रतिक्रिया टीम म्यांमार भेजी है, जिसमें भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली, ड्रोन और पोर्टेबल सैटेलाइट सहित आधुनिक उपकरण शामिल हैं। यह टीम भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान में सहायता कर रही है।
भारत म्यांमार के साथ, बचाव कार्य जारी
भारत ने म्यांमार के अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया है और जरूरतमंद भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर +95-95419602 जारी किया है। भारतीय दूतावास ने कहा कि वे म्यांमार के अधिकारियों के साथ भारत से राहत सामग्री की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
राहत और बचाव कार्य जारी
राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी सहायता के लिए आगे आ रहा है। जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी राहत सामग्री भेजने की घोषणा की है।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। आपदा प्रबंधन टीमें लगातार मलबे में दबे लोगों को बचाने का प्रयास कर रही हैं। इस आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारें और अंतरराष्ट्रीय संगठन तेजी से राहत कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं।