
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, एफ-35 युद्धक विमान सौदा और तेल व गैस आपूर्ति सहित कई अहम व्यापारिक और सुरक्षा समझौते की घोषणा की।
वाशिंगटन,(Shah Times) । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चार घंटे तक चली बैठक में अमेरिका–भारत के बीच कई ऐतिहासिक घोषणाएँ कीं। इस बैठक में न केवल व्यापार और रक्षा के महत्वपूर्ण समझौते पर चर्चा हुई, बल्कि 2008 के मुंबई हमले से जुड़े आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का भी निर्णय लिया गया।
बैठक की मुख्य घोषणाएँ: बैठक की शुरुआत गर्मजोशी भरे स्वागत और गले मिलने से हुई, जिसमें ट्रम्प ने पीएम मोदी के साथ अपने पुराने मित्रता के संबंधों को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने ओवल ऑफिस में एकांत बातचीत की और साझेदारी के नए आयाम तय करने के लिए नए लक्ष्यों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रम्प ने मोदी को ‘हमारी यात्रा एक साथ’ नामक पुस्तक उपहार में दी, जिसपर हस्ताक्षर करते हुए लिखा गया – “श्रीमान प्रधानमंत्री आप महान हैं।”
असाधारण निर्णय – तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण: राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा करते हुए कहा कि उनके प्रशासन ने 2008 के भयंकर मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक, तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मंजूरी दे दी है। इस कदम से भारत में न्याय की प्रक्रिया को गति मिलेगी और यह आतंकवादी हमले से संबंधित मामलों में पारस्परिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा। ट्रम्प ने इस घोषणा के माध्यम से संकेत दिया कि वे भारत द्वारा खालिस्तानी आतंकवादियों के प्रत्यर्पण के दिशा में और भी कदम उठाएंगे।
एफ-35 युद्धक विमान सौदा एवं रक्षा सहयोग: बैठक में रक्षा क्षेत्र की एक अन्य अहम घोषणा में भारतीय वायु सेना के लिए एफ-35 युद्धक विमान की खरीद का मार्ग प्रशस्त करना शामिल था। राष्ट्रपति ने कहा कि इस साल अमेरिका भारत को सैन्य बिक्री में अरबों डॉलर की वृद्धि करेगा। यह सौदा भारत की रक्षा तैयारियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा और दोनों देशों के बीच तकनीकी एवं रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
ऊर्जा, व्यापार और अवसंरचना में सहयोग: दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार समझौतों पर भी गहन चर्चा की। एक महत्वपूर्ण ऊर्जा समझौते के तहत अमेरिका को भारत को तेल एवं प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में अग्रणी बनाने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही भारत–मध्य पूर्व–यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसी परियोजनाओं पर भी विचार विमर्श किया गया, जो देशों के बीच सड़क, रेलवे और समुद्री केबल कनेक्टिविटी के जरिए आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा।
व्यक्तिगत और सामरिक संबंध: व्हाइट हाउस में हुए इस आयोजन के दौरान ट्रम्प ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी मेरे लंबे समय से अच्छे दोस्त हैं,” और अपने पहले कार्यकाल के अनुभवों की भी सराहना की। दोनों नेता एक दूसरे के प्रति गहरी मित्रता और साझा राष्ट्रीय हितों के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, आने वाले वर्षों में आपसी सहयोग को दोगुनी गति से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। मोदी ने भी ट्रम्प के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच गहरे आपसी विश्वास और सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र और साझा मूल्यों के आधार पर दोनों देश मिलकर विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि का निर्माण करेंगे।
अन्य महत्वपूर्ण चर्चाएँ: बैठक के दौरान मानव तस्करी, अवैध प्रवास तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के हितों के साथ-साथ भारत के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रम्प ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को हराना नहीं, बल्कि अपने देशों के बीच सहयोग और विकास के नए रास्ते खोलना है।
इस ऐतिहासिक बैठक में अमेरिका–भारत के बीच व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कई अहम समझौते हुए हैं, जो दोनों देशों के दीर्घकालिक संबंधों को और मजबूत करेंगे। आतंकवादी प्रत्यर्पण से लेकर अत्याधुनिक एफ-35 युद्धक विमान सौदे तक, यह बैठक दर्शाती है कि किस प्रकार दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के माध्यम से विश्व राजनीति और सुरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है। आने वाले दिनों में इन समझौतों के क्रियान्वयन से भारत और अमेरिका के संबंधों में नई ऊर्जा और गति देखने को मिलेगी।