
BJP candidate Deepa Darmwal elected as Nainital Zila Panchayat Chairperson, Devki Bisht wins Vice-Chairperson post. | Shah Times
एक वोट से जीत: नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की बड़ी कामयाबी
कांग्रेस आरोपों और अदालती लड़ाई के बीच भाजपा का जलवा, नैनीताल में दीपा-देवकी की जीत
नैनीताल पंचायत राजनीति: भाजपा का पलड़ा भारी, कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल मात्र एक वोट से विजयी, देवकी बिष्ट उपाध्यक्ष बनीं। कांग्रेस ने लगाया अपहरण का आरोप।
रिपोर्ट: अफ़ज़ल हुसैन फौजी
लंबे इंतजार का अंत – नैनीताल पंचायत चुनाव परिणाम
नैनीताल (Shah Times)। नैनीताल ज़िला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव का नतीजा आखिरकार सामने आ गया। सियासी सरगर्मियों, आरोप-प्रत्यारोप और कोर्ट तक खिंच चुकी इस जंग में भाजपा की दीपा दर्मवाल ने अध्यक्ष पद पर कब्ज़ा जमाया, जबकि देवकी बिष्ट उपाध्यक्ष चुनी गईं।
यह चुनाव सिर्फ़ एक स्थानीय प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि उत्तराखंड की सियासत में भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा की लड़ाई में तब्दील हो चुका था।
मतगणना का गणित और भाजपा की जीत
नैनीताल ज़िले में कुल 27 जिला पंचायत सदस्य हैं, जिनमें से 22 ने मतदान किया और 5 सदस्य अनुपस्थित रहे।
भाजपा प्रत्याशी दीपा दर्मवाल को 11 वोट मिले।
कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी को 10 वोट मिले।
1 वोट अवैध घोषित किया गया।
इस तरह महज़ एक वोट के अंतर से भाजपा ने यह चुनाव जीत लिया।
कांग्रेस का आरोप – अपहरण या राजनीतिक रणनीति?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उनके 5 सदस्य “ग़ायब” कर दिए गए, ताकि वे वोट न डाल सकें। कांग्रेस नेताओं ने इसे “अपहरण” करार देते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की।
लेकिन, कुछ ही देर बाद उन्हीं सदस्यों का एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे घूमने गए थे, इसीलिए वोटिंग में शामिल नहीं हो पाए।
यह घटनाक्रम चुनावी राजनीति में ड्रामा और रहस्य दोनों लेकर आया।





भाजपा खेमे में जश्न
नतीजे आते ही भाजपा समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। फूल-मालाओं से सजीं दीपा दर्मवाल और देवकी बिष्ट ने समर्थकों का धन्यवाद किया। अधिकारियों ने औपचारिक प्रक्रिया पूरी करते हुए विजेता प्रत्याशियों को प्रमाणपत्र सौंप दिया।
दीपा दर्मवाल ने कहा:
“यह जीत जनता और कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है। मैं भरोसा दिलाती हूं कि जिले के विकास के लिए ईमानदारी और निष्ठा से काम करूंगी।”
राजनीतिक मायने – कांग्रेस की मुश्किलें, भाजपा का मनोबल
यह जीत भाजपा के लिए सियासी मनोबल बढ़ाने वाली है, जबकि कांग्रेस के लिए झटका।
भाजपा के लिए – यह नतीजा आने वाले नगर निकाय और विधानसभा समीकरणों पर असर डाल सकता है।
कांग्रेस के लिए – कोर्ट में चल रही लड़ाई ही अब राजनीतिक उम्मीद बचा सकती है।
आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से प्रभाव
ज़िला पंचायत अध्यक्ष का पद स्थानीय विकास योजनाओं, बजट आवंटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है।
पर्यटन हब नैनीताल के लिए बुनियादी ढांचे पर निवेश
ग्रामीण इलाकों में कृषि व स्वास्थ्य योजनाओं की मॉनिटरिंग
सड़क और जल परियोजनाओं की गति
दीपा दर्मवाल की जीत का सीधा असर आने वाले वर्षों में इन क्षेत्रों पर दिखाई दे सकता है।
विश्लेषण – लोकतंत्र का “एक वोट” कितना अहम
यह चुनाव यह भी साबित करता है कि लोकतंत्र में हर वोट की कीमत कितनी अहम होती है।
एक वोट ने अध्यक्ष पद का फ़ैसला कर दिया।
विपक्ष की रणनीति और एकजुटता पर सवाल उठे।
सत्ता पक्ष का संगठनात्मक प्रबंधन मज़बूत साबित हुआ।
यह नतीजा आने वाले समय में उत्तराखंड की स्थानीय सियासत के लिए बड़ा संदेश है।