
सनी देओल ने नेपोटिज्म पर रखी राय कहा नफरत और नेपोटिज्म उन लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है, जो परेशान हैं
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल (Sunny Deol) ने नेपोटिज्म पर अपनी राय रखते हुये बताया है कि यदि उनके पिता धर्मेन्द्र (Dharmendra) अभिनेता नहीं होते तो शायद वह भी अभिनेता नहीं होते, हालांकि सफलता व्यक्तिगत होती है।
फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म (Nepotism) को लेकर हमेशा से विवाद होता है। स्टार किड्स को आसानी से फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिल जाता है, जबकि टैलेंटेड आउट साइडर्स को काम के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। स्टार किड्स हमेशा ट्रोलर्स के निशाने पर होते हैं। सनी देओल (Sunny Deol) को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए चार दशक हो गए हैं। सनी देओल (Sunny Deol) ने नेपोटिज्म के मुद्दे पर अपनी राय रखी है।
सनी देओल (Sunny Deol) का कहना है कि यदि उनके पिता धर्मेन्द्र (Dharmendra) अभिनेता नहीं होते तो शायद वह भी नहीं होते। यदि उनके पिता कुछ और काम करते तो शायद वह भी वही काम कर रहे होते। उन्होंने कहा, नफरत और नेपोटिज्म उन लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है, जो परेशान हैं। यदि कोई पिता अपने बेटे या बेटी के लिए कुछ करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है? यदि पिता अपने परिवार के लिए नहीं करेगा तो वह किसके लिए काम कर रहा है? लोगों को यह समझना होगा कि एक परिवार में बच्चा अपने पिता को फॉलो करता है।
दैनिक शाह टाइम्स अपने शहर के ई-पेपर पढने के लिए लिंक पर क्लिक करें
सनी देओल (Sunny Deol) ने बताया कि भले ही फिल्म इंडस्ट्री में आने का अवसर उन्हें अपने पिता की वजह से मिला है, लेकिन सक्सेस हासिल करना व्यक्तिगत होता है। मेरे पिता ने मुझे अभिनेता बनने के लिए नहीं कहा था। मैं अपने बच्चों को भी एक्टर बनाने के बारे में भी नहीं सोच सकता। पापा बहुत बड़े आइकन हैं और मैंने अपनी पहचान बनाई।







