
Delhi Metro Fare Hike 2025, DMRC New Ticket Price, Minimum Fare 11, Maximum Fare 64 – Shah Times
दिल्ली मेट्रो का सफर हुआ महंगा, जानें नई किराया दरें
DMRC ने बढ़ाया किराया, 8 साल बाद लागू हुई नई फेयर स्लैब्स
दिल्ली मेट्रो ने 8 साल बाद किराए में मामूली बढ़ोतरी की है। अब न्यूनतम 11 रुपये और अधिकतम 64 रुपये का किराया लागू होगा।
New Delhi,(Shah Times) । दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने 25 अगस्त 2025 से यात्रियों के लिए नए किराए लागू कर दिए हैं। यह संशोधन लगभग आठ साल बाद हुआ है और इसे “मिनिमल इन्क्रीज़” कहा गया है। सवाल यह है कि यह बढ़ोतरी दिल्लीवासियों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी, मेट्रो की लोकप्रियता और शहर की अर्थव्यवस्था पर क्या असर डालेगी।
किराया बढ़ोतरी का ब्यौरा
नई दरों के अनुसार:
0–2 किलोमीटर → 10 रुपये से 11 रुपये
2–5 किलोमीटर → 20 रुपये से 21 रुपये
5–12 किलोमीटर → 30 रुपये से 32 रुपये
12–21 किलोमीटर → 40 रुपये से 43 रुपये
21–32 किलोमीटर → 50 रुपये से 54 रुपये
32 किलोमीटर से अधिक → 60 रुपये से 64 रुपये
एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर अधिकतम 5 रुपये तक की वृद्धि की गई है।
राष्ट्रीय अवकाश और रविवार को भी संशोधित दरें लागू होंगी। हालांकि, स्मार्ट कार्ड रखने वाले यात्रियों को अब भी 10% की छूट और ऑफ-पीक आवर्स में अतिरिक्त छूट मिलती रहेगी।
आठ साल बाद क्यों हुआ संशोधन
आख़िरी बार दिल्ली मेट्रो ने किराए में बदलाव 2017 में किया था। उस समय चौथी किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों पर यह कदम उठाया गया था। 8 साल तक किराया स्थिर रहने के बावजूद, इस दौरान संचालन लागत, बिजली के दाम, कर्मचारियों का वेतन और मेट्रो नेटवर्क के विस्तार पर भारी खर्च बढ़ता गया।
DMRC का कहना है कि यह बढ़ोतरी पूरी तरह “कास्ट रिकवरी मॉडल” पर आधारित है और यात्रियों की जेब पर न्यूनतम असर डालते हुए संस्थान की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करेगी।
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यात्रियों की प्रतिक्रिया
मेट्रो सफ़र करने वाले यात्रियों में इस बढ़ोतरी को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई।
कुछ लोगों का कहना है कि एक रुपये या चार रुपये की वृद्धि ज़्यादा बोझ नहीं है, लेकिन रोज़ाना सफ़र करने वाले मज़दूरों और छात्रों पर असर पड़ सकता है।
दूसरी ओर, कई यात्रियों ने DMRC की इस पॉलिसी को “वाज़िब” बताया, क्योंकि महंगाई और सर्विस क्वालिटी के बीच संतुलन बनाना ज़रूरी है।
एयरपोर्ट एक्सप्रेस: सुविधा बनाम महंगाई
एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर अधिकतम 5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। पहले से ही यह लाइन प्रीमियम मानी जाती है और अन्य लाइनों की तुलना में यहां किराया ऊँचा है। लेकिन यात्रियों के लिए समय की बचत और आरामदायक यात्रा इसे आज भी आकर्षक विकल्प बनाती है।
दिल्ली मेट्रो: देश की शहरी जीवन रेखा
394 किलोमीटर लंबा नेटवर्क, 289 स्टेशन और 12 कॉरिडोर के साथ, दिल्ली मेट्रो आज भारत का सबसे बड़ा शहरी ट्रांज़िट सिस्टम है। रोज़ाना लाखों लोग इसे अपनी “लाइफ़लाइन” मानते हैं।
किराए में मामूली बढ़ोतरी के बावजूद मेट्रो अब भी दिल्ली-एनसीआर के लिए सबसे भरोसेमंद, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन साधन बनी रहेगी।
विश्लेषण: क्या बढ़ोतरी सही समय पर हुई
समर्थन में तर्क
मेट्रो संचालन लागत को देखते हुए बिना किराया बढ़ाए वित्तीय स्थिरता कठिन थी।
नई लाइनों और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश आवश्यक है।
स्मार्ट कार्ड छूट और ऑफ-पीक डिस्काउंट यात्रियों को राहत देते हैं।
विरोध में तर्क
आम आदमी, विशेषकर छात्र और मजदूर वर्ग पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
महंगाई के दौर में यह कदम सामाजिक असंतोष पैदा कर सकता है।
पहले से ही मेट्रो पार्किंग और फूड कोर्ट महंगे हैं, किराया बढ़ोतरी इसे और चुनौतीपूर्ण बनाएगी।
भविष्य की राह
ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट्स का मानना है कि DMRC को सिर्फ किराए पर निर्भर रहने के बजाय राजस्व बढ़ाने के लिए वैकल्पिक स्रोतों पर भी काम करना चाहिए। जैसे:
स्टेशन पर कमर्शियल स्पेस का बेहतर उपयोग
एडवरटाइजिंग और ब्रांडिंग से कमाई
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल का विस्तार
इससे यात्रियों पर बोझ डाले बिना भी मेट्रो वित्तीय रूप से मज़बूत रह सकती है।
निष्कर्ष
दिल्ली मेट्रो का नया किराया ढांचा एक संतुलित प्रयास है। एक ओर यात्रियों पर न्यूनतम असर, दूसरी ओर संस्था की आर्थिक स्थिरता को ध्यान में रखा गया है।
हालांकि, रोज़मर्रा सफ़र करने वालों के लिए यह मामूली बढ़ोतरी भी मायने रखती है। भविष्य में मेट्रो के विस्तार और बेहतर सेवाओं के लिए यात्रियों से वसूली जाने वाली यह अतिरिक्त रकम शायद एक निवेश ही साबित हो।
दिल्ली मेट्रो अब भी दिल्ली-एनसीआर की नब्ज़ है और आने वाले समय में इसका महत्व और बढ़ेगा।