
आजाद फिलिस्तीन नहीं चाहिए इजरायल को, नेतन्याहू की ट्रंप के साथ मीटिंग (Netanyahu-Trump Meet) में दो टूक
अमेरिका में नेतन्याहू-ट्रंप की मुलाकात (Netanyahu-Trump Meet) के दौरान फिलिस्तीनी विस्थापन और गाजा पुनर्निर्माण पर चर्चा हुई। जानिए कैसे एक आजाद फिलिस्तीन इजरायल के लिए खतरा बन सकता है।
🇮🇱 नेतन्याहू-ट्रंप की मुलाकात: सिर्फ डिनर नहीं, रणनीतिक शिफ्ट
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका दौरे के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्राइवेट डिनर किया, लेकिन यह मुलाकात (Netanyahu-Trump Meet) सिर्फ एक औपचारिक भोज नहीं थी। इसके केंद्र में एक बड़ा भू-राजनीतिक बदलाव छिपा था—फिलिस्तीनी शरणार्थियों को स्थायी रूप से गाजा से अन्य देशों में रिलोकेट करने की योजना।
नेतन्याहू ने खुले शब्दों में कहा कि इजरायल और अमेरिका ऐसे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं जहां फिलिस्तीनियों को “बेहतर भविष्य” के नाम पर पड़ोसी देशों में बसाया जाए।
🗺️ फिलिस्तीनियों के लिए संभावित देश: मिस्र, जॉर्डन या कोई और?
ट्रंप के पुराने 5-पॉइंट प्लान के मुताबिक, फिलिस्तीनियों को गाजा छोड़कर मिस्र, जॉर्डन जैसे देशों में बसाया जाना चाहिए। सवाल उठता है कि क्या ये देश वाकई इतने बड़े जनसंख्या विस्थापन के लिए तैयार हैं?
यहां एक नई चुनौती है—क्या यह योजना मानवीय है या इसे राजनीतिक विस्थापन माना जाए?
Shah Times E-Paper 8 July 2025
💬 नेतन्याहू का बयान: “आजाद फिलिस्तीन, इजरायल की तबाही का मंच”
व्हाइट हाउस में नेतन्याहू ने साफ कहा कि:
“हम फिलिस्तीनियों के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर उनका अस्तित्व इजरायल को खतरे में डाल देगा।”
उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि इजरायल टू-स्टेट सॉल्यूशन को सिर्फ एक कागजी विकल्प मानता है, और जमीनी हकीकत में वह इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं।
⚔️ हमास का हमला: नेतन्याहू की चेतावनी का आधार
नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले को उदाहरण के रूप में पेश किया, जिसमें इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला हुआ था। उनका कहना है कि:
“अगर फिलिस्तीन को अपनी सेना या सुरक्षा व्यवस्था दी जाती है, तो वो इजरायल के खिलाफ हथियार उठा सकते हैं।”
यह बयान दर्शाता है कि इजरायल किसी भी ऐसे फिलिस्तीन को मान्यता नहीं देना चाहता जिसकी स्वतंत्र सैन्य क्षमता हो।
🏖️ गाजा को “रिवेरा ऑफ मिडिल ईस्ट” बनाने की योजना
डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के लिए एक और महत्वाकांक्षी प्लान पेश किया—इस क्षेत्र को “Riviera of Middle East” यानी एक हाई-एंड टूरिज्म हब में तब्दील करना।
“गाजा अब रहने लायक नहीं रहा। इसे खाली कराकर पुनर्निर्माण कर विश्व पर्यटन केंद्र बनाया जाएगा।”
यह बयान गाजा के मौजूदा मानवीय संकट को कॉर्पोरेट प्रोजेक्ट में बदलने की सोच को दर्शाता है।
🌍 मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया क्या होगी?
नेतन्याहू के बयान और ट्रंप की योजना से मुस्लिम देशों की नाराजगी बढ़ना तय है। सऊदी अरब, तुर्की, ईरान जैसे देश पहले ही फिलिस्तीन को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया देते रहे हैं। ऐसे में ये सवाल उठता है:
क्या ये योजना वेस्ट एशिया में एक और भयंकर संकट की शुरुआत है?
🔄 टू-स्टेट थ्योरी का अंत?
टू-स्टेट सॉल्यूशन—जिसे दशकों से इजरायल-फिलिस्तीन संकट का स्थायी समाधान माना जा रहा था—अब वेंटीलेटर पर है। नेतन्याहू ने इसे इजरायल की तबाही का मंच कहकर इसे लगभग खत्म ही कर दिया है।
📊 मानवता बनाम रणनीति
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि अमेरिका और इजरायल अब फिलिस्तीन समस्या का हल एक जियो-स्ट्रैटेजिक शिफ्ट के रूप में देख रहे हैं, न कि एक मानवाधिकार संकट के रूप में।
अगर यह योजना लागू होती है, तो यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा और विवादित जनसंख्या स्थानांतरण बन सकती है।